AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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MP News: मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने एक मामला सामने आया है। जहां हनुमान अष्टमी पर एक संत ने मौलाना मौज की दरगाह पर पहुंचकर सादगी के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस आयोजन में न सिर्फ हिंदू बल्कि मुस्लिम समाज के युवा और वहां के पीर भी शामिल हुए। महिलाओं ने भी धार्मिक आयोजन में हिस्सा लिया।
दरअसल, शिप्रा नदी के किनारे स्थित मौलाना मौज दरगाह परिसर में एक संत ने शिष्यों के साथ साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। सोशल मीडिया पर वीडियो भी प्रसारित हुजा है। हनुमान अष्टमी पर बाबा बम-बम भोले नाम के एक संत ने दरगाह पर चादर चढ़ाने की इच्छा जाहिर की। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि बड़ी संख्या में लोग हनुमान चालीसा करने पहुंचे थे। कमेटी ने इस आपत्ति जताई है।
संत के शिष्यों ने बताया कि कश्मीर में भी जहां कोई सामान्य रूप से नहीं निकल सकता, वहां भी बाबा ने तिरंगा लहराया था। अब उन्होंने मौलाना मौज की दरगाह पर चादर पेश करने के बाद कव्वाली सुनी और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके पीछे केवल सांप्रदायिक सौहार्द की भावना थी, और कुछ नहीं।
इधर, दरगाह कमेटी ने बताया कि कि करीब तीन दिन पहले हनुमान अष्टमी पर बाबा बम-बम बोले नाम के संत के द्वारा दरगाह पर चादर चढ़ाने की अनुमति मांगी थी। साथ ही कव्वाली कराने की बात भी कही गई थी। जिसके बाद कमेटी ने अनुमति प्रदान कर दी। अनुमति मिलने के बाद संत दरगाह के अंदर चादर चढ़ाने गए और कमेटी के सदस्य वहां से चले गए। इसके बाद परिसर में क्या हुआ...क्या नहीं इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। कमेटी का मानना है कि इस गतिविधि के कारण धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
16 Dec 2025 02:18 pm
Published on:
16 Dec 2025 02:17 pm


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