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प्रयागराज महाकुंभ के बाद सिंहस्थ में 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान, 2000 करोड़ होंगे खर्च

Ujjain Simhastha 2028 - कुछ ऐसा ही नजारा अब एमपी में नजर आ सकता है।

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30 crore devotees expected to arrive in Ujjain Simhastha 2028
30 crore devotees expected to arrive in Ujjain Simhastha 2028

Ujjain Simhastha 2028 - प्रयागराज में महाकुंभ में उमड़ी भीड़ को देखकर देश-दुनिया के लोग अचंभित हो उठे थे। कुछ ऐसा ही नजारा अब एमपी में नजर आ सकता है। प्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन में सिंहस्थ 2028 का आयोजन किया जाना है जिसमें 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। पवित्र स्नान के लिए आनेवाले इन करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए उज्जैन के सिंहस्थ क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज जैसी आधारभूत सुविधाएं जुटानी होंगी। इन अधोसंरचनात्मक व्यवस्थाओं के लिए करीब 2 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान जताया जा रहा है।

उज्जैन में लगे पिछले कुंभ मेला यानि सिंहस्थ 2016 में करीब 7 करोड़ श्रद्धालु आए थे। तब यहां अधोसंरचना विकास पर 632.86 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। सिंहस्थ-28 में जरूरतें चार गुना बढ़ेंगी। ऐसे में अस्थायी सड़क, पानी, बिजली आदि करीब 2000 करोड़ रुपए पर खर्च होंगे।

उज्जैन में सिंहस्थ के लिए मेला क्षेत्र में अब तक आधारभूत सुविधाओं के लिए अस्थायी निर्माण किए जाते रहे हैं। सिंहस्थ 2016 में 632 करोड़ खर्च किए गए लेकिन सिंहस्थ खत्म होने के बाद इनका कोई उपयोग नहीं हुआ था। वर्ष 15-16 के बाद इन्फ्लेशन में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई वहीं सिंहस्थ-28 में 30 करोड़ से अधिक लोगों के मान से व्यवस्था जुटाना होगी, यानि मांग चार गुना से ज्यादा बढ़ जाएगी। ऐसे में यदि इस बार भी सिंहस्थ मेला क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के लिए अस्थायी निर्माण किए गए तो यह खर्च 1500 से दो हजार करोड़ तक पहुंच सकता है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि यह राशि इतनी बड़ी है कि इसमें 10-15 प्रतिशत वृद्धि कर स्थायी प्रबंध व पक्के निर्माण किए जा सकते हैं। हालांकि इसके लिए अभी अधिकृत एस्टीमेट तैयार नहीं हुआ है।

पक्के निर्माण की योजना
राज्य सरकार ने सिंहस्थ-28 को देखते हुए मेला क्षेत्र में स्थायी अधोसंरचनाओं के लिए स्प्रिचुअल सिटी विकसित करने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत लैंड पूलिंग कर क्षेत्र में पक्की सडक़, पानी की लाइन, सीवर लाइन, अंडरग्राउंड बिजली लाइन, इलेक्ट्रिक पोल आदि स्थायी रूप से लगाए जाएंगे। हालांकि किसान इसका विरोध करते हुए अपनी जमीनें देने से इंकार कर रहे हैं।

सिंहस्थ 2016 में 632.86 करोड़ किया खर्च

  1. पेयजल व्यवस्था, सीवर लाइन- 163 करोड़ रुपए
  2. इलेक्ट्रिक व्यवस्था- 101 करोड़ रपए
  3. टॉयलेट, सफाई, टैंट आदि पर- 315 करोड़ रुपए।
  4. कच्ची सड़क, लेवलिंग- 20 करोड़ रुपए
  5. टैंट व पार्किंग- 30 करोड़ रुपए
  6. जिला पंचायत के टैंट- 3.86 करोड़ रुपए

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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