AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Azam khan quality bar land grab case: क्वॉलिटी बार की जमीन कब्जाने से जुड़े चर्चित मामले में बुधवार को आरोप तय नहीं हो सके, जिसके बाद अदालत ने 4 जनवरी की नई तारीख मुकर्रर की है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के खिलाफ चल रहा यह प्रकरण लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया में अटका हुआ है और बुधवार का दिन एक बार फिर बिना किसी ठोस निर्णय के निकल गया। अदालत में आरोप तय किए जाने थे, परंतु कार्यवाही संभव न होने के चलते सुनवाई आगे बढ़ा दी गई।
यह मामला नवंबर 2019 का है, जब सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र स्थित क्वॉलिटी बार की जमीन पर अनियमित कब्जे का आरोप लगाते हुए तत्कालीन राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में आरोप था कि मंत्री रहते हुए आजम खान ने जिला सहकारी संघ की जमीन पर बने क्वॉलिटी बार की 302 वर्ग मीटर जगह अपनी पत्नी को मात्र 1200 रुपये मासिक किराये पर अलॉट करा दी थी। बाद में इस किराये की सूची में आजम खान के बेटे को भी सह-किरायेदार के रूप में जोड़ा गया, जिससे मामला और विवादास्पद हो गया।
साल 2019 में जिला सहकारी संघ के तत्कालीन चेयरमैन जफर अली जाफरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उक्त किरायेदारी का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसी फैसले को लेकर सवाल उठे और प्रशासनिक स्तर पर जांच के बाद मामला एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में पहुंचा। आरोप है कि बार का किराया बेहद कम तय किया गया और जमीन का उपयोग निजी हितों के लिए किया गया।
बुधवार को कोर्ट में आरोप तय किए जाने थे, लेकिन कार्यवाही पूरी न हो सकी। इससे अब सभी की नजर 4 जनवरी की सुनवाई पर टिक गई है, जहां तय होगा कि आजम खान और परिवार के खिलाफ आगे की कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में बढ़ेगी। यह मामला राजनीतिक रूप से भी काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें पूर्व मंत्री, उनकी पत्नी और बेटे की कथित भूमिका चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
11 Dec 2025 09:03 am


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