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CGMSC: सब-स्टैंडर्ड फेनीटोन इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी को नोटिस… जानिए किस इलाज में होता है इसका उपयोग

CGMSC: सीजीएमएससी ने मिर्गी व हेड इंजुरी में झटके रोकने वाले इंजेक्शन फेनीटोन सोडियम सप्लाई करने वाली सिस्टोकेम लेबोरेटरी दिल्ली को नोटिस थमा दिया है।

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CGMSC: सब-स्टैंडर्ड फेनीटोन इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी को नोटिस... जानिए किस इलाज में होता है इसका उपयोग(photo-patrika)
CGMSC: सब-स्टैंडर्ड फेनीटोन इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी को नोटिस... जानिए किस इलाज में होता है इसका उपयोग(photo-patrika)

CGMSC: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) ने मिर्गी व हेड इंजुरी में झटके रोकने वाले इंजेक्शन फेनीटोन सोडियम सप्लाई करने वाली सिस्टोकेम लेबोरेटरी दिल्ली को नोटिस थमा दिया है। साथ इसी कंपनी में बने अन्य बैच के स्टैंडर्ड इंजेक्शन की सप्लाई अस्पतालों में रोक दी गई है।

यह कदम ऐहतियातन उठाया गया है। साथ ही कंपनी को नई बैच का इंजेक्शन भेजने को कहा गया है। यही नहीं दोनों बैचों को पूर्व में परीक्षण करने वाली लैब से अलग अन्य अनुबंधित एनएबीएल प्रमाणित लैब में फिर से क्वॉलिटी परीक्षण के लिए भेजा गया है।

CGMSC: कंपनी को नोटिस...

पत्रिका ने 9 जुलाई के अंक में अब मिर्गी और हेड इंजुरी में झटके रोकने वाला इंजेक्शन फेनीटोन सोडियम निकला सब स्टैंडर्ड शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद दवा कॉर्पोरेशन को कंपनी से जवाब तलब किया है। नोटिस में पूछा गया है कि आखिर सब स्टैंडर्ड इंजेक्शन की सप्लाई क्यों की गई? क्यों न इसके लिए कंपनी के खिलाफ सत कार्रवाई की जाए। कंपनी से एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है।

इंजेक्शन की सप्लाई आंबेडकर अस्पताल के अलावा डीकेएस सुपर स्पेशलिटी समेत प्रदेशभर के सभी जिला अस्पतालों व सीएचसी में हुई थी। दवा कॉर्पोरेशन ने इंजेक्शन के उपयोग पर बैन लगा दिया है। साथ ही इंजेक्शन के सभी स्टॉक को वापस मंगाया है। अधिकारियों के अनुसार इस दवा की आपातकालीन उपयोगिता एवं नेरो थैरेपेटिक इंडेक्स होने के कारण, इसकी गुणवत्ता एवं निर्माण मानकों का सटीक पालन अत्यंत आवश्यक होता है।

सीजीएमएससी ने ऐहतियातन स्टैंडर्ड इंजेक्शन की सप्लाई भी रोकी

पावडर के बजाय लिक्विड फार्म में बनाया इंजेक्शन, यह अमान्य: जो इंजेक्शन सब स्टैंडर्ड निकला है, उसका ड्रग कोड डी 409 है। यह 1 मार्च 2025 में बना है और 28 फरवरी 2027 में एक्सपायर होगा। इसका बैच नंबर सीपीवाय 2503 है। दवा कंपनी ने इस इंजेक्शन को पावडर के बजाय लिक्विड फार्म में बना दिया है।

यह इंडियन फार्माकोपिया (आईपी) के अनुसार मान्य नहीं है। बैच नंबर सीपीवाय 2502 जांच में मानक गुणवत्ता वाली पाई गई। दवा कॉर्पोरेशन द्वारा सप्लाई इंजेक्शन व दवा लगातार घटिया निकल रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार लाइफ सेविंग इंजेक्शन के घटिया निकलने से मरीजों की जान पर खतरा बढ़ जाता है।

एमडी सीजीएमएससी पद्मिमनी भोई साहू की सीजीएमएससी क्वॉलिटी बेस्ड दवाओं के वितरण पर विश्वास करता है। दिल्ली की कंपनी को सत चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया गया है। दो अन्य लैब में इंजेक्शनों को जांच के लिए भेजा गया है। इसमें भी सब स्टैंडर्ड निकलने पर कंपनी के खिलाफ सत कार्रवाई की जाएगी।

इंजेक्शन का उपयोग

यह लाइफ सेविंग एंटी एपिलेस्टिक इंजेक्शन है।

लगातार या बार-बार दौरे पड़ने की स्थिति में।

ब्रेन के ऑपरेशन के पहले या बाद में दौरा रोकने के लिए।

सिर में चोट या ब्रेन सर्जरी के बाद दौरा रोकने में।

कुछ विशेष मामलों में कार्डियक एरिदमिया के इलाज में भी।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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