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Train News: रेलवे ने दिया झटका, एक पैसेंजर ट्रेन पांच साल से बंद, दूसरी बार-बार रद्द, सिरोही-पाली जिले के यात्री परेशान

आबूरोड से मारवाड़ जंक्शन के बीच छोटे स्टेशनों के यात्रियों की जीवनरेखा रही जयपुर-अहमदाबाद पैसेंजर ट्रेन पिछले पांच साल से बंद है। वहीं जोधपुर-साबरमती पैसेंजर ट्रेन के अनियमित संचालन और दोपहर के समय चलने से यात्रियों की परेशानी बढ़ रही है।

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आबूरोड स्टेशन पर खड़ी जोधपुर-साबरमती पैसेंजर ट्रेन। फोटो- पत्रिका

आबूरोड। सिरोही और पाली जिले में आबूरोड से मारवाड़ जंक्शन के बीच मौजूद छोटे स्टेशन के यात्रियों के लिए जीवनरेखा मानी जाने वाली जयपुर-अहमदाबाद पैसेंजर ट्रेन पिछले पांच साल से रेलवे की ट्रेनों की सूची से बाहर है।

वहीं जोधपुर-साबरमती पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस ट्रेन के किराए पर चलाया जा रहा है। इसके संचालन पर भी विभिन्न रेलखंडों पर चल रहे तकनीकी कार्यों के कारण बार-बार लिए जा रहे ब्लॉक का असर पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में आबूरोड से मारवाड़ जंक्शन के बीच स्थित करीब 20 छोटे स्टेशनों से जुड़े 250 से अधिक गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ट्रेन की जरूरत सुबह, चला रहे दोपहर में

कोरोना महामारी से पहले डाउन साइड से अहमदाबाद-जयपुर पैसेंजर ट्रेन का आबूरोड-मारवाड़ के बीच संचालन सुबह के समय होता था। इससे निजी व सरकारी संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी, श्रमिक, किसान, छोटे व्यापारी, विद्यार्थी और अन्य ग्रामीणों को बड़ी सुविधा मिलती थी।

लोग अपना कामकाज निपटाकर अप साइड से आने वाली जयपुर-अहमदाबाद पैसेंजर ट्रेन से शाम को समय पर घर लौट आते थे। वर्तमान में जोधपुर-साबरमती पैसेंजर ट्रेन का आबूरोड से मारवाड़ जंक्शन के बीच डाउन साइड से दोपहर में संचालन किया जा रहा है, जिससे यात्रियों को अपेक्षित राहत नहीं मिल पा रही है।

ट्रेन चलाने पर नहीं लिया निर्णय

कोविड महामारी के दौरान बंद की गई अहमदाबाद-जयपुर पैसेंजर ट्रेन को पुनः शुरू करने की मांग क्षेत्रीय सांसद लुंबाराम तीन बार लोकसभा में उठा चुके हैं। इस संबंध में उन्होंने रेल मंत्री और रेल राज्य मंत्री को पत्र भी भेजे हैं। उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक के साथ बैठक में भी ट्रेन संचालन पुनः शुरू करने का आग्रह किया गया, लेकिन अब तक रेलवे ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।

पत्रिका ने चलाया अभियान

राजस्थान पत्रिका कोविड काल में बंद अहमदाबाद-जयपुर पैसेंजर ट्रेन के पुनः संचालन को लेकर अभियान चला रहा है। इसके तहत इस वर्ष जून माह से लगातार विभिन्न शीर्षकों से समाचार प्रकाशित किए जा रहे हैं। इन समाचारों में ट्रेन बंद रहने से छोटे स्टेशनों से जुड़े सैकड़ों गांवों के ग्रामीणों को हो रही परेशानियों की ओर रेलवे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया गया है।

इस मुद्दे पर सांसद लुंबाराम चौधरी ने तीन बार लोकसभा में प्रश्न उठाकर ट्रेन चालू करने की मांग की। इसके बाद उत्तर-पश्चिम रेलवे मुख्यालय जयपुर ने पश्चिम रेलवे मुख्यालय मुंबई को ट्रेन के पुनः संचालन के लिए प्रस्ताव भेजा। वहीं छोटे स्टेशनों पर ग्रामीणों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी ज्ञापन सौंपे।

दो माह में तीन बार जोधपुर-साबरमती ट्रेन रद्द

गत दो माह में अप व डाउन साइड से 23 व 24 नवंबर, 24 नवंबर, 27 व 28 नवंबर, 28 व 29 नवंबर, 4 व 5 दिसंबर, 5 व 6 दिसंबर, 11 व 12 और 12 व 13 दिसंबर को जोधपुर-साबरमती पैसेंजर ट्रेन का संचालन रद्द किया गया। इससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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इनका कहना है

मैंने कोविड में बंद लोकल ट्रेन शुरू करने की कई बार मांग की है। ट्रेन के अभाव में छोटे स्टेशनों के यात्री काफी परेशान हैं। सांसद लुंबाराम इस मुद्दे को उठा चुके हैं और पत्रिका ने जनहित के इस विषय को प्रमुखता से उठाया है।

  • काशीराम रावल, पूर्व डीआरयूसीसी सदस्य, पिंडवाड़ा

महाप्रबंधक से कई बार लोकल ट्रेन शुरू करने की मांग की गई है। पुराने समय के अनुसार ट्रेन चलनी चाहिए, तभी लोगों को इसका लाभ मिलेगा। कम से कम मेहसाणा तक ही ट्रेन शुरू कर दी जाए।

  • सागरमल अग्रवाल, पूर्व डीआरयूसीसी सदस्य, आबूरोड

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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