AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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सूरतगढ़. सूरतगढ़ व पीलीबंगा के बड़ोपल के घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी की उपलब्धता के साथ हरियाली प्रवासी पक्षियों के लिए बसेरा बन रहा है। लम्बी दूरी तय करके सैकड़ों प्रवासी पक्षी जलाशयों,खेतों व घग्घर बहाव क्षेत्र में डेरा डाल रहे हैं। शांत वातावरण इन्हें रहने व प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल प्रदान कर रहा है। पक्षी प्रेमियों में उत्साह का माहौल है।
क्षेत्र के सूरतगढ़ ब्रांच नहर, घग्घर डिप्रेशन, आसपास के जलाशय व पीलीबंगा का बडोपल की प्राकृतिक झील प्रवासी पक्षियों के ठिकाने हैं। रंग-बिरंगे पक्षियों का कलरव सुनाई दे रहा है। पक्षियों में इंडियन स्कोप आउल भी शामिल हैं,जो स्थानीय तो हैं, लेकिन आसानी से दिखाई नहीं देता।
इसके अलावा ग्रेटर फ्लेमिंगो, पाइड आवेसेट, पेंटेड स्टार्क,यूरोपीय रोलर, रोजी स्टार्लिंग, वाइट आईड बजर्ड, टोनी ईगल, ओरिंटल हनी बजर्ड, मोटेग्यू हैरियर, मार्श हैरियर, इजिप्शन वल्चर, रफ आदि पक्षी शामिल है। पक्षी प्रेमियों का कहना है कि प्लास्टिक, शोरगुल और मानवीय हस्तक्षेप इन पक्षियों के लिए खतरा बन सकते हैं।
सबसे शर्मिला पक्षी ग्रेटर फ्लेमिंगो
ग्रेटर फ्लेमिंगो प्रवासी पक्षी है, जो शर्मीली प्रवृत्ति वाला है। यह हल्की सी आहट से स्थान छोड़ देता है। यह गंदे पानी में भी भोजन निकालने की क्षमता रखते हैं। इसके गले में विशेष जाली होती है जिससे भोजन के आवश्यक तत्व ले लेता है तथा बेकार तत्वों को बाहर फेंक देता है। ग्रेटर फ्लेमिंगो आजीवन अपने साथी के साथ रहता है। यह गुजरात का पक्षी है।
यूरोपीय रोलर व पाइड अवोसेट
यूरोपीय रोलर भारतीय उपमहाद्वीप से गुजरने वाला प्रवासी पक्षी है। यूरोपियन रोलर भले ही भारत में सर्दियां न बिताता हो, लेकिन यह भारत में सबसे आकर्षक प्रवासी पक्षियों में से एक है।
किसान का मित्र गुलाबी मैना
गुलाबी मैना रूस व कजाकिस्तान की है तथा प्रजनन करने भारत आती है। गुलाबी मैना भारत में सबसे अधिक समय के लिए 6 से 8 माह तक का प्रवास करती है। यह फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली टिड्डियों व कीटों का सफाया करती है।
घंटों तक एक ही मुद्रा में रहने की कला
पेंटेड स्टॉर्क पक्षी सारस प्रजाति का है। यह उथले पानी के आसपास झुंड में रहता है और मौसम में बदलाव भोजन की उपलब्धता प्रजनन के लिए कुछ समय प्रवास करता है। पेंटेड स्टॉर्क शांत स्वभाव और एक ही मुद्रा में घंटों तक खड़े रहने के लिए जाना जाता है।
प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल है वातावरण
सूरतगढ़ व बड़ोपल की नम भूमि और मरुस्थल की आबो हवा प्रवासी पक्षियों को अपनी ओर खींच रही है। यहां का सुरक्षित माहौल, उपलब्ध पर्याप्त भोजन होने के कारण शीत ऋतु में आने वाले पक्षी यहां रुकना पसंद करते हैं, जो मार्च तक यहां रुकते हैं, फिर अपने वतन लौट जाते हैं। ग्रेटर फ्लेमिंगों को बड़ोपल झील ग्रीष्म ऋतु में भी यहां देखा गया है, जो यहां की बायो डाइवर्सिटी के लिए बहुत अच्छा संकेत है। इस बार घग्घर नदी से पानी की अच्छी आवक होने से प्रवासी पक्षियों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।-विकास स्वामी, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर, क्षेत्रीय वन अधिकारी, सूरतगढ़
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Published on:
11 Oct 2025 04:30 pm


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