AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Bhagwan Shiva T shirts: भगवान शिव का प्रिय महीना सावन 2025 इस साल 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। चातुर्मास में पड़ने वाले इस महीने में जगतपालक विष्णु समेत सभी देवता योग निद्रा में होते हैं, जबकि आदि योगी महादेव सृष्टि का संचालन करते हैं। मान्यता है कि शिवजी इस महीने में आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए श्रावण महीने में भक्त भगवान शिव की उपासना में डूबे रहते हैं (Mantra Likhe Clothes Pahan Sakte Hain Ya Nahin)।
लेकिन भक्तिपूर्ण महौल, फैशन और नए जमाने से तालमेल बिठाते भक्त कई बार जाने अनजाने ऐसी गलती कर देते हैं कि जिससे पूजा का फल निष्फल हो जाता है और मंगल की जगह, अमंगल हो सकता है। इसीलिए यह जानना जरूरी है पूजा संबंधित कोई क्रियाकलाप शास्त्रों के अनुसार सही है या गलत। इसी के अनुसार आजकल लोग पूजा से पहले शिवजी के मंत्र लिखे कपड़े भी पहनने लगे हैं। आइये वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज से जानें वासुदेव मंत्र, गायत्री मंत्र, पंचाक्षरीय शिव मंत्र छपे कपड़े पहनना सही है या गलत और सोमवारी के दिन कौन सा कपड़ा पहनना चाहिए?
प्रेमानंद महाराज के अनुसार शिव मंत्र लिखे वस्त्र नहीं पहनना चाहिए। कलियुग के प्रभाव से यह बढ़ रहा है। लेकिन शास्त्रों में मंत्र लिखे वस्त्र पहनना निषिद्ध है। ये वैदिक मंत्र हृदय में लिखना चाहिए, कपड़े पर नहीं। इन वैदिक मंत्रों का बाहर उच्चारण करना अच्छा नहीं होता है। यह गुरु से लेकर मन ही मन जपा जाता है।
गायत्री मंत्र, शिव मंत्र, वासुदेव मंत्र का उच्चारण नहीं किया जाना चाहिए। भगवान का मंत्र मंगलकारी होता है, मगर भगवान के मंत्र का कीर्तन अमंगलकारी है। यह उपांश और मानसिक जपा जाता है, वाचिक नहीं, कीर्तन नहीं। यह कलियुग के प्रभाव, अज्ञान वृद्धि के कारण कीर्तन किया जाता है, यह बुद्धि भ्रष्ट करने वाला है।
प्रेमानंद महाराज के अनुसार इन मंत्रों की साधना आत्मिक होती है, दिखावे के लिए नहीं। देवी देवताओं के चित्र और मंत्र प्रिंट कपड़े नहीं पहनना चाहिए। इसको पहनकर शुद्धता का पालन असंभव है और इसमें असफल रहने पर इनका अपमान होगा, जो आपके लिए अमंगलकारी हो सकता है। किसी ने मंत्र लिखे कपड़े खरीद लिए हैं तो उसे यमुना या अन्य किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
सावन में शिवजी की पूजा के दौरान चाहे सोमवार हो, प्रदोष या शिवरात्रि पूजा के समय भगवान शिव के प्रिय रंग वाले कपड़े पहनने चाहिए। मान्यता के अनुसार भगवान शिव को हरा रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए सोमवारी के दिन हरे रंग के कपड़े पहनें तो यह शुभ होगा। इसके अलावा शिवरात्रि समेत अन्य सभी दिनों की पूजा में लाल, पीले, गुलाबी, नारंगी और सफेद रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं।
हिंदू धर्म में शनि पूजा को छोड़कर अधिकांश देवों की पूजा में काले और नीले रंग को शामिल करना अच्छा नहीं माना जाता है। चूंकि इन रंगों का जुड़ाव शनि और राहु से होता है तो लोगों का मानना है कि ये रंग नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर लेते हैं। इससे पूजा में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए शिव पूजा में भी ऐसे रंगों के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
वहीं सावन 2025 में शिव पूजा या अनुष्ठान के दौरान भारतीय संस्कृति के अनुसार हिंदू धर्म में पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी पहनना अच्छा होता है। ये ड्रेस सूती कपड़े का रहेगा तो आरामदायक रहेगा। कुंवारी लड़कियां सूट धारण कर पूजा कर सकती हैं.
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
14 Jul 2025 11:35 am
Published on:
04 Jul 2025 12:46 pm


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