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सूरत. पाटीदार आंदोलन से जुड़े बहुचर्चित राजद्रोह मामले में गुरुवार को सूरत सत्र न्यायालय ने अहम फैसला सुनाते हुए हार्दिक भरतभाई पटेल सहित सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। सरकार की ओर से दायर आवेदन के आधार पर अमरोली पुलिस थाने में दर्ज राजद्रोह का केस वापस लेने के निर्णय को अदालत ने मंजूरी दी, जिसके बाद हार्दिक पटेल के साथ ही अल्पेश कथीरिया, विपुल देसाई और चिराग देसाई को भी सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत को अवगत कराया कि वह इस प्रकरण में आगे अभियोजन नहीं चलाना चाहती। सरकार के आवेदन पर विचार करते हुए सूरत सत्र न्यायालय ने केस वापसी को उचित ठहराया और सभी आरोपियों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह की धाराएं हटाने का आदेश दिया।उल्लेखनीय है कि अमरोली पुलिस थाने में दर्ज इस केस को लेकर लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया चल रही थी। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता यशवंतसिंह वाला ने प्रभावी दलीलें पेश कीं।अदालत के फैसले के बाद आरोपियों के समर्थकों में संतोष और राहत का माहौल देखा गया। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में पाटीदार समाज को आरक्षण की मांग के साथ हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान सरकार की ओर से सूरत के अमरोली थाने में पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश कथीरिया और चिराग देसाई के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
19 Dec 2025 11:10 am


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