AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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famous goddess Lakshmi: दिवाली और धनतेरस पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। तमाम लोगों की ख्वाहिश मां के चमत्कारी स्वरूपों के दर्शन की भी होती है, पर किसी कारण से वो इन मंदिरों तक पहुंच नहीं पाते, ऐसे में दिवाली 2024 पर www.patrika.com आपके लिए पेश कर रहा है मां लक्ष्मी के दस विशाल, प्राचीन, भव्य और चमत्कारी मंदिर, जिनके दर्शन से कट जाते हैं सारे कष्ट।
एक क्लिक पर घर बैठे ही करिए दर्शन, यहां जानिए मां पद्मावती मंदिर आंध्र प्रदेश, स्वर्ण मंदिर वेल्लु, पद्मनाभ स्वामी मंदिर तिरुअनंतपुरम, महालक्ष्मी मंदिर मुंबई, महालक्ष्मी मंदिर कोल्हापुर, लक्ष्मीनारायण मंदिर दिल्ली, महालक्ष्मी मंदिर इंदौर,चौरासी मंदिर हिमाचल प्रदेश, लक्ष्मी नारायण मंदिर चंबा (हिमाचल प्रदेश), अष्टलक्ष्मी मंदिर चेन्नई..
मां पद्मावती मंदिरः आंध्र प्रदेश के तिरुचुरा गांव में मां पद्मावती मंदिर, यहां मां लक्ष्मी की पूजा देवी पद्मावती के रूप में की जाती है। मान्यता है कि यहां आने से हर मुराद पूरी होती है।
स्वर्ण मंदिरः वेल्लु जिले के थिरूमलई कोड गांव में यह मंदिर है, यह मंदिर चेन्नई से 145 किलोमीटर दूर पलार नदी के किनारे स्थित है और 100 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
पद्मनाभ स्वामी मंदिरः केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में यह मंदिर स्थित है। 9 वीं शती के ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है, इसका निर्माण त्रावणकोर के राजाओं ने कराया था। यह मंदिर भगवान विष्णु के पद्मनाभ अवतार के लिए समर्पित है। इस मंदिर अपने स्वर्ण भंडार के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। हालांकि मंदिर आज जिस स्वरूप में दिखता है। उसका निर्माण 18 वीं शताब्दी में हुआ था।
महालक्ष्मी मंदिरः मुंबई में समुद्र के किनारे यह मंदिर स्थित है। इसकी बनावट अत्यंत आकर्षक है। इसका निर्माण अंग्रेजों के शासन काल के दौरान हुई थी। मान्यता है कि एक ठेकेदार के स्वप्न में मां लक्ष्मी आईं और उससे कहा कि समुद्र में महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती की 3 प्रतिमाएं स्थित हैं। इनके लिए मंदिर बनवाए, फिर उसने ऐसा ही किया।
महालक्ष्मी मंदिर कोल्हापुरःचालुक्य शासक कर्णदेव ने 7वीं शताब्दी में कोल्हापुर में महालक्ष्मी मंदिर बनवाया था। बाद में शिलहार यादव नें इसका पुनर्निर्माण कराया। इसमें 7000 साल पुरानी 40 किलो वजनी प्रतिमा है।
लक्ष्मीनारायण मंदिर, दिल्लीः यह दिल्ली का प्रमुख मंदिर है। इसके मूल स्थापत्य को 1622 में वीरसिंह देव ने बनवाया था। पृथ्वी सिंह ने 1793 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। सन 1938 में बिरला ग्रुप ने विस्तार कराया। वर्तमान में इसे बिरला मंदिर कहा जाता है।
महालक्ष्मी मंदिर इंदौरः एमपी की आर्थिक राजधानी इंदौर के दिल राजवाड़ा में यह मंदिर स्थित है। 1832 में मल्हार राव द्वितीय ने यह मंदिर बनवाया था। 1933 तक यह मंदिर भूमिगत था, जिसमें 3 तल थे। 1942 में इसका जीर्णोद्धार कराकर इसे भव्य रूप दिया गया।
चौरासी मंदिर भरमौरः चंबा से 65 किलोमीटर दूर हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्र भरमौर में चौरासी मंदिर स्थित है। यहां गणेशजी और भगवान नरसिंह की भी मूर्ति है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर चंबाः हिमाचल के चंबा में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर अपनी पारंपरिक वास्तुकारी और मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध है। यह चंबा के 6 प्रमुख मंदिरों में प्राचीन और विशाल में एक है। दस्तावेजों के अनुसार राजा साहिल वर्मन ने 10वीं शताब्दी में इसे बनवाया था। यह मंदिर अपनी शिखर शैली के लिए प्रसिद्ध है।
अष्टलक्ष्मी मंदिर चेन्नईः यह मंदिर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के इलियट बीच के पास स्थित है। इस मंदिर की लंबाई 65 फीट और चौड़ाई 45 फीट है। इसमें देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों की मूर्तियां प्रतिष्ठित हैं। चार मंजिल के 8 कमरों में विद्यमान हैं। देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की मूर्ति दूसरे तल पर विद्यमान है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
28 Oct 2024 11:21 am
Published on:
27 Oct 2024 02:50 pm


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