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सद्‌गुरु ने इस आयोजन को कैसे संभव बनाया, ईशा ग्रामोत्सवम में यह जानने के लिए आया हूं: केंद्रीय खेल मंत्री

Isha Gramotsavam 2025: ईशा ग्रामोत्सवम 2025 में चैंपियनों को ₹5 लाख, रनर-अप्स को ₹3 लाख, जबकि दूसरे और तीसरे रनर-अप्स को क्रमशः ₹1 लाख और ₹50,000 इनाम के रूप में दिए गए।

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Isha Gramotsavam 2025
ईशा ग्रामोत्सवम 2025 (Photo Credit - Isha Gramotsavam)

Isha Gramotsavam 2025: हर ग्रामीण खेल केवल उस गांव का प्रतिनिधित्व नहीं करता, बल्कि पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करता है। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने यह बात 22 सितंबर को कोयंबटूर में आयोजित ईशा ग्रामोत्सवम 2025 के ग्रैंड फिनाले में सुप्रसिद्ध 112-फीट ऊंचे आदियोगी की प्रतिमा के सामने कही। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि, “मैं ईशा ग्रामोत्सव में यह जानने के लिए आया हूं कि सद्‌गुरु ने इतने बड़े पैमाने पर इस आयोजन को कैसे संभव बनाया है?” इसके साथ ही उन्होंने ईशा ग्रामोत्सव 2025 के विशाल स्वरूप और उसकी व्यापक पहुंच की सराहना की।

बता दें कि ईशा ग्रामोत्सव के 17वें संस्करण का आयोजन दो महीनों में 183 स्थानों पर हुआ, जिसमें 63,220 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इनमें 12,000 से अधिक महिला खिलाड़ियों की रिकॉर्ड भागीदारी भी शामिल रही। यह उत्सव पहली बार ओडिशा तक पहुंचा, साथ ही छह राज्यों, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में भी आयोजित हुआ। कुल मिलाकर 35,000 से अधिक गांवों की 5,472 टीमों ने भाग लिया, जो इस आयोजन के विशाल पैमाने को दर्शाता है।

ग्रामीण प्रतिभा और उत्साह से प्रभावित केंद्रीय खेल मंत्री ने सद्‌गुरु से ग्रामीण प्रतिभाओं की पहचान में सहयोग करने का आग्रह किया और ईशा फाउंडेशन के साथ एमओयू तथा साझेदारी करने में अपनी इच्छा भी व्यक्त की। सद्‌गुरु ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मेरा संकल्प है कि 2028 तक ईशा ग्रामोत्सव देश के 28 राज्यों में होना चाहिए। यह सिर्फ खेल के बारे में नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत में ऊर्जा और उत्साह को फिर से जगाने के बारे में है।”

ग्रामीण खिलाड़ियों के जोश और हौसले से प्रभावित होकर बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल ने कहा कि यहा का माहौल भरे हुए क्रिकेट स्टेडियम जैसा था। वहीं शतरंज ग्रैंडमास्टर वैशाली रमेशबाबू ने कहा, “ईशा ग्रामोत्सव को देखकर सकारात्मक ऊर्जा की लहर महसूस होती है। खेल सिर्फ जीत या हार तक सीमित नहीं हैं, वे हमें बढ़ना सिखाते हैं, जीत और हार को संतुलित मन से स्वीकार करना सिखाते हैं और चुनौतियों में शांत रहना सिखाते हैं।

ग्रैंड फिनाले ने अपनी प्रसिद्धि के अनुसार रोमांचक मुकाबलों का मंच पेश किया। महिला थ्रॉबॉल और पुरुष वॉलीबॉल दोनों फाइनल मैच टक्कर के रहे। महिला थ्रॉबॉल में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले की टीम बादगन्नौरु ने तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले की टीम देवरायपुरम को हराकर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। पुरुष वॉलीबॉल में तमिलनाडु के सेलम जिले की टीम उत्तमसोलापुरम ने कर्नाटक के बेंगलुरु ग्रामीण जिले की टीम हेग्गडिहल्ली को हराकर खिताब अपने नाम किया।

ईशा ग्रामोत्सवम 2025 में चैंपियनों को ₹5 लाख, रनर-अप्स को ₹3 लाख, जबकि दूसरे और तीसरे रनर-अप्स को क्रमशः ₹1 लाख और ₹50,000 इनाम के रूप में दिए गए। इसी के साथ टूर्नामेंट का रोमांचक सफर समाप्त हुआ। ग्रैंड फिनाले की खास बात पैरावॉलीबॉल प्रतियोगिता रही, जिसने विशेष रूप से सक्षम खिलाड़ियों की अडिग और प्रेरक भावना को दर्शाया।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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