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स्वच्छता और हरियाली के लिए अब स्कूलों की तय होगी रेंकिंग

- जिले के शिक्षक अपने स्कूलों को चमकाकर पा सकेंगे सम्मान

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शासकीय प्राथमिक शाला।
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सिवनी. शिक्षा के मंदिरों को अब स्वच्छता और हरियाली के लिए भी आदर्श बनाने की दिशा में कवायद चल रही है। विद्यार्थियों में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और जिम्मेदारी की भावना जगाने को लेकर जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में स्वच्छ और हरित विद्यालय मूल्यांकन किया जाएगा। इस कवायद से स्कूल संवरेंगे और विद्यार्थियों में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता आएगी।


शिक्षा विभाग के निर्देश अनुसार जिले के स्कूलों को स्वच्छता और हरियाली के मापदंडों पर परखा जाएगा। इसके आधार पर उन्हें जिला और राज्य स्तर पर रेंकिंग मिलेगी। इसके लिए स्कूल अपने स्तर पर मापदंडों के अनुसार तैयारी कर पोर्टल पर पंजीयन करेंगे। इसके बाद जिला स्तरीय टीम मूल्यांकन करेगी। फिर राज्य स्तर पर रेंकिंग की कवायद होगी। जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को स्वच्छ और हरित रेंकिंग देने के लिए एसएचवीआर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरु हो गई है। रजिस्ट्रेशन 30 सितंबर तक होंगे। वहीं स्कूलों ने मापदंडों के मुताबिक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

इन 6 बिंदुओं पर होगा मूल्यांकन
01- जल
स्कूलों में पर्याप्त जल स्रोत होना चाहिए। साथ ही बच्चों की पहुंच तक पानी की उपलब्धता हो। जल स्रोतों की नियमित जांच होना चाहिए।
02- शौचालय
स्कूलों में बालक और बालिका शौचालय अलग-अलग होना चाहिए। स्कूल में दिव्यांग के लिए अलग शौचालय बना हो। रखरखाव के साथ ही साफ -सफाई होना चाहिए।
03- साबुन से हाथ धोना
स्कूलों में हैंडवॉश यूनिट जरूर होना चाहिए। नलों में टोटियां लगी हों। साबुन की उपलब्धता हो। हाथ होने के लिए स्वच्छ पानी के इंतजाम स्कूल में रखना चाहिए।
04- संचालन एवं रखरखाव
स्कूलों में कचरा निपटान की व्यवस्था होना चाहिए। स्कूलों में हाईजीन का ध्यान रखा जाना चाहिए।
05- व्यवहार परिवर्तन
बच्चों में स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता आना चाहिए।
06- मिशन लाइफ गतिविधियां
प्लास्टिक के उपयोग को लेकर जागरूक किया जाता है। साथ ही बच्चों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

ऐसे होता है मूल्यांकन
सरकारी और निजी स्कूलों का अलग-अलग मूल्यांकन होता है। जिसमें सबसे पहले स्कूल अपने स्तर पर खुद का मूल्यांकन जानकारी अपलोड करने के साथ ही पंजीयन करता है। फिर जिला स्तर पर सत्यापन और चयन प्रक्रिया होगी। फिर जिले के चयनित स्कूलों का राज्य स्तरीय टीम सत्यापन और निरीक्षण करती है।

125 अंकों का मूल्यांकन
सभी स्कूलों के प्रधान पाठक को पोर्टल पर स्वयं मूल्यांकन करना होगा। प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकंडरी स्कूल अपने स्तर पर मूल्यांकन कर रेंकिंग के लिए एप्लाई कर सकते हैं। स्कूल 30 सितंबर तक पोर्टल पर पंजीयन कर सकते हैं। जिसमें कुल 125 अंकों के लिए मूल्यांकन के आधार पर स्कूलों को रेंकिंग प्राप्त होगी।

इनका कहना है -

पंजीयन शुरू हो गए हैं। रेटिंग से विद्यार्थियों में स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और जिम्मेदारी की भावना आती है। स्कूलों में तैयारी शुरू कर दी है। प्राथमिक व माध्यमिक के लिए हरित विद्यालय के नाम से मूल्यांकन का कार्य हो रहा है, इसमें शिक्षकों को पंजीयन करना है। पंजीयन पोर्टल से हो रहा है। इसमें रेंकिंग के आधार पर स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा।

महेश बघेल, डीपीसी सिवनी

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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