AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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सीकर. प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन सेवा से महरूम गांवों तक रोडवेज चलाने के मामले में निगम मुख्यालय बैकफुट पर आ गया है। मार्च माह में जोर-शोर से लागू आपणी बस योजना को लेकर निजी संचालकों की दूरी के बाद शर्तों में बदलाव किया गया है। अच्छी बात है कि इन बसों में भी महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट का भुगतान रोडवेज प्रशासन की ओर से निजी संचालकों को किया जाएगा। नए बदलाव के तहत अब ग्रामीण रूट संचालक संबंधित क्षेत्र में खुद का प्रस्तावित रूट बताएंगे, जिसके बाद रोडवेज टीम मार्ग पर सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके आधार पर रूट निर्धारित कर अनुबंध जारी किया जाएगा। रोडवेज मुख्यालय ने इसके लिए योजना के तहत दोबारा आवेदन मांगे हैं। निजी बस संचालक योजना को लेकर तय रूट के प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं। सब कुछ ठीक रहा तो नए साल में जिले में ग्रामीण रूटों पर रोडवेज बस चलेगी। प्रदेश में करीब आठ माह पहले आपणी बस योजना में डिपो स्तर पर नए रूट तैयार कर आवेदक से आवेदन मांगे गए थे। जिसके तहत सीकर जिले में नौ रूट तैयार किए गए थे लेकिन इन रूटों को लेकर निजी संचालकों के कम रूझान को देखते हुए योजना की शर्त में बदलाव किया गया है।
नए बदलाव के तहत केसरिया रंग की आपणी बस योजना के तहत निजी संचालक ही अपने स्तर पर रूट तय कर आवेदन करेगा। आवेदन के बाद संबंधित डिपो की ओर से मार्ग का सर्वे किया जाएगा। चयनित रूट पर निगम की ओर से कोई दूसरी बस नहीं चलाई जाएगी। रूट पर संचालक की ओर से वर्ष 2020 के बाद ही पंजीकृत बस को चलाया जाएगा। संबंधित रूट पर होने वाली आय को निगम और ऑपरेटर के बीच तय अनुपात में बांटा जाएगा। यात्रियों को दी गई रियायत की एवज में ऑपरेटर को तय प्रतिशत राशि का भुगतान निगम की ओर से किया जाएगा।
आपणी बस योजना में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर प्रावधान किए गए हैं। जिसके तहत इन वाहनों में 22 से 45 सीटों तक की सेमी-डीलक्स श्रेणी की गाड़ियां शामिल होंगी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इनमें जीपीएस, व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और पैनिक बटन जैसी आधुनिक सुविधाएं दी जाएगी। बसों में डीजल, स्टॉफ की व्यवस्था निजी संचालक की ओर से की जाएगी। इन बसों को रोडवेज स्टेंड से संचालन होगा। बस का संचालन, नियंत्रण और निगरानी का जिम्मा रोडवेज प्रशासन का होगा।
आपणी बस योजना के तहत ग्रामीणों को बड़ा फायदा होगा। गांव से कस्बे और जिला मुख्यालय तक नियमित बस सेवा छात्रों, मरीजों और श्रमिकों की निजी वाहनों पर निर्भरता घटेगी। प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। - दीपक कुमावत, मुख्य प्रबंधक सीकर डिपो
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Updated on:
04 Dec 2025 11:36 am
Published on:
04 Dec 2025 11:35 am


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