AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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सीकर। राजस्थान में होने वाली आगामी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में नौकरी की टक्कर कड़ी रहेगी। पिछले 15 सालों में सबसे कम पद होने की वजह से इस साल प्रथम लेवल व द्वितीय लेवल में एक-एक सीट के लिए मारामारी रहेगी। पद कम होने की वजह से प्रदेश के ज्यादातर बीएड डिग्रीधारी युवाओं ने तृतीय श्रेणी के साथ व्याख्याता व द्वितीय श्रेणी व्याख्याता भर्ती की तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल, कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 7759 पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी की थी। युवाओं को 15 हजार पदों पर भर्ती होने की उम्मीद थी, लेकिन कम पदों की वजह से युवाओं में मायूसी भी है। 7759 पदों की भर्ती के लिए 9.71 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया है। जबकि पिछली सरकार के समय 54 हजार से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों की बंपर भर्ती हुई थी। वहीं भाजपा के पिछले शासन में लगभग 58 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती हुई थी। एसक्सपर्ट का कहना है कि प्रदेश में फिलहाल 40 हजार से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद रिक्त है।
नौकरी करने वाले भी कतार में: राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लगभग आठ साल से तबादले नहीं हुए है। प्रदेश के सैकड़ों ऐसे शिक्षक हैं जो दूसरे जिलों में नौकरी कर रहे हैं, वे भी अब तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के जरिए गृह जिले में आने के लिए तैयारी में जुटे है। पहले से कार्यरत शिक्षकों का कहना है कि सरकार को पद बढ़ोतरी के साथ पहले की तरह जिला परिषदों के जरिए भर्ती करानी चाहिए, इससे युवाओं को ज्यादा राहत मिल सकती है।
पद कम इसलिए दूसरी भर्ती पर ज्यादा फोकस: सीकर निवासी युवा सुरेन्द्र कुमावत, राजेश कुमार व आंकक्षा ने बताया कि नई सरकार की तृतीय श्रेणी की पहली भर्ती होने की वजह से 15 हजार से अधिक पदों की आस थी। लेकिन आधे ही पद आने की वजह से आरक्षण और विषयों के वर्गीकरण की वजह से नौकरी की टक्कर कड़ी रहेगी। इसलिए अब नौकरी के लिए रणनीति बदलते हुए अब वरिष्ठ अध्यापक के साथ प्रथम श्रेणी भर्ती की तैयारी पर ज्यादा फोकस शुरू कर दिया है।
15 साल में पहली बार विशेष शिक्षा के लिए एक भी पद नहीं: प्रदेश में अमूमन तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती के साथ ही तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षकों की भर्ती होती है। लेकिन 15 साल में पहली बार है कि विशेष शिक्षकों का एक भी पद नहीं है। हालांकि सरकार का दावा है कि विशेष शिक्षकों का अलग से कैडर बनाया है। इसलिए तृतीय श्रेणी शिक्षकों से लेकर प्रथम श्रेणी व्याख्याता की अलग से भर्ती की जाएगी।

पिछले 15 साल के इतिहास में इस बार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की सबसे छोटी भर्ती है। इस वजह से बीएड व बीएसटीसी पास युवाओं में थोड़ी मायूसी है। विभाग में रिक्त पदों की संख्या अधिक होने की वजह से युवाओं को अब भी पद बढ़ोतरी की आस है। पहली बार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में विशेष शिक्षा के भी पद नहीं है। विशेष शिक्षा के युवाओं को नए साल में नई भर्ती की सौगात मिलने की उम्मीद है।
-डॉ. हितेश शर्मा, कॅरियर काउंसलर
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Published on:
21 Dec 2025 10:55 am


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