Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

फर्जी मुठभेड़ का पर्दाफाश: सीओ-कोतवाल समेत 13 पुलिसकर्मियों पर FIR, जेल में बंद युवक को बना दिया लूट का आरोपी

Sambhal News: संभल में फर्जी मुठभेड़ के आरोपों ने पुलिस महकमे को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अदालत ने एक ऐसे मामले में 13 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिसमें लूट के दिन एक आरोपी जेल में बंद था, फिर भी उसे झूठे केस में फंसाकर जेल भेज दिया गया।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
sambhal fake encounter case fir order against police officers
फर्जी मुठभेड़ का पर्दाफाश

Sambhal Fake Encounter: उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ों को लेकर पहले से चल रही बहस के बीच संभल जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बहजोई थाना पुलिस पर आरोप है कि उसने फर्जी मुठभेड़ दिखाकर दो युवकों को लूट और वाहन चोरी के मामलों में फंसा दिया, जबकि इनमें से एक युवक घटना के समय जेल में बंद था। न्यायालय ने इस मामले को गंभीर मानते हुए 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

एक लाख की लूट से जुड़ा है पूरा मामला

यह मामला 25 अप्रैल 2022 का बताया गया है। अर्जुनपुर जूना गांव निवासी दुर्वेश पुत्र वीरपाल बहजोई से दूध का भुगतान लेकर दोपहर लगभग 1:10 बजे अपने गांव लौट रहे थे। इसी दौरान मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात लोगों ने उनसे एक लाख रुपये लूट लिए। घटना के करीब डेढ़ घंटे बाद, बहजोई थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 392 आईपीसी के तहत मुकदमा संख्या 185/2022 दर्ज किया गया।

विवेचना में कथित साजिश का आरोप

इस लूट मामले की विवेचना पहले तत्कालीन एसएचओ पंकज लवानिया ने उपनिरीक्षक प्रबोध कुमार को सौंपी, जिसे बाद में तत्कालीन निरीक्षक अपराध राहुल चौहान को स्थानांतरित कर दिया गया। आरोप है कि विवेचना के दौरान तत्कालीन सीओ बहजोई गोपाल सिंह सहित कई पुलिसकर्मियों ने आपसी मिलीभगत से एक षड्यंत्र रचा और निर्दोष युवकों को झूठे मामलों में फंसा दिया।

फर्जी मुठभेड़ दिखाकर गिरफ्तारी का दावा

पीड़ित पक्ष का आरोप है कि 7 जुलाई 2022 को पुलिस ने एक फर्जी मुठभेड़ की कहानी गढ़कर धीरेंद्र और अवमेश को गिरफ्तार किया। इसके बाद दोनों को 19 मोटरसाइकिल लूट और चोरी के मामलों से जोड़ते हुए 25 अप्रैल की लूट का भी आरोपी बना दिया गया और जेल भेज दिया गया।

घटना के दिन जेल में था आरोपी धीरेंद्र

अदालती रिकॉर्ड के अनुसार, आरोपी धीरेंद्र 11 अप्रैल 2022 से 12 मई 2022 तक जिला कारागार बदायूं में निरुद्ध था। उसे 26 अप्रैल 2022 को जमानत मिली, लेकिन रिहाई 12 मई को हुई। ऐसे में 25 अप्रैल को हुई लूट में उसकी मौजूदगी असंभव थी, इसके बावजूद 12 जुलाई 2022 को पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

उच्चाधिकारियों से शिकायत, नहीं मिली राहत

पीड़ित ओमवीर पुत्र भगवान दास ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए झूठी बरामदगी और फर्जी कागजात तैयार किए। ओमवीर का कहना है कि उसने इस मामले की शिकायत कई बार उच्च पुलिस अधिकारियों से की, लेकिन कहीं से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद उसे अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

न्यायालय ने रिकॉर्ड देखकर जताई गंभीर चिंता

न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान एफआईआर, शपथ पत्र, जमानत आदेश, रिमांड सीट और थाना बहजोई से प्राप्त रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया। अदालत ने स्पष्ट रूप से माना कि जिस दिन लूट की घटना दर्शाई गई है, उस दिन आरोपी पहले से जेल में बंद था।

षड्यंत्र और कूटरचना के संकेत पाए गए

अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला पुलिसकर्मियों द्वारा षड्यंत्र, अवैध विवेचना, दस्तावेजों की कूटरचना और सरकारी पद के दुरुपयोग जैसे गंभीर संज्ञेय अपराधों की ओर संकेत करता है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

सीओ को राहत, बाकी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई

हालांकि न्यायालय ने तत्कालीन सीओ बहजोई गोपाल सिंह के विरुद्ध प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर उन्हें आदेश से पृथक कर दिया, लेकिन अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ विवेचना कराए जाने को आवश्यक माना।

एफआईआर दर्ज कर विवेचना के सख्त निर्देश

न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पूर्व निर्णयों का हवाला देते हुए कहा कि लोकसेवकों को गैरकानूनी कृत्यों के लिए कोई संरक्षण नहीं दिया जा सकता। अदालत ने बहजोई थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों के आधार पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष विवेचना सुनिश्चित की जाए और तीन दिनों के भीतर इसकी सूचना न्यायालय को दी जाए।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar