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बिना द्रोणाचार्य व संसाधन कैसे तैयार होंगे पदकवीर खिलाड़ी

सूरतगढ़. राज्य सरकार एक ओर सरकारी विद्यालयों में पदकवीर खिलाड़ी तैयार करने के दावे कर रही है, वही जमीनी हकीकत यह है कि सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन के आधार पर शारीरिक शिक्षकों की नियुक्तियां हो रही है, जबकि यह नियम राजकीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नहीं है। यहां सबसे खास बात यह है कि जिन राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 105 विद्यार्थियों का नामांकन नहीं है, वहां शारीरिक शिक्षकों की नियुक्त नहीं होने से ऐेसे विद्यालयों के विद्यार्थियों का राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनने का सपना अधूरा ही रह जाता है।

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सूरतगढ़. राज्य सरकार एक ओर सरकारी विद्यालयों में पदकवीर खिलाड़ी तैयार करने के दावे कर रही है, वही जमीनी हकीकत यह है कि सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन के आधार पर शारीरिक शिक्षकों की नियुक्तियां हो रही है, जबकि यह नियम राजकीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नहीं है। यहां सबसे खास बात यह है कि जिन राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 105 विद्यार्थियों का नामांकन नहीं है, वहां शारीरिक शिक्षकों की नियुक्त नहीं होने से ऐेसे विद्यालयों के विद्यार्थियों का राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनने का सपना अधूरा ही रह जाता है।
राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों में छुपी खेल प्रतिभाएं निखारने के लिए शारीरिक शिक्षकों की अहम भूमिका रहती है। लेकिन राज्य में शारीरिक शिक्षकों की कमी की वजह से विद्यालयों में विद्यालयों के विद्यार्थियों में खेलों के प्रति रूचि घट रही है। जिन विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक नियुक्त हैं उन्हें बी एल ओ एवं अन्य कार्यों में व्यस्त रखा जाता है राजस्थान में शारीरिक शिक्षकों के विभिन्न ग्रेड के 23,459 पद स्वीकृत है, इसमें 21,159 शिक्षकों के पद भरे हुए हैं। जबकि 2300 पद अभी रिक्त पड़े हैं। सरकारी विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों की कमी की वजह से सीधा असर विद्यालयों की खेल प्रतिभाओं पर पड़ रहा है।

विद्यालयों में खेल बजट का रहता है संकट

एक ही सरकारी विद्यालय की टीमें एक से अधिक खेलों में भाग लेने की स्थिति में विद्यालयों के सामने उनके आने-जाने ,अल्पाहार भोजन का बजट का संकट खड़ा हो जाता है। ऐसे में शारीरिक शिक्षकों को ही भामाशाहों से सहायता जुटानी पड़ती है। वही, राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रति वर्ष खेल सामग्री के लिए 25 हजार रुपए की राशि आवंटित होती हैए जबकि कई विद्यालयों में विद्यालय प्रशासन द्वारा यह राशि खेलों की बजाए अन्य कार्यों में इस्तेमाल कर ली जाती है। कई विद्यालय में शारीरिक शिक्षकों से खेल सामग्री खरीदने के लिए स्वीकृति या कोई सूची नहीं ली जाती है। शारीरिक शिक्षकों की माने तो उच्च प्राथमिक विद्यालय में नि:शुल्क पाठयपुस्तकों में शारीरिक शिक्षा संबंधित अलग से किसी तरह की पुस्तक लागू नहीं की गई है, जबकि विषय आवंटित है माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन सिलेबस देखकर ही शारीरिक शिक्षक विद्यालयों को तैयारी करवाते हैं।

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बालिकाओं की टीमों के कोच का दायित्व पुरुष शारीरिक शिक्षकों के के जिम्मे

राजस्थान के अधिकांश राजकीय विद्यालयों में बालक और बालिका साथ-साथ पढ़ते हैं महिला शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति नहीं होने के कारण बालिकाओं की टीमों के कोच का दायित्व पुरुष शारीरिक शिक्षकों के जिम्मे होता है राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में अधिकांश बालिकाओं की विभिन्न खेलों से संबंधित टीमों के कोच का दायित्व भी पुरुष शारीरिक शिक्षकों के जिम्मे हैं। कई बार प्रतियोगिताओं में या खेल अभ्यास करते समय बालिका खिलाड़ी पुरुष कोच के समक्ष अपनी व्यक्तिगत समस्याएं नहीं बता पाती। ऐसी सरकारी विद्यालयों में महिला एवं पुरुष शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति की जाकर इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।

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विद्यालयों मेें खेल मैदानोंं का टोटा,कैसे हो तैयारी

राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों सरकारी विद्यालयों में खेल मैदानों का अभाव है। ऐसे में प्रतिदिन खेलों की तैयारी करने में खिलाडिय़ों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ब्लॉक के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नई बारेकां, रजाकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय वार्ड नम्बर 4 सूरतगढ़, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सरदारपुरा लडाना, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय एक डीबीएन, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय एक बीसीएसएम,राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय किशनपुरा नई आबादी सूरतगढ,़ राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय 5 बीजेडब्ल्यू द्वितीय, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मानेवाला, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय 7 एफडीएम, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय 28 पीएनबी, 3 एसजीएम, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 13 एसडी,सूरतगढ़ के स्वर्गीय श्री गुरुशरण छाबड़ा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में खेल मैदान की तमाम सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। वही, पीएम श्री सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को तो खेल मैदान आवंटित हो चुका है, लेकिन चारदीवारी के अभाव में पशु विचरण करते रहते हैं।

शारीरिक शिक्षकों के पदों पर हो शीघ्र नियुक्ति

सरकारी विद्यालयों में शारीरिक शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। राज्य सरकार शारीरिक शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के साथ साथ संसाधान उपलब्ध करवाए। ताकि सरकारी विद्यालयों की प्रतिभाएं पदक लाकर विद्यालय के साथ साथ राज्य का नाम रोशन कर सके।- संजीव भारद्वाज, ब्लॉक अध्यक्ष राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ, सूरतगढ़

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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