AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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सिवनी. मच्छरजनित रोगों पर नियंत्रण के लिए बना जिला मलेरिया विभाग ही लार्वा और मच्छरों को पनपने में मदद कर रहा है। विभाग को अब तक लार्वाभक्षी गम्बूशिया मछली नहीं मिली है, जबकि जिले में मलेरिया और डेंगू कें आंकड़े बढ़ रहे हैं। इधर जिला चिकित्सालय के पुराने नर्सिंग टें्रनिंग सेंटर परिसर के जिन बड़े-बड़े खुले टेंक में लार्वाभक्षी गम्बूशिया मछली पाली जाती है, उनमें वर्तमान में लार्वा और मच्छर पनप रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक विभागीय मुख्यालय भोपाल से पत्राचार हो रहा है, लेकिन अब तक लार्वाभक्षी गम्बूशिया मछली उपलब्ध कराने कोई सार्थक जवाब नहीं मिला है, जबकि वर्षाकाल का यही सबसे महत्वपूर्ण समय है, जब लार्वा और मच्छर प्रभावी होकर रोगों का प्रसार करते हैं।

जिले के नगरीय निकाय और जनपद पंचायत क्षेत्रों में मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। हालात यह है कि एक जनवरी से अब तक मलेरिया विभाग के सरकारी रिकार्ड में 14 डेंगू और 47 मलेरिया पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। इसके बाद भी ग्रामीण या नगरीय निकायों में दवाओं का छिडक़ाव नहीं हो रहा है। मच्छरों के प्रकोप से परेशान लोगों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी छिडक़ाव न होने की शिकायत की है। नगरीय निकाय क्षेत्रों में नपा और नगर परिषदों द्वारा नाले और नालियों की सफाई नहीं की जा रही है। साथ ही खाली प्लाटों में पानी भरा होने से लोग बीमार हो रहे हैं।
नगर पालिका सिवनी, नगर परिषद बरघाट, केवलारी, छपारा और लखनादौन क्षेत्र में जलभराव और खाली प्लॉटों में जगह-जगह पानी भरा होने की वजह से मच्छर जनित बीमारियां पनप रही हैं। उधर मलेरिया विभाग से मशीनों के द्वारा फॉगिंग भी नहीं कराई जा रही है। जिसकी वजह से जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोग अब सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर रहे हैं कि कीटनाशक दवाओं का छिडक़ाव नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग में इसको लेकर शिकायतें भी आ रही है।
महीनों से भरा है पानी, पनपे मच्छर
खुले टेंकों में बारिश का पानी कई महीनों से भरा हुआ है। वहीं पेड़ों के पत्ते-कचरा पड़ा है। इनको साफ करना तो दूर कोई झांकने तक नहीं आया, जिससे यहां लार्वा-मच्छर पैदा हो रहे हैं। वहीं नजदीक डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों के क्र्वाटर, नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर भी है। ऐसे में भी सुरक्षा व सफाई की दृष्टि से यहां कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
वर्षों पहले बने थे बड़े-बड़े टेंक
जिला अस्पताल परिसर में सीएमएचओ कार्यालय के सामने गम्बूशिया मछली संचय केेन्द्र है। यहां बड़े-बड़े टांकों में हर साल गम्बूशिया मछली को रखा जाता है। इस मछली को संक्रमण प्रभावित ग्राम क्षेत्र के तालाब, पोखर व अन्य जल क्षेत्र में मुक्त किया जाता है, ताकि यह लार्वा को खाकर नष्ट कर दे और मच्छरों की पैदावार पर नियंत्रण लगे, लेकिन इस साल अब तक गम्बूशिया मछली नहीं मिली है। जिला कार्यालय से हर साल की तरह तीन लाख मछली का लक्ष्य भेजा है। जो कि अप्राप्त है। इधर जिला मलेरिया विभाग के पास पर्याप्त बजट है, इसके बावजूद टेंक और आसपास की सफाई तक नहीं कराई जा रही है। इस तरह बरती जा रही लापरवाही लार्वा और मच्छरों की पैदावार बढ़ाने का कारण बन रही है।
इनका कहना है -
हमारी जानकारी में नहीं था, कि उन टेंक में कचरा-पानी भरा होने से लार्वा-मच्छर पनप रहे हैं। आपसे पता चला है। हमें अब तक लार्वाभक्षी गम्बूशिया मछली प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए यह स्थिति है। हालांकि हम उन टेंक को बंद कराने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि गहराई में टेंक होने से सफाई में समस्या आ रही है। एक सितम्बर से मलेरिया प्रभावित गांव में एसीएम का छिडक़ाव शुरु कराएंगे।
रामजी भलावी, जिला मलेरिया अधिकारी सिवनी
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Published on:
01 Sept 2025 04:50 pm


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