AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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सूरतगढ़. बच्चों में बढ़ते मोटापे को देखते हुए केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति (पीएम पोषण) योजना के तहत भोजन में तेल की मात्रा दस प्रतिशत घटाने का निर्णय लिया है। यह बदलाव राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले भोजन में लागू होगा।
गौरतलब है कि अब तक प्राथमिक कक्षा 1 से 5 तक प्रति विद्यार्थी को प्रतिदिन 5 ग्राम और कक्षा 6 से 8 तक 7.5 ग्राम तेल दिया जाता था। नई गाइडलाइन के अनुसार इसमें 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। राज्य के पीएम पोषण योजना आयुक्त ने सभी जिला कलक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केन्द्र सरकार के आदेशों की पालना सुनिश्चित की जाए।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार शाला दर्पण पोर्टल पर कक्षा 1 से 8 तक 51 लाख से अधिक विद्यार्थी भोजन का लाभ ले रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तेल की अधिक खपत मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियों का कारण बन रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी परीक्षा 2025 और मन की बात कार्यक्रम में बच्चों में मोटापे की समस्या पर चिंता जता चुके हैं। बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसमें गृह विज्ञान महाविद्यालयों और स्वास्थ्य संस्थाओं के पोषण विशेषज्ञ तेल कम करने के लाभ बताएंगे। साथ ही प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, निबंध लेखन, व्यायाम, पर्यावरण क्लब की गतिविधियां और स्वास्थ्य राजदूत नियुक्त करने जैसे कदम उठाए जाएंगे।
सराहनीय पहल, बढ़ रहा अतिरिक्त भार
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के जिला प्रवक्ता रजनीश खन्ना ने कहा कि यह पहल सराहनीय है, लेकिन एमडीएम मेन्यू की वजह से प्रभारियों और कुक कम हेल्परों पर अतिरिक्त भार बढ़ रहा है। सरकार को इस दिशा में राहत देनी चाहिए। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक हीरालाल बिश्नोई ने कहा कि आदेशों की पालना करवाई जाएगी और बच्चों को कम तेल वाले भोजन के लिए प्रेरित किया जाएगा।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
05 Oct 2025 02:07 pm


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