Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

सतना की घटना से बढ़ी परिजनों की चिंता, कहा- जांच के बाद ही चढ़ाया जाए ब्लड

संभाग में थैलेसीमिया व सिकलसेल के 505 मरीज, 200 से अधिक को नियमित चढ़ता है खून

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें

संभाग में थैलेसीमिया व सिकलसेल के 505 मरीज, 200 से अधिक को नियमित चढ़ता है खून
शहडोल. जिला चिकित्सालय में स्थापित ब्लड बैंक से हर महीने 200 से अधिक थैलीसीमिया व सिकलसेल मरीजों को रक्त की आपूर्ति की जाती है। सतना जिला चिकित्सालय में संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने से चार बच्चे एचआइवी पॉजिटिव मिलने के बाद जिले में थैलेसीमिया व सिकलसेल मरीज के परिजन चिंंितत हैं। इस लापरवाही की अन्य जिलों में पुनरावृत्ति न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों में संचालित सरकारी और निजी ब्लड बैंकों का ऑडिट कराने का निर्णय लिया है, जिससे परिजनों की उम्मीद की जागी है। समाजसेवी व मरीज के परिजनों ने कहा कि पत्रिका की इस मुहिम से ब्लड बैंकों की ऑडिट होना एक सराहनीय पहल है।

पत्रिका की पहल सराहनीय

समाजसेवी रूपाली सिंघई ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि शहडोल में संभाग भर से थैलेसीमिया के 55 व सिकल सेल के 450 बच्चे पंजीकृत हैं, जिन्हें हर महीने ब्लड की आवश्यकता होती है। समय-समय पर ब्लड बैंकों की ऑडिट होनी चाहिए, जिससे मरीजों को सुरक्षित ब्लड की आपूर्ति हो सके। बच्चों के इस बीमारी को लेकर परिजन अक्सर तनाव में रहते हैं। सतना जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक की लापरवाही ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है, जो चिंता का विषय है। डोनर से लेने वाले खून की एचआइवी, सिफलिस, हैपेटाइटिस बी, हैपेटाइटिस सी व मलेरिया की जांच के बाद ही मरीजों को खून दिया जाना चाहिए। पत्रिका की यह एक सराहनीय पहल है।

मेरी छह वर्षीय बेटी जन्म से ही थैलेसीमिया की मरीज है, हर 15 दिनों में ए पॉजिटिव खून चढ़ाया जाता है। उमरिया जिले में सुविधा न होने के कारण शहडोल जिला चिकित्साल जाने की मजबूरी बनती है। सतना की घटना सामने आने के बाद हम काफी चिंतित हैं। सरकार को ब्लड बैंक से मिलने वाले खून की अच्छी तरह जांच कराकर ही मरीजों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर सख्त नियम बनाना चाहिए।
लक्ष्मी विश्वकर्मा, परिजन बिरसिंहपुर

बेटी 1 साल 9 महीने की है, जन्म के छह महीने बाद जानकारी लगी कि उसे थैलेसीमिया की शिकायत है। 15 से 20 दिन में खून चढ़ाया जाता है। जिला अस्पताल से ब्लड उपलब्ध हो जाता है। कई बार डोनर की व्यस्था भी बनानी पड़ती है। जब से सतना की घटना सामने आई तब से ङ्क्षचता सताने लगी है। पत्रिका ने इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया है, ब्लड बैंकों की नियमित ऑडिट होनी चाहिए, जिससे भविष्य में गड़बडी की संभावनाएं कम होंगी।
ओपी तिवारी, परिजन शहडोल


इनका कहना
ब्लड बैंक में शिविर के माध्यम से आने वाले रक्त की आवश्यक जांच कराई जाती है। इसके बाद ही मरीजोंं को ब्लड उपलब्ध कराया जाता है। हर महीने सिकलसेल व थैलीसीमिया के 200 से अधिक मरीजों को रक्तकोष से नि:शुल्क ब्लड दिया जाता है।
डॉ. समीम अहमद, ब्लड बैंक प्रभारी

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar