Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

नगरीय प्रशासन के कैबिनेट मिनिस्टर के प्रभार का जिला, राज्य मंत्री के गृह का नगर निगम, फिर भी अधिकारियों का टोंटा

अधिकारियों के पद तो भरे जा नहीं रहे, तबादलों से और खाली कर दिए गए पद

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
nagar satna

सतना। नगर निगम मूल रूप से नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत आता है। इस विभाग के कैबिनेट मिनिस्टर कैलाश विजय वर्गीय है और वे सतना जिले के पालक मंत्री (प्रभारी मंत्री) भी हैं। इसी विभाग की राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी भी हैं। उनका स्वयं का निवास स्थान सतना नगर निगम अंतर्गत है। सतना नगर निगम के महापौर भाजपा से हैं। सतना नगर निगम को स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है। इतना सब होने के बाद भी नगर निगम की स्थिति यह है कि यहां के ज्यादातर स्वीकृत पद रिक्त हैं। हद तो इस बात की है कि तबादले से यहां लोगों को लाने की बजाय इस नगर निगम से तबादले करके पद रिक्तता और बढ़ा दी गई है। स्पष्ट हो रहा है कि इन स्थितियों में जनप्रतिनिधि या तो रुचि नहीं ले रहे हैं या फिर उनकी सुनी नहीं जा रही है। दोनों ही स्थितियों में सजा नगर और नगर वासी भोग रहे हैं। उधर कांग्रेस कह रही है कि भाजपा सिर्फ डबल इंजन, ट्रिपल इंजन का गाल बजा सकती है बाकि इनकी प्राथमिकता में सतना नगर का विकास है ही नहीं। ------

प्रभार पर नगर निगम

सतना को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के बाद बड़े पैमाने पर स्मार्ट सिटी के कामों की एजेंसी नगर निगम को बनाया गया। इसके अलावा निगम के अपने काम अलग से चल रहे हैं। जिस श्रेणी का नगर निगम है उसके अनुसार सतना नगर निगम में पद तो स्वीकृत हैं लेकिन हालात यह हैं कि ज्यादातर पद खाली है। तकनीकि अमले के मुखिया अधीक्षण यंत्री का पद रिक्त है। इसके अलावा कार्यपालन यंत्री सहायक यंत्री के 80 फीसदी से ज्यादा पद खाली है। सहायक आयुक्त, कार्यालय अधीक्षक जैसे पद तो पूरी तरह से खाली पड़े हैं। राजस्व अधिकारी भी नहीं है। उपायुक्त का भी पद 50 फीसदी खाली है। सिर्फ उपयंत्री के पद ऐसे हैं जिनकी स्थिति कुछ हद तक ठीक है। ऐसे में नगर निगम के काम करने के लिए अधिकारियों को अपने मूल कार्य के अलावा तमाम प्रभार दिए गए हैं। प्रभार की स्थिति यह है कि अधिकारी चाह कर भी प्रभार के काम नहीं कर पा रहे हैं।

यह है पद रिक्तता की स्थिति

समय सीमा प्रभावित, गुणवत्ता के हाल बेहाल

पद रिक्तता के कारण ज्यादातर अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। कुछ प्रभार तो ऐसे हैं जो मूल पद छोड़ प्रभार के पद देख रहे हैं। शासन की जो निर्धारित योग्यता और पैमाना संबंधित पद के लिए हैं उस पद का प्रभार उससे कमतर को दिया गया है। इस तरह पूरा नगर निगम प्रभार के भरोसे चल रहा है। नतीजा यह है कि कामों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, समय सीमा में काम नहीं हो रहे हैं। जनता अपने कामों के लिए दिनों दिन चक्कर लगा रही है। कामों की सही तरीके से निगरानी नहीं हो पा रही है। प्रभार के निगम में पूरा नगर चकरघिन्नी बना हुआ है। लेकिन न तो पालक मंत्री कुछ कर रहे हैं, न ही राज्य मंत्री कुछ कर पा रही हैं। न ही महापौर कुछ करवा पा रहे हैं। अधिकारी पत्र पर पत्र लिख रहे हैं जो ऊपर जाकर ठंडे बस्ते में कैद हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री से किया जाएगा अनुरोधः राज्यमंत्री प्रतिमा

यह सही है कि नगर निगम में काफी संख्या में पद रिक्त हैं। विशेष तौर पर तकनीकि अमले के पद रिक्तता की वजह से निर्माण कार्यों में प्रभाव दिख रहा है। इस संबंध में सभी संबंधितों को अवगत करवाया गया है, पत्राचार भी किया गया है। तबादले के बाद से स्थिति और खराब हुई है। मामले में मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री से पुन: अनुरोध किया जाएगा।

शासन को लिख चुके हैं पत्रः महापौर योगेश

हम इस संबंध में शासन को पत्र लिख चुके हैं। प्रभारी मंत्री को भी अवगत करवा चुके हैं। अधिकारियों की कमी का असर तो होता है लेकिन इसके बाद भी काम तेजी से किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस पर ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा। हालांकि शासन स्तर पर अधिकारियों की कमी है। भर्ती प्रक्रिया भी शीघ्र होने वाली है।

कामकाज प्रभावितः निगमायुक्त शेर सिंह

नगर निगम सतना के आयुक्त शेर सिहं मीना का कहना है कि अधिकारियों की कमी के चलते कामकाज पर प्रभाव तो पड़ रहा है। इसे लेकर शासन को कई बार पत्रचार किया गया है। हालांकि शासन स्तर से डिमांड भी मांगी गई थी। जिस पर तय प्रारूप में रिक्त पदों के विरुद्ध डिमांड भेजी गई है। आशा है कि जल्द ही निगम को कुछ अधिकारी मिलेंगे।

कमीशनखोरी है कारणः विधायक सिद्धार्थ

सतना विधायक एवं कांग्रेस जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा कि भाजपा में कमीशन खोरी प्रभावी है। सारे पद भर जाएंगे तो पद पर बने रहने के लिए कमीशन कौन देगा। जनता के हितों की चिंता यहां किसी को नहीं है। अन्यथा क्या मजाल की जिस विभाग का मंत्री सतना का प्रभारी मंत्री हो वहां इतनी दयनीय स्थिति हो वो भी तब जब संबंधित मंत्री राष्ट्रीय स्तर का हो। बाकी यहां के जनप्रतिनिधियों की जो सफाई है वे हाथी के दांत हैं। यहां तो तबादलों का मूल नियम भी नहीं माना जा रहा है। तबादले पर लोग यहां से भेज दिये गए लेकिन उनके स्थान पर कोई नहीं आया। स्पष्ट है प्रभार का खेल। इसमें कमीशन नीचे से ऊपर तक सभी जगह जाता है। इन्हें जनता से भी भय नहीं हैं क्योंकि ये चुनाव भी वोट चोरी से जीत जाते हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर जल्द ही सड़क पर उतरेगी।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar