AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

श्योपुर. शहर के आसपास के इलाकों में लगातार विकसित हो रही अवैध कॉलोनियों के मामले में लंबे समय पर जिला प्रशासन का एक्शन देखने को मिला है। मंगलवार को जिला प्रशासन की टीम ने लगभग 25 बीघा में विकसित की गई 3 अवैध कॉलोनियों में कार्रवाई गई। इसमें 2 कॉलोनियां चंबल नहर कलारना रोड पर खाटूश्याम मंदिर के पास और एक कॉलोनी जाटखेड़ा के पास है। इस दौरान जेसीबी चलाकर कॉलोनियों के रास्ते काटकर नष्ट किए गए। वहीं कलेक्टर अर्पित वर्मा ने भी अवैध कॉलोनाइजर्स को साफ चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, वहीं उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि किसी कॉलोनी में प्लॉट लेने से पहले आवश्यक दस्तावेजों की जांच कर लें।
कलेक्टर अर्पित वर्मा द्वारा कराई गई जांच में पाया गया कि कस्बा श्योपुर के सर्वे क्रमांक 410, 411, 412 में गिर्राज गुप्ता द्वारा लगभग 18 बीघा रकबे में अवैध रूप से कॉलोनी काटी जाकर रास्तों का निर्माण कराया गया था। इसी प्रकार सलापुरा हल्के में सर्वे क्रमांक 156 एवं 157 में स्थित दो बीघा भूमि में सत्यनारायण माली द्वारा कॉलोनी काटी गई थी तथा उसमें रास्ते बनाए गए। यही वजह है कलेक्टर वर्मा के निर्देश पर मंगलवार को मौके पर पहुंचे एसडीएम गगन ङ्क्षसह मीणा एवं तहसीलदार मनीषा मिश्रा की मौजूदगी में प्रशासन की टीम द्वारा दोनों कॉलोनियों के अंदर बनाए गए रास्तों को जेसीबी के माध्यम से नष्ट कराने की कार्रवाई की गई। वहीं मंगलवार की शाम 7 बजे के आसपास जाटखेड़ा में सर्वे क्रमांक 425 रकबा 5 बीघा में अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई गई।
कार्रवाई के बाद तहसीलदार द्वारा अवैध कॉलोनी के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जिसमें बताया कि भूमि पर डब्ल्यूबीएम रोड बनाकर कॉलोनी विकसित की जा रही है, न तो कॉलोनाइजर का कोई रजिस्ट्रेशन है और न ही टीएनसीपी से स्वीकृत है। इसके बाद कलेक्टर ने जांच समिति का गठन किया है, समिति में एसडीएम गगन मीणा, डिप्टी कलेक्टर संजय जैन एवं विजय शाक्य, तहसीलदार मनीषा मिश्रा, उप पंजीयक श्योपुर सौरव शाक्य, राजस्व निरीक्षक दिव्यराज धाकड़, पटवारी पुरूषोत्तम राठौर शामिल है। समिति तीन दिवस में जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी।
कलेक्टर अर्पित वर्मा ने कहा है कि आए दिन जनसुनवाई सहित अन्य माध्यमों से अवैध कॉलोनियों के मामले संज्ञान में आते रहे है, सबसे ज्यादा परेशानी आम लोगों को होती है, जो इन कॉलोनियों के प्लाट खरीद लेते है, लेकिन कॉलोनी वैध नहीं होने से उन्हें बिजली, पानी, सड$क आदि की सुविधाएं नही मिल पाती है। बगैर डायर्वसन तथा अन्य अनुमतियों के नामांतरण नही हो पाते हैं। ऐसे में आम नागरिको को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट में कॉलोनी सेल बनाने की प्रक्रिया भी की जा रही है। इस सेल से किसी भी कॉलोनी में प्लाट खरीदने से पहले एनओसी प्राप्त कर सकते है तथा कॉलोनी वैध है या अवैध इसके संबंध में मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
Published on:
24 Dec 2025 05:17 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।