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यूरिया का अदृश्य खेल: रिकॉर्ड में कमी, असल में गाडिय़ों भर सप्लाई !

-कागजों में 5 बैग की सीमा, जमीन पर 50 तक का खेल -100 से अधिक उर्वरक विक्रेताओं के हुआ खुलासा -पत्रिका एक्सपोज के बाद आयुक्तालय ने सभी उप जिलों से मांगी भौतिक सत्यापन रिपोर्ट

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AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

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  • श्रीगंगानगर.रबी सीजन की शुरुआत के साथ सरसों व चना की बुवाई हो चुकी है और गेहूं व जौ की बुवाई चल रही है। खेतों में पहली सिंचाई का समय है और किसानों को इस वक्त सबसे अधिक जरूरत है यूरिया और डीएपी उर्वरक की। लेकिन जिले के कई क्षेत्रों रायसिंहनगर, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर, घड़साना और रावला की जहां पर उर्वकर का रैक की आपूर्ति होती है वहां की दूरी ज्यादा है। साथ ही मांग के मुकाबले आपूर्ति कम हो रही है। नतीजा यह कि किसान कतारों में खड़े हैं, मगर खाद के थैले नहीं मिल रहे। दूसरी ओर पत्रिका के एक्सपोज ने दिखाया कि संकट केवल आपूर्ति का नहीं, बल्कि गड़बड़ी का भी है। विदित है कि जिले में 2,78,002 हेक्टेयर में सरसों और 2,60,000 हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य है। इन दोनों फसलों के लिए सिंचाई के समय यूरिया की आवश्यकता सबसे अधिक होती है। ऐसे में अनियमित वितरण किसानों की दिक्कतें और बढ़ा रहा है।

उर्वरक पोर्टल ने खोली पोल

  • कृषि आयुक्तालय की ओर से उर्वरक पोर्टल की जांच में बड़ा खुलासा किया है। इसमें जिले में लगभग 100 से अधिक उर्वरक विक्रेता ऐसे पाए गए हैं जिन्होंने सरकारी निर्देशों को ताक पर रखकर मनमानी की। नियम कहता है एक किसान को आधार कार्ड व पानी की पर्ची पर अधिकतम 5-5 बैग यूरिया ही दिया जा सकता है। लेकिन हकीकत सामने आई कि कई विक्रेताओं ने एक ही किसान के नाम पर 50 बैग से भी अधिक यूरिया जारी कर दी। इससे साफ है कि नियमों को दरकिनार कर खाद की जमाखोरी और अनियमित बिक्री की गई।

भौतिक सत्यापन का सख्त आदेश

  • मामला की गंभीरता को देखते हुए कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.सतीश कुमार शर्मा ने जिले के सभी सहायक निदेशकों श्रीगंगानगर, सादुलशहर, श्रीकरणपुर, रायसिंहनगर और अनूपगढ़ को तुरंत भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिक उर्वरक खरीदने वाले किसानों व विक्रेताओं की सूची बनाकर आईएफएमएस पोर्टल पर सही रिपोर्ट अपलोड करवाई जा रही है। कुछ उप जिलों की ओर से अधूरी या बिल्कुल भी रिपोर्ट नहीं भेजने को आयुक्तालय ने आदेशों की अवहेलना माना है।

निरीक्षण प्रपत्र में मांगी विस्तृत जानकारी

  • कृषि विभाग के अनुसार निरीक्षण के लिए जारी प्रपत्र में किसान का नाम,भूमि का आकार, विक्रेता का पूरा विवरण,खरीदी गई उर्वरक यूरिया,डीएपी,एनपीके,एमओपी, एसएसपी, टीएसपी की मात्रा,बोई गई या बोई जाने वाली फसल का विवरण दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। रिपोर्ट किसान और कृषि पर्यवेक्षक के हस्ताक्षर सहित अनिवार्य होगी।

पत्रिका का खुलासा 52 बैग तक की डीएपी सप्लाई

  • पदमपुर क्षेत्र में पत्रिका की ओर से किया गया एक्सपोज इस गड़बड़ी की सबसे बड़ी मिसाल बना। यहां एक फर्म ने एक ही किसान के नाम पर 52 बैग डीएपी की आपूर्ति की गई थी। इसमें 109 किसान शामिल थे। जबकि वास्तविक किसानों को एक-एक थैला भी नसीब नहीं हो रहा। किसानों का कहना है हम खेत तैयार कर चुके हैं, लेकिन खाद के बिना सिंचाई अधूरी है।

सबसे प्रभावित क्षेत्र

  • रायसिंहनगर
  • अनूपगढ़
  • श्रीविजयनगर
  • घड़साना
  • रावला

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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