AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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एयरपोर्ट से सवारी बैठाने में कुछ चुनिंदा टैक्सी-कैब कंपनी वालों का दबदबा है। उनके अलावा शहर के दूसरे टैक्सी-कैब वाले सवारी नहीं बैठा सकते। एक तरह से एयरपोर्ट में सस्ती टैक्सी सुविधा पर रोक और महंगी टैक्सी वालों को खुली छूट है। एयरपोर्ट में तीन प्राइवेट कंपनियों की टैक्सी-कैब वाले ही सवारी बैठा रहे हैं। शहर के अन्य टैक्सी-कैब वालों को सवारी बैठाने नहीं दे रहे हैं। उन पर अघोषित रोक लगा रखी है। कोई सवारी बैठाने की कोशिश करते हैं, तो उनसे विवाद किया जाता है। गुंडागर्दी की जाती है। इससे एयरपोर्ट से शहर आने वालों को मजबूरी में तीन कंपनियों की महंगी टैक्सी-कैब बुक करनी पड़ती है।
शहर की टैक्सी-कैब के अलावा सवारी ऑटो वालों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। उन्हें एयरपोर्ट से सवारी बैठाने नहीं दिया जा रहा है। इसकी शिकायत ऑटो यूनियन वाले कर चुके हैं। गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ माना थाने में भी शिकायत कर चुके हैं। सवारी ऑटो वालों को तो कई बार पार्किंग तक में आने नहीं देते हैं।
एयरपोर्ट में तीन कंपनियों की टैक्सी-कैब वालों का कब्जा है। ऑनलाइन या कॉल से बुकिंग करने पर ये एयरपोर्ट से शहर आने-जाने के लिए 1000 से 1500 रुपए तक लेते हैं, जबकि सामान्य टैक्सी-कैब या ऑटो वाले 500 से 800 रुपए लेते हैं। कई बार शेयरिंग करके और कम रेट लेते हैं। इस कारण एयरपोर्ट से इन्हें सवारी बैठाने नहीं दिया जा रहा है।
सुभाष नगर इलाके में रहने वाला मोहम्मद शाहिद अपनी टैक्सी से किराएदार को एयरपोर्ट छोड़ने गया। एयरपोर्ट में देखते ही कुछ लड़कों ने उन्हें सवारी नहीं बैठाने कहा। इस बात पर उनका विवाद हो गया। इसके बाद पार्किंग वालों ने माना पुलिस में शाहिद के खिलाफ शिकायत की। पुलिस ने उसे प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया।
एयरपोर्ट में फिर गुंडागर्दी शुरू हो गई है। कुछ साल पहले निजी ट्रेवल्स कंपनी में काम करने वाली युवतियां सवारी और टैक्सी वालों से गुंडागर्दी करती थीं। भारी विवादों के बाद ट्रेवल्स एजेंसी को हटाया गया। इसके बाद फिर तीन प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों ने माहौल खराब करना शुरू कर दिया है।
ऑटो यूनियन संघ के अध्यक्ष कमल पांडेय का कहना है कि एयरपोर्ट प्रबंधन के अलावा पुलिस में कई बार शिकायत की जा चुकी है। एयरपोर्ट अथॉरिटी को ज्ञापन भी सौंपा गया है। एयरपोर्ट से आने वाले सवारियों को उनकी जरूरत के हिसाब से हर विकल्प देना चाहिए। अभी मजबूरी में उन्हें कुछ चुनिंदा कंपनियों की टैक्सी-कैब को लेना पड़ रहा है, जो काफी महंगी पड़ती है। इसका विरोध किया जाएगा।
ट्रैफिक डीएसपी सतीश सिंह ठाकुर का कहना है कि ऐसी शिकायत मिलेगी, तो कार्रवाई करेंगे। फिलहाल अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। एयरपोर्ट से शहर आने-जाने वालों के लिए अपनी सुविधा अनुसार यात्रा विकल्प होना चाहिए। उन पर किसी तरह का दबाव नहीं होना चाहिए।
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Published on:
25 Nov 2025 01:17 am


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