AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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सिवनी. पेंच के जंगल की पहरेदार झुन्नीबाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव की उपस्थिति में मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया। पेंच टाइगर रिजर्व की झुन्नी बाई उइके चौकीदार (फॉरेस्ट वॉचर) को जन सहभागिता, ईको-विकास गतिविधियों, वन्यजीव सुरक्षा, निगरानी एवं संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है।
पेंच के वनकर्मियों के साथ पूरी जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों को निभा रही आदिवासी महिला झुन्नी बाई छिंदवाड़ा जिले के पुलपुलडोह की रहने वाली हैं। वे 20 वर्षों से पेंच टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में कार्यरत हैं। पेंच टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में इतने ज्यादा समय से काम करने वाली वह एकमात्र महिला है। झुन्नी बाई पुरुष साथी और वन कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण में अत्यंत साहसिक ढंग से अपना योगदान दे रही हैं।
ग्रामीण इलाकों में सामान्यत: महिलाओं का बाहर कहीं काम के लिए जाना तो दूर उनका घर से निकलना मुश्किल होता है। ऐसे समय में बहुत कम उम्र में पति का साथ छूट जाए तो महिला के लिए काफी कठिन दौर होता है। ऐसा ही झुन्नी बाई के साथ हुआ। लेकिन झुन्नी बाई ने खुद को दूसरी महिलाओं की तरह न रखकर खुद काम करने का जज्बा दिखाया और वन विभाग में नौकरी शुरू कर दी। 20 वर्षों से वन्य प्राणियों के बीच में उनकी सुरक्षा के लिए चौकीदारी का काम करती हैं। इस दौरान कई बार उनका खूंखार जंगली जानवरों से आमना सामना भी हुआ है।
गणतंत्र दिवस पर भी रह चुकी हैं विशेष मेहमान
इसी वर्ष गणतंत्र दिवस पर पेंच टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में सबसे लंबी अवधि से कार्य कर रहीं एक मात्र महिला कर्मी झुन्नीबाई उइके (48) को देश की राजधानी दिल्ली के मुख्य समारोह में विशेष अतिथि के तौर पर शामिल रह चुकी हैं। उन्हें मुख्य समारोह में केन्द्र शासन के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने विशेष अतिथि के तौर पर पेंच टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश से झुन्नीबाई उईके को आमंत्रित किया था। अब दिल्ली में सम्मानित किए जाने से वे बेहद खुश हैं।
ऐसे सम्मान की नहीं थी उम्मीद
झुन्नी बाई ने बताया कि यह उनके लिए किसी सपने से कम नहीं है। जब वे दिल्ली पहुंचीं तो बड़े-बड़े अधिकारियों ने उनका स्वागत सत्कार किया। यह उनके लिए जिंदगी का सबसे बड़ा अवसर है। झुन्नी बाई कहती हैं कि मेरी नौकरी ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचा दिया जिसका मुझे कभी एहसास भी नहीं था।
विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी
वन्य जीव पर्यटन में पेंच मध्यप्रदेश में विशेष आकर्षण का केन्द्र बनकर उभरा है। पेंच टाइगर रिजर्व में देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। पेंच टाइगर रिजर्व में 13127 विदेशी पर्यटकों की उपस्थिति रही। जबकि वर्ष 2023-24 में विदेशी पर्यटकों की संख्या पेंच टाइगर रिजर्व में 9856 थी। बाघों के अस्तित्व और संरक्षण के लिए एमपी के पेंच सहित अन्य टाइगर रिजर्व में जो कार्य हुए है, उसके परिणाम स्वरूप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक बाघ मध्यप्रदेश में है। वर्ष 2022 में हुई बाघ गणना में भारत में करीब 3682 बाघ की पुष्टि हुई, जिसमें सर्वाधिक 785 बाघ मध्यप्रदेश में होना पाए गए हैं। बाघ रहवास वाले क्षेत्रों के सक्रिय प्रबंधन के फलस्वरूप बाघों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है।05:41 PM
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Published on:
30 Jul 2025 05:50 pm


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