AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
Gold medalist Khushbu: उत्तर प्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज की बेटी खुशबू निषाद ने शहर और देश का नाम रोशन किया है। खुशबू ने लेबनान में आयोजित एशिया MMA चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है।जीत के बाद प्रयागराज पहुंची खुशबू ने अपनी जीत के पीछे की जो इमोशनल कहानी बताई कि सभी के रोंगटे खड़े हो गए।
खुशबू ने बताया कि लेबनान में मेरी विरोधी ने आखिरी पलों में मुझे लगभग 95 प्रतिशत डैमेज कर दिया था। मेरी हिम्मत पूरी तरह टूट चुकी थी। तभी आखिरी के 10 सेकंड में मेरी नज़र मेरी कलाई पर गई। मेरी कलाई पर पापा का नाम लिखा हुआ है।
जैसे ही मैंने वह नाम देखा, मुझे पता नहीं कहां से एकदम से हिम्मत और जोश आ गया। मैं तुरंत उठकर खड़ी हुई। गेम अचानक पलट गया। आखिरी के 5 सेकंड में मैं अपने विरोधी की पीठ पर आई और उसे चोक कर दिया। अंत में मैं जीत गई।
उनकी इस शानदार जीत के बाद
खुशबू ने कहा कि उन्हें दस मिनट तक विश्वास ही नहीं हुआ कि उन्होंने देश के लिए यह कर दिखाया है। यह सब कुछ सिर्फ उन आखिरी दस सेकंड में हुआ। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बड़े नेता और आम जनता सोशल मीडिया पर उन्हें लगातार बधाई दे रहे हैं। खुशबू 13 दिसंबर को जब प्रयागराज पहुंचीं, तो एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया और उनके सम्मान में रोड शो भी निकाला गया।
भाई से प्रेरणा लेकर शुरू किया जूडो
वहीं अपने सफ़र के बारे में खुशबू ने बताया की मुझे बचपन से ही फाइटिंग का शौक था। मैं हमेशा खुद को लड़के की तरह मानती थी और लड़कों की तरह बॉक्सिंग करती थी। मेरे भाई जूडो करते थे, उनसे मोटिवेशन मिला और मैंने सातवीं क्लास से जूडो करना शुरू किया। मेरे पापा भी पहलवानी करते थे। उनका जो खून था, वो मेरे अंदर ज्यादा हावी रहा। भाई ने तो मार्शल आर्ट छोड़ दिया, पर मैंने तय कर लिया था कि मुझे फाइटर ही बनना है। जब मैं 12 साल की उम्र से जूडो और ताईक्वांडो शुरू किया, और फिर MMA में स्विच किया, तो धीरे-धीरे मैं बचपन से तरह-तरह के मार्शल आर्ट सिखाती थी।
पिता ने हमेशा दिया हौसला
खुशबू ने बताया कि उनके पापा ने कभी महसूस नहीं होने दिया कि वह लड़की हैं। पापा हमेशा कहते थे तुम अच्छा करो, मैं तुम्हारे साथ खड़ा हूँ। तेरा बाप तेरे साथ है।' कोई कुछ भी बोले, बस आँख बंद करके अपने लक्ष्य पर ध्यान दे। उन्होंने बताया कि पिछली बार एशियन और वर्ल्ड चैंपियनशिप में वह गोल्ड नहीं ला पाई थीं, इसलिए इस बार उन पर बहुत दबाव था। मैं हमेशा मम्मी-पापा को फ़ोन करके अपनी चिंता बताती थी। पापा ने मुझे बहुत हिम्मत दी और आज उनकी प्रेरणा से मैंने यह गोल्ड मेडल जीता है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
संबंधित विषय:
Published on:
15 Dec 2025 01:11 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।