AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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सीजीपीएससी से की जा रही सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती में स्थानीय अभ्यर्थियों को 5 साल की छूट रहेगी। निर्धारित आयु 35 वर्ष है। इस तरह छूट मिलाकर स्थानीय डॉक्टर 40 साल की उम्र में भी पीएससी भर्ती के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में सेवाएं दे सकते हैं। सोचने वाली बात ये है कि क्या सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर केवल प्रदेश से आएंगे? बाहर के राज्यों के डॉक्टरों के लिए उम्र सीमा 30 रखी गई है। ज्यादातर डॉक्टरों का कहना है कि 30 साल में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं बना जा सकता। उम्र सीमा के कारण अन्य राज्यों के डॉक्टर स्वत: ही बाहर हो जाएंगे।
दूसरी ओर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जोगेश बिशनदासानी के संबंध में 2 नवंबर 2022 को डीएमई डॉ. विष्णु दत्त ने सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखा है। इसमें कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने के कारण डॉ. जोगेश को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति नियमानुसार कार्रवाई करने को कहा है। पत्र में ये भी कहा गया है कि विज्ञापन के समय उनकी उम्र 35 वर्ष 6 माह के आसपास थी तथा वर्तमान में आयु 38 वर्ष से कम है। आवेदक ने आवेदन में बताया था कि वे असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एकमात्र योग्य उम्मीदवार हैं। इस मामले में डॉ. जोगेश ने कंटेप्ट ऑफ कोर्ट के बजाय रिट याचिका दायर की है। इसका पिटीशन नंबर डब्ल्यूपीएस 2797/2021 तथा डब्ल्यूपीएस 5760/2022 है। 2022 वाली दूसरी पिटीशन है। डॉ. जोगेश ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि उन्हें नियुक्त करने के लिए डीएमई कार्यालय ने अनुशंसा भी की थी, लेकिन शासन ने ध्यान नहीं दिया।
2022 के बाद पीएससी से होने वाली नियमित 125 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती से छात्रों की टीचिंग व मरीजों के इलाज में सुविधा मिलेगी। स्पेशलिस्ट डॉक्टर तो काफी आएंगे, लेकिन सुपर स्पेशलिस्ट कम आएंगे। एसीआई में संविदा में सेवा दे रहीं एक महिला कार्डियक एनेस्थेटिस्ट रेगुलर पोस्ट में ज्वाइन करने की इच्छुक हैं, लेकिन उनकी उम्र 33 से ऊपर है। वह गुजरात से डीएम की है और उन्होंने 50 लाख जमा कर दो साल की बांड सेवा छोड़कर आई थी। नियमों के फेर में वह आवेदन भी नहीं कर पाएंगी।
प्रदेश में सुपर स्पेशलिटी डॉक्टर महज 9 हैं। वे लंबे समय से अलग कैडर व वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन शासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। मध्यप्रदेश में अलग कैडर व हर साल 10 फीसदी इंक्रीमेंट मिल रहा है। यहां स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तरह वेतन मिल रहा है। इससे डॉक्टरों में नाराजगी भी है। हाल में स्वास्थ्य मंत्री व सीएमई कार्यालय ने अलग कैडर व वेतन बढ़ाने पर रुचि दिखाई है, लेकिन देखना होगा, ये काम कब तक पूरा होता है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
20 Nov 2025 12:16 am


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