Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

लिखित परमिट की जगह मोबाइल से अनुमति, बिजली कंपनी की लापरवाही बन रही जानलेवा

टीकमगढ़ जिले में बिजली कंपनी की गंभीर लापरवाही अब आम लोगों और कर्मचारियों की जान पर भारी पडऩे लगी है। बीते डेढ़ महीने में 11 हजार केवी लाइन से जुड़े कई बड़े करंट हादसे सामने आए है। इन घटनाओं में अब तक दो लोगों की मौके पर दर्दनाक मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य […]

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
डेढ़ महीने में 11 केवी लाइन से कई हादसे
डेढ़ महीने में 11 केवी लाइन से कई हादसे

टीकमगढ़ जिले में बिजली कंपनी की गंभीर लापरवाही अब आम लोगों और कर्मचारियों की जान पर भारी पडऩे लगी है। बीते डेढ़ महीने में 11 हजार केवी लाइन से जुड़े कई बड़े करंट हादसे सामने आए है। इन घटनाओं में अब तक दो लोगों की मौके पर दर्दनाक मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल होकर उपचाररत है। चौंकाने वाली बात यह है कि हादसों के बाद भी बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है।

बताया जा रहा है कि सबसे अधिक नुकसान आउटसोर्स और ठेकेदारी कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है। सुरक्षा मानकों की अनदेखी और लिखित परमिट के बजाय मोबाइल फ ोन पर दी जा रही अनुमति इन हादसों का मुख्य कारण बताई जा रही है। जबकि मामले में विरोध प्रदर्शन किया गया, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति

पिछले कुछ वर्षों में ठेकेदारी पद्धति से गांव गांव और खेतों तक बिजली आपूर्ति तो पहुंचा दी गई, लेकिन सुरक्षा इंतजाम पूरी तरह नजर अंदाज किए गए। बिना प्रशिक्षण (अनटेंड) कर्मचारियों को सीधे 11 केवी लाइन और बिजली के पोलों पर चढ़ाया जा रहा है। न तो सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे है और न ही तय प्रक्रिया का पालन किया जा रहा ह। जिससे हादसों की आशंका लगातार बनी रहती है। हादसे के बाद बिजली कंपनी अक्सर पीड़ित को कंपनी का कर्मचारी न बताकर बाहरी व्यक्ति करार देकर जिम्मेदारी से बचने का प्रयास करती है।

मोबाइल पर परमिट बना हादसों की वजह

ठेकेदारों का कहना है कि सब स्टेशनों पर भी कई जगह अनटेंड कर्मचारी तैनात है। नियमों के अनुसार लाइन बंद कर सुधार कार्य के लिए लिखित परमिट दिया जाना चाहिए, लेकिन अब यह प्रक्रिया मोबाइल फ ोन कॉल या मैसेज तक सीमित हो गई है। इसी लापरवाही के कारण कई बार सुधार कार्य के दौरान अचानक बिजली सप्लाई चालू हो जाती है और जानलेवा हादसे हो जाते है।

बल्देवगढ़ सब स्टेशन की लापरवाही से गई जान

बल्देवगढ़ के सरपंच सुरेश अहिरवार ने बताया कि लखेरी गांव का सब स्टेशन बल्देवगढ़ के अंतर्गत आता है।

4 दिसंबर को गांव निवासी मोहनलाल अहिरवार लाइनमैन के निर्देश पर 11 केवी लाइन पर चढ़ा था। इसी दौरान सब स्टेशन से अचानक बिजली सप्लाई चालू कर दी गईए जिससे मोहनलाल की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। मृतक के पीछे चार छोटे बच्चे हैं।

लोहे के पोल में आया करंट, एक की मौत

18 दिसंबर को बड़ागांव धसान सब स्टेशन क्षेत्र के ककरवाहा गांव में राहुल जैन और रोहित कुशवाहा 11 केवी लाइन की चपेट में आ गए। इस हादसे में राहुल जैन की मौके पर मौत हो गईए जबकि रोहित कुशवाहा गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसका इलाज जारी है।

सागौनी में लाइनमैन घायल

कुण्डेश्वर सब स्टेशन के सागौनी गांव में लाइनमैन सुखलाल सेन एक व्यापारी के खेत में सुधार कार्य कर रहा था। इसी दौरान वह करंट की चपेट में आ गया और नीचे गिर पड़ा। गंभीर हालत में उसे स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।

वहीं खरोई में २९ नवंबर को १७ वर्षीय विष्णु अहिरवार, ३१ मई को धर्मपुरा के खारई गांव में ४२ वर्षीय पप्पू यादव, लाखरौन गांव में ३ जनवरी को दयाराम केवट, विघा गांव में ३५ वर्षीय धनीराम राहपूत,हरकनपुरा में २३ वर्षीय मालती पत्नी महेंद्र कुशवाहा की मौत करंट से हो गई है।

वर्ष 2024 का भीषण हादसा

वर्ष 2024 में मनपसार तिगैला क्षेत्र में मूंगफ ली फैक्ट्री के लिए ट्रांसफ ार्मर लगाया जा रहा था। खरगापुर सब स्टेशन से परमिट लिया गया थाए लेकिन सुधार कार्य के दौरान बिजली सप्लाई चालू कर दी गई। इस हादसे में बैरवार और मऊ बछोड़ गांव के दो युवकों की मौत हो गई थी। जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस प्रकरण में जेई की लापरवाही सामने आई थी।

सवालों के घेरे में बिजली कंपनी

लगातार हो रही इन घटनाओं ने बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए है। यदि समय रहते लिखित परमिट व्यवस्थाए प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन नहीं किया गया। तो ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता।

परमिट लिखित ही दिए जाएंगे और सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाएगा। जहां की बिजली लाइन में अव्यवस्थाएं पड़ी है। उनका सुधार किया जाएगा। जिससे दोवारा दुर्घटनाएं घटित न हो।

  • एसके त्रिपाटी, एसई बिजली कंपनी टीकमगढ़।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?

लव सोनकर

लव सोनकर

लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar