Patrika Logo
Switch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

प्लस

प्लस

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

हाईकोर्ट ने कहा: छोटे शहर तक हवाई सेवाएं पहुंची, क्र500 करोड़ खर्च होने के बाद भी ग्वालियर पिछड़ा

देश के छोटे-छोटे शहरों तक जब हवाई सेवाएं पहुंच चुकी हैं, तब ग्वालियर जैसा ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व वाला शहर आज भी सीमित उड़ानों तक सिमटा ...

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
Congress expresses objection over non-appointment to 121 reserved posts in MP
सिविल जज परीक्षा में आदिवासी की नियुक्ति नहीं होने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए

ग्वालियर. देश के छोटे-छोटे शहरों तक जब हवाई सेवाएं पहुंच चुकी हैं, तब ग्वालियर जैसा ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व वाला शहर आज भी सीमित उड़ानों तक सिमटा हुआ है। ग्वालियर एयरपोर्ट पर करीब 500 करोड़ रुपए की लागत से नया टर्मिनल और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया, लेकिन फिलहाल यहां से सिर्फ तीन उड़ानें ही संचालित हो रही हैं। इसी स्थिति को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर अब केंद्र और राज्य सरकार दोनों से जवाब मांगा गया है।

हाईकोर्ट ने मांगे स्पष्ट निर्देश, दिसंबर में होगी अगली सुनवाई

हाईकोर्ट की युगल पीठ ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और राज्य शासन से कहा है कि वे हवाई सेवाओं की मौजूदा स्थिति और आगे उठाए जाने वाले कदमों पर तीन सप्ताह में स्पष्ट निर्देश अदालत को दें। अदालत ने मामले को दिसंबर माह की सूची में अगली सुनवाई के लिए दर्ज किया है।

क्रेडाई अध्यक्ष ने लगाई गुहार- ग्वालियर को उड़ान नीति से वंचित क्यों रखा

कनफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई ) के अध्यक्ष सुदर्शन झवर ने जनहित याचिका दायर करते हुए सवाल उठाया कि जब केंद्र सरकार की उड़ान नीति 2016 के तहत छोटे कस्बों तक हवाई सेवाएं पहुंचाई जा चुकी हैं, तो ग्वालियर जैसे बड़े शहर को क्यों नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भी मध्यप्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी 2025 लागू की है, जिसमें एयरपोर्ट और हेलीपैड के विकास के स्पष्ट प्रावधान हैं, फिर भी ग्वालियर में ठोस कदम नहीं उठाए गए।

यात्रियों की कमी नहीं, इच्छाशक्ति की कमी है

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि ग्वालियर से हर दिन बड़ी संख्या में यात्री दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, जयपुर और अन्य शहरों के लिए यात्रा करते हैं। बावजूद इसके यहां सीधी उड़ानों की संख्या बेहद कम है। उन्होंने कहा — यात्रियों की कमी नहीं है, उड़ानों को बढ़ाने और नए रूट शुरू करने में इच्छाशक्ति की कमी है।

विमानन क्षेत्र बदला, पर ग्वालियर वहीं का वहीं

पिछले दस वर्षों में भारतीय विमानन क्षेत्र में जबरदस्त बदलाव आया है। नई एयरलाइंस जुड़ी हैं, छोटे शहरों को देश के नेटवर्क से जोड़ा गया है, लेकिन ग्वालियर इस विकास से अछूता रहा। 500 करोड़ रुपए की लागत से बने नए एयरपोर्ट टर्मिनल के बावजूद यहां अब तक पर्याप्त उड़ानें शुरू नहीं हो सकी हैं।

केंद्र और राज्य दोनों से जवाब तलब

सुनवाई के दौरान यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल प्रवीण कुमार नेवास्कर और राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक खेडकऱ उपस्थित रहे।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को निर्देश दिए कि वे नीतियों के क्रियान्वयन और भविष्य की कार्ययोजना पर स्पष्ट जवाब तीन सप्ताह में पेश करें।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar