AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Electricity Bill: दिनेश कुमार. हॉफ बिजली छूट योजना का दायरा सीमित होने और पीएम सूर्यघर योजना में केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से मिलने वाली डबल सब्सिडी के कारण उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट कर ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। इसका फायदा भी आमजन को मिल रहा है। सोलर पैनल लगाने से प्रदेशभर के सैकड़ों उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य आने लगा है।
प्रकाश मोबाइल ऐप की जानकारी के अनुसार प्रदेशभर के सोलर पैनल लगाने से 1312 उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य हो गया है। इसके अलावा सोलर से अधिक उत्पादन होने पर उपभोक्ता अपनी बिजली बेच भी रहे हैं। प्रदेशभर मे वर्तमान में 1 लाख से ज्यादा उपभोक्ता सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदन कर चुके हैं। सोलर पैनल की आयु 25 वर्षों तक होती है। यानि 25 वर्षों तक सोलर से उपभोक्ता मुफ्त बिजली का लाभ ले सकेगा।
यह सब्सिडी केवल डीसीआर पैनल (Domestic Content Requirement) यानि मेड इन इंडिया सोलर पैनल और उपकरण लगाने पर ही उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलेगी। नान डीसीआर पैनल लगाने पर न राज्य और न ही केंद्र सरकार दोनों प्रकार की सब्सिडी उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी। इसलिए उपभोक्ता वेंडर चुनते समय इस बात की सावधानी और जानकारी रखने की जरूरत है। चीन निर्मित या न देशों से निर्मित सोलर पैनल वेंडर की ओर से उपभोक्ता द्वारा लगाने पर कोई भी सब्सिडी प्रदान नहीं की जाएगी और उपभोक्ता को पैनल लगाने का पूरा खर्च स्वयं वहन करना पड़ेगा।
सितंबर माह में उपभोक्ताओं के घरों में सोलर प्लांट लगाने के जहां 5866 औसत आवेदन मासिक मिलते थे। वहीं, नवंबर-दिसंबर माह में औसत 25000 आवेदन मिल रहे हैं। प्लांट के स्थापना भी 2106 औसत प्रतिमाह से बढ़कर 4500 करीब पहुंच गई है। अब तक प्रदेश में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के लिए 1.12 लाख घरेलू उपभोक्ता आवेदन कर चुके हैं, जिनमें से 17500 घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाये जा चुके हैं।
3 किलोवाट तक के कनेक्शन में 1.08 लाख रुपए सब्सिडी
-1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट से प्रतिमाह औसतन 120 यूनिट बिजली उत्पादन होता है, जिस पर 30000 केंद्र से व 15000 रुपए राज्य से, कुल 45,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। उपभोक्ता को लगभग 15000 स्वयं वहन करने होते हैं।
-2 किलोवॉट प्लांट के लिए प्रतिमाह औसतन 240 यूनिट उत्पादन संभव है, जिस पर 90000 तक कुल सब्सिडी मिलती है, जिसमें 60000 केंद्र $और 30000 राज्य से मिलती है। उपभोक्ता को केवल 30000 खर्च करना होता है।
-3 किलोवॉट क्षमता के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन संभव है, और इसमें 78000 केंद्र से 30000 रुपए राज्य यानी कुल 108000 रुपए की सहायता मिलती है। उपभोक्ता को 72000 वहन करना पड़ता है, जो ऋण पर भी उपलब्ध है।
उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार कम ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध करा रही है। सब्सिडी के बाद बची मार्जिन मार्जिन मनी के लिए बैंकों से 10 वर्षों के लिए 6 प्रतिशत की ब्याज दर पर आसान ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने राज्य सब्सिडी पैनल स्थापना के एक माह के भीतर स्टेट सब्सिडी देने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत गत 16 दिसंबर तक करीब 11000 हितग्राहियों के बैंक खाते में सब्सिडी उनके बैंक खातों में अंतरित कर दी गई है।
सोलर पैनल लगाने वाले उपभोक्ताओं की लगातार बढ़ रही संख्या
जून माह में आवेदन- 1607 औसत मासिक, स्थापना-337
सितंबर माह में आवेदन-5866 औसत मासिक, स्थापना-2106
नवंबर-दिसंबर माह में आवेदन- करीब 25000 औसत मासिक, स्थापना-4500
1.12 लाख कुल आवेदन मिल चुके(करीब सभी अप्रुल)
55000 से ज्यादा उपभोक्ताओं ने वेंडर चयन कर चुके
17500 घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लग चुके
11000 से ज्यादा उपभोक्ताओं को मिल चुकी सब्सिडी
13200 से ज्यादा उपभोक्ताओं ने सब्सिडी के लिए किया आवेदन
सोलर एनर्जी शाखा, डायरेक्टर, आरए पाठक ने पत्रिका को बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी देने और हॉफ बिजली योजना का दायरा घटाने के तेजी से आम उपभोक्ता पीएम सूर्यघर योजना को अपनाया है। सैकड़ों उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य आने लगा है। वहीं, कई बेच भी रहे हैं। उन्हें बिजली कंपनी 2.50 रुपए प्रति यूनिट दर से वार्षिक जमा बिजली का भुगतान कर रही है। जिन उपभोक्ताओं की खपत 300 यूनिट प्रतिमाह है उन्हें 3 किलोवाट का सोलर प्लांट लगवाना चाहिए, जिससे उनका बिजली बिल शून्य हो जाए।
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Updated on:
20 Dec 2025 07:08 pm
Published on:
20 Dec 2025 06:44 pm


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