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अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा पीएम के लिखे पत्र से फिर जगी है उम्मीद

श्योपुर. कड़ी मेहन से खुशबूदार बासमती धान पैदा करने वाले जिले के किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण ये है कि मध्यप्रदेश के धान को जीआई टैग मिलने का मामला अटका हुआ है। इसका सीधा फायदा पंजाब और हरियाणा के व्यापारी उठा रहे हैं। किसानों का कहना है

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मंडी में खड़ी धान की ट्रॉलियां।

बासमती की खुशबू श्योपुर जिले की, मुनाफा ले रहे पंजाब-हरियाणा

श्योपुर. कड़ी मेहन से खुशबूदार बासमती धान पैदा करने वाले जिले के किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण ये है कि मध्यप्रदेश के धान को जीआई टैग मिलने का मामला अटका हुआ है। इसका सीधा फायदा पंजाब और हरियाणा के व्यापारी उठा रहे हैं।

किसानों का कहना है कि वर्तमान में श्योपुर सहित जिले की कृषि मंडियों में धान के भाव 3000 से 3400 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहे हैं। यहां से खरीदकर धान दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जा रहा है और उसका चावल निकालकर वे अपने प्रदेश का जीआइ टैग लगाकर विदेशों में निर्यात करते हैं। यहां से तीन से साढ़े तीन हजार रुपए ङ्क्षक्वटल में धान खरीदकर उसका चावल निकालकर 15 से 20 हजार रुपए ङ्क्षक्वटल में बेचते हैं। इससे साफ है कि श्योपुर के बासमती किस्म के धान को हरियाणा-पंजाब के जीआई टैग पर विदेशों में महंगे दामों में भेजा जाता है। इससे जिले के किसान ठगा महसूस कर रहे हैं।

पूर्व सीएम के पत्र से फिर जगी उम्मीद

सालों से जीआइ टैग की मांग कर रहे श्योपुर जिले किसानों को अब नई उम्मीद जागी है। पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने गत 1 दिसंबर को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश की बासमती धान को जीआइ टैग दिलाने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश के बासमती चावल की गुणवत्ता पंजाब-हरियाणा से भी अच्छी है, फिर भी मध्यप्रदेश के किसानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

जिले में धान का रकबा एक लाख के पार

दो दशक पहले तक जिले में खरीफ फसलों में प्रमुख फसल सोयाबीन ही थी। तत्समय कुछ ही रकबे में धान होता था, लेकिन उसके बाद से साल दर साल जिले में धान की खेती का रकबा बढ़ता गया। यह अब एक लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। जिसमें जिले में धान की किस्म 1121 और 1718 होती है जो बासमती किस्म की होती है। यही वजह है कि जिले की श्योपुर मंडी इन दिनों इस धान से महक रही है, लेकिन किसान अच्छे दाम के लिए तरस रहे हैं।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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