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ब्लड बैंक में ‘HIV पॉजिटिव’ ने दो बार किया रक्तदान, खून देने वाला पेशेवर डोनर

MP News: मामले की गंभीरता को देखते हुए दफ्तर खोलकर दोबारा इसके रिकॉर्ड खंगाले गए लेकिन संबंधित संदिग्ध डोनर के रिकॉर्ड एआरटी सेंटर में सत्यापित नहीं हो सके हैं।

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HIV-positive blood
HIV-positive blood प्रतिकात्मक फोटो (Photo Source - Patrika)

MP News: जिला अस्पताल ब्लड बैंक के संक्रमित रक्त से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के एचआइवी पॉजिटिव होने के मामले की जांच अब बिरला अस्पताल के ब्लड बैंक की ओर घूम गई है। दिल्ली से जांच करने पहुंची नाको की टीम को दो एचआइवी संदिग्ध ब्लड डोनेशन मिले हैं, जिनके दस्तावेजीकरण से टीम भी हैरान हो गई।

असल में दोनों ब्लड डोनेशन एक ही व्यक्ति के बताए जा रहे हैं, जो पेशेवर डोनर है। इसे देखते हुए बिरला अस्पताल पहुंची टीम ने बिरला ब्लड बैंक से कई रिकॉर्ड जांच के लिए ले आई है। उधर, प्राथमिक जांच में यह जानकारी सामने आई है कि तय प्रोटोकॉल के तहत बिरला प्रबंधन की ओर से इसकी सूचना एआरटी सेंटर को नहीं मिली है।

जानकारी एआरटी सेंटर को दी गई

हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए दफ्तर खोलकर दोबारा इसके रिकॉर्ड खंगाले गए लेकिन संबंधित संदिग्ध डोनर के रिकॉर्ड एआरटी सेंटर में सत्यापित नहीं हो सके हैं। हालांकि मामले की पुष्टि संबंधित अधिकारियों ने अनाधिकारिक तौर पर की है। बिरला प्रबंधन की ओर से नाको की जांच टीम को बताया गया कि उनके द्वारा न केवल संक्रमित रक्त को तय प्रक्रिया के तहत नष्ट कर दिया गया था, बल्कि इसकी जानकारी एआरटी सेंटर को दी गई थी। लेकिन नाको की टीम ने जब एआरटी सेंटर से इसकी पुष्टि करवाई तो ऐसे कोई रिकॉर्ड नहीं मिले।

इसके बाद दूसरे दिन दोबारा रविवार को भी इसकी पुष्टि करवाई गई लेकिन संबंधित नाम और नंबर से मैच करते कोई भी दस्तावेज बिरला ब्लड बैंक से आना नहीं पाए गए।

डोनर ने तीन माह में दो बार किया रक्तदान

जानकारी अनुसार, नाको की टीम ने विगत दिवस आइसीटीसी सेंटर सहित जिला अस्पताल और बिरला अस्पताल के ब्लड बैंक की भी जांच की थी। पता चला, बिरला अस्पताल में एक पेशेवर डोनर (एचआइवी पॉजिटिव) ने तीन माह में दो बार रक्तदान किया, जबकि प्रोटोकॉल के तहत तीन माह में सिर्फ एक बार ही रक्तदान किया जा सकता है।

चौंकाने वाली बात यह भी है कि रक्तदाता के खून के नमूने में एचआइवी वायरस मौजूद थे। एचआइवी पॉजिटिव होने के बाद भी बिरला ब्लड बैंक ने इसकी आधिकारिक जानकारी एआरटी सेंटर को नहीं दी, जबकि इसकी जानकारी देना किसी भी ब्लड बैंक के लिए अनिवार्य होता है।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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