AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Forced religious conversion sonbhadra:उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि एक युवक ने पहले से दो बीवियों के रहते 12 साल छोटी आदिवासी युवती को बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसाया, उसका नाम बदलवाया और परिवार के विरोध के बावजूद जबरिया निकाह कर लिया।
दुद्धी तहसील क्षेत्र के बघाडू गांव निवासी अशर्फीलाल ने गुरुवार को मीडिया के सामने आकर अपनी शादीशुदा बेटी को जबरन घर से उठाकर ले जाने और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया। पिता के अनुसार उनकी बेटी पिंकी अब आफरीन बन चुकी है और अनपरा क्षेत्र में रह रही है। उनका कहना है कि बेटी की पहचान ही नहीं, उसका पूरा जीवन बदल दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक यह प्रकरण वर्ष 2022 का है, लेकिन हालिया खुलासों के बाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। अशर्फीलाल ने बताया कि 10 मई 2022 को उन्होंने अपनी बेटी की शादी दुद्धी के कटौंधी गांव में कराई थी, लेकिन कुछ ही समय बाद उसकी जिंदगी में उथल-पुथल शुरू हो गई।
परिजनों का आरोप है कि आजम नाम के युवक ने पिंकी को बहकाकर अपने प्रभाव में लिया और विरोध के बावजूद 3 जुलाई 2022 को जबरन घर से उठा ले गया। बताया गया कि आजम उम्र में युवती से करीब 12 साल बड़ा है और पहले से शादीशुदा होने की बात उसने छिपाए रखी।
पिता अशर्फीलाल ने 8 जुलाई 2022 को दुद्धी कोतवाली में आजम, उसके भाई आलम और चाचा बशीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि पुलिस ने युवती को बालिग बताते हुए मात्र 42 दिन में, 20 अगस्त 2022 को फाइल बंद कर दी। इसी कार्रवाई को लेकर अब पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
दावा किया जा रहा है कि आजम पहले से झारखंड के नगर उंटारी (गढ़वा) की इशरत और महुली क्षेत्र की रेबुन्निशा से शादी कर चुका है। इसके बावजूद उसने पिंकी से निकाह किया और उसका नाम बदलकर आफरीन रख दिया। आरोप है कि उसने विस्थापन लाभ और सरकारी दस्तावेजों में अलग-अलग नामों का इस्तेमाल भी किया।
मामले में कनहर नहर परियोजना से जुड़ा ज़मीन का लेन-देन भी सामने आया है। तहसीलदार न्यायालय के 10 सितंबर 2016 के आदेश के अनुसार, बघाडू गांव में रजिया के नाम दर्ज कुल 0.4049 हेक्टेयर भूमि परियोजना के नाम विक्रय की गई थी। इस सौदे में नामों और पहचान को लेकर गंभीर संदेह जताया जा रहा है।
जमीन के बैनामे को लेकर रजिया ने तहसील प्रशासन के सामने पेश होकर सफाई दी। उन्होंने बताया कि शादी से पहले उनका नाम दुलरिया था, वह हिंदू हैं और जाति पनिका है। रजिया ने दावा किया कि जमीन बेची नहीं गई बल्कि सगे भांजों को दान में दी गई, हालांकि प्रशासन इस दावे की सत्यता की जांच कर रहा है।
जांच में सामने आया कि अनुसूचित जनजाति की भूमि को अकृषिक घोषित कर दिल्ली निवासी व्यक्ति को बैनामा किया गया। 7 दिसंबर 2024 को जमीन अकृषिक घोषित हुई और मात्र चार महीने बाद 13 मई 2025 को सैयद मुजफ्फर आलम, निवासी जामिया नगर दिल्ली, के नाम बैनामा कर दी गई। इसी तरह सितंबर 2025 में एक और बैनामा किया गया।
इन बैनामों पर नायब तहसीलदार की अदालत से नामांतरण के आदेश पारित किए गए। लेखपाल के बयान को आधार बनाकर कार्रवाई को वैध बताया गया, लेकिन बार-बार हो रहे नामांतरण ने पूरे प्रकरण को संदेह के घेरे में ला दिया है।
भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल गुप्ता ने जिले में गलत तरीके से हो रहे धर्म परिवर्तन की निगरानी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों से सूचनाएं जुटाकर सूची तैयार की जाएगी और मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की जाएगी।
एसडीएम दुद्धी निखिल यादव ने कहा कि जमीन से जुड़े मामलों में फर्जी दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है और दोषियों पर कार्रवाई होगी। वहीं सीओ दुद्धी राजेश कुमार राय ने बताया कि पहले से दर्ज मामले की जांच चल रही है और नई शिकायत मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
20 Dec 2025 12:59 pm


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