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100 से ज्यादा पेड़ों पर लटकी विकास की तलवार, शहर का आठवां इलाका जहां बल्क में कटेंगे पेड़

पेड़ों के बीच खड़े हो गए पिलर, पीएचई की जमीन पर 8 करोड़ से बनना है ऑडिटोरियम सागर. शहर में अब एक और क्षेत्र में विकास के नाम पर 100 से ज्यादा पेड़ों पर विकास की तलवार लटक गई है। तिली चौराहे स्थित पीएचई की जमीन हैंडओवर होने के बाद अब वहां पर सर्वसुविधायुक्त आधुनिक […]

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पेड़ों के बीच खड़े हो गए पिलर, पीएचई की जमीन पर 8 करोड़ से बनना है ऑडिटोरियम

सागर. शहर में अब एक और क्षेत्र में विकास के नाम पर 100 से ज्यादा पेड़ों पर विकास की तलवार लटक गई है। तिली चौराहे स्थित पीएचई की जमीन हैंडओवर होने के बाद अब वहां पर सर्वसुविधायुक्त आधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाना है। यहां पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है और वर्तमान में पेड़ों के बीच ही पिलर खड़े कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि यह शहर का 8वां इलाका है, जहां पर पेड़ों की बल्क में कटाई की जाएगी।

पूर्व में यहां बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा गया

पिम्पलापुरे मार्ग- 2016-17 में पिम्पलापुरे मार्ग को आदर्श सड़क बनाने के लिए मार्ग का चौड़ीकरण किया गया था, जिसमें 80 से ज्यादा सौ साल पुराने पेड़ों को काटा गया था।

लिंक रोड- मकरोनिया चौराहे से सिविल लाइन चौराहे तक के मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर दो बार अलग-अलग समय में 100 से ज्यादा पेड़ों को काटा गया। उन पेड़ों शिफ्ट करने तक का प्लान नहीं बनाया गया, जिसमें अर्जुन जैसे पेड़ भी शामिल थे।

एसआर-2- स्मार्ट रोड-2 सिविल लाइन चौराहे से तिली चौराहे तक मार्ग चौड़ीकरण के नाम पर 100 से ज्यादा पेड़ों को काटा गया। इन पेड़ों की शिफ्टिंग का आश्वासन भी दिया गया, लेकिन पेड़ राजघाट के जंगल में लगा दिए, जहां यह जानना मुश्किल है कि वह शिफ्टिंग वाले पेड़ हैं या नहीं। पेड़ों की मार्किंग भी गायब हो गई।

संजय ड्राइव- संजय ड्राइव मार्ग जब पीडब्ल्यूडी से नगर निगम के हैंडओवर हुआ तो इसके कायाकल्प के नाम पर सबसे पहले पेड़ों को काटा गया। यहां पर 100 से ज्यादा पेड़ लगे थे।

चंद्रा पार्क- चंद्रा पार्क की हरियाली के लिए कई संगठनों ने लाखों रुपए खर्च किए थे, लेकिन कोविड काल में स्मार्ट सिटी ने उक्त पेड़ों को एक ही झटके में सफाया कर दिया।

भोपाल रोड- मोतीनगर चौराहे से लेदहरा नाका तक पूर्व में बड़ी संख्या में पेड़ थे, लेकिन मार्ग चौड़ीकरण के नाम पर सैकड़ों की संख्या में पेड़ काटे गए, जिनकी शिफ्टिंग का दावा किया गया, लेकिन कोई प्रयास नहीं हुए।

कदरयाऊ घाटी- दो साल पहले ही पीली कोठी से कदरयाऊ घाटी वाले मार्ग का निर्माण कार्य किया गया है, जिसमें 60 से ज्यादा पेड़ों को काट दिया गया।

शिफ्टिंग वाले हर पेड़ को बचाएंगे

तिली चौराहे पर 400 सीटर ऑडिटोरियम तैयार किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी को समझाइश दी है कि ऐसे एक भी पेड़ को न काटें, जिसकी शिफ्टिंग संभव है। उक्त परिसर से पेड़ों की शिफ्टिंग की जाएगी।
- राजकुमार खत्री, निगमायुक्त

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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