AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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टीकमगढ़ प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण, शहरी के तहत हितग्राहियों को दी जाने वाली अनुदान राशि की भुगतान प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। पहले जहां हितग्राहियों के खातों में राशि सीधे पीएफ एमएस पोर्टल के माध्यम से भेजी जाती थी। अब सरकार द्वारा स्पर्श पोर्टल के जरिए भुगतान की तैयारियां की जा रही है।
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 73762 आवास स्वीकृत किए गए है। जिनमें से 15273 आवास अब भी अपूर्ण है। भुगतान प्रक्रिया में तकनीकी बदलाव और सत्यापन संबंधी कारणों से हजारों हितग्राहियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चौथी किश्त की राशि अब तक प्राप्त नहीं हो सकी है। जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कई हितग्राहियों ने किश्त न मिलने के कारण आवास निर्माण रोकने की मजबूरी जताई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार स्पर्श पोर्टल के माध्यम से भुगतान होने पर सत्यापन प्रक्रिया और पारदर्शिता बढ़ेगी, लेकिन जब तक नया सिस्टम पूरी तरह लागू नहीं होता, तब तक हितग्राहियों को राशि मिलने में देरी की संभावना बनी हुई है।
वहीं ५८३४ हितग्राहियों ने तृतीय किश्त की राशि प्राप्त करने के बाद भी आवास पूर्ण नहीं कराए है। बुडेरा निवासी हितग्राही हरिनारायण लोधी, काशीराम, कस्सी यादव, बसोरा आदिवासी ने बताया कि दूसरी आवास की किश्त नहीं आई है। इस कारण से निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।
गरीबों को भी अमीर वर्ग की तरह पक्कें मकानों में रहने की सुविधा मिले, ताकि गरीब और ग्रामीण अंचल के लोगों के जीवन स्तर में सुधार आ सके। उन्हें भी मूलभूत सुविधाओं से वचित नहीं होना पड़े। पक्की छत के नीचे रहकर वे अपने बच्चों को भी बेहतर वातावरण और सुविधाएं दे सके। इसके लिए सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में मकानों, झुग्गियों में रह रहे लोगों को पक्की छत वाला स्वंय का मकान उपलब्ध कराने पीएम आवास योजना चलाई जा रही है। लेकिन पिछले चार माह से जिले के ग्रामीण अंचल के हितग्राही पीएम आगस योजना में किश्त मिलने का इंतजार कर रहे है।
इनमें से ८३३ को प्रथम किश्त, ३४१९ को द्वितीय किश्त, ४०३६ को तृतीय किश्त और ११७१ को चौथी किश्त की राशि नाही मिल पाई। जिससे गरीबो के मकान अधूरी स्थिति में नजर आ रहे है। इस तरह कुल ९४५९ हितग्राही जनपद पंचायत और जिला पंचायत कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबर है।
सरकार की मंशा है कि गरीब और ग्रामीण अंचल के लोगों को भी अमीर वर्ग की तरह पक्के मकानों में रहने की सुविधा मिले, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो और वे मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे। पक्की छत के नीचे सुरक्षित जीवन बिताकर वे अपने बच्चों को भी बेहतर वातावरण और सुविधाएं उपलब्ध करा सके । इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में झुग्गियों व कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वयं का पक्का मकान उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन जिले में यह सपना फि लहाल अधूरा नजर आ रहा है।
बीते चार माह से ग्रामीण अंचल के हजारों हितग्राही पीएम आवास योजना की किश्तों का इंतजार कर रहे है। स्थिति यह है कि 833 हितग्राहियों को प्रथम किश्त, 3419 को द्वितीय किश्त, 4036 को तृतीय किश्त और 1171 हितग्राहियों को चौथी किश्त की राशि अब तक नहीं मिल पाई है।
किश्तें न मिलने के कारण कई गरीब परिवारों के मकान अधूरी हालत में खड़े हैं। कहीं दीवारें अधूरी है तो कहीं छत का काम रुका पड़ा है। आर्थिक मजबूरी के चलते हितग्राही निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ा पा रहे है। इस तरह कुल 9459 हितग्राही किश्तों की आस में जनपद पंचायत और जिला पंचायत कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि शासन स्तर से हितग्राही के खाते में आती है। पहले पीएफ एमएस पोर्टल के माध्यम से भेजी जाती थी। अब स्पर्श पोर्टल के जरिए भुगतान की तैयारियां की जा रही है। कई हितग्राही ऐसे है। जिन्होंने निर्माण की किश्त ले ली और कार्य नहीं किया। उनकी जांच की की जा रही है। नए पोर्टल का कार्य होते ही राशि हितग्राहियों को दी जाएगी।
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Published on:
17 Dec 2025 07:45 pm


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