AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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जिले में आयोजित राष्ट्रीय शालेय फुटबॉल प्रतियोगिता में बाहर से आए खिलाडिय़ों के लिए बहुत ही निम्न दर्जे की व्यवस्था की गई है। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने देश के अलग-अलग राज्यों से पहुंची टीमों की लोढ़ा स्थित क्रीड़ा परिसर में ठहरने की व्यवस्था कराई गई है। खिलाडिय़ों को यहां पर सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना भी मेस के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। मेस द्वारा निम्न स्तर की खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ फूड अधिकारी के निरीक्षण में यह बात सामने आई है। उन्होंने मेस संचालक को नमक, तेल, सूजी, मूंगफली सहित अन्य सामग्री को तत्काल हटाने और अच्छी क्वालिटी की सामग्री उपयोग करने के निर्देश दिए हैं।
प्रतियोगिता में देशभर के अलग-अलग प्रदेशों से आए लगभग 700 खिलाडिय़ों के लिए 1 दिसंबर से 6 दिसंबर तक को भोजन सहित तमाम व्यवस्थाएं उपलब्ध कराना है। सिर्फ भोजन व्यवस्था में करीब 15 लाख से ज्यादा का व्यय होना है। ऐसे में आयोजक मंडल द्वारा भोजन व्यवस्था के लिए बगैर टेंडर जबलपुर से मेस को काम दे दिया है। जबकि शासन के नियमानुसार एक लाख से ज्यादा के कार्य बगैर टेंडर नहीं कराए जा सकते। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी आरएस मरावी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं पता आप सलीम से बात कर लीजिए। जिले में इतने बड़ा आयोजन गर्व की बात है, लेकिन व्यवस्थाओं की वजह से किरकिरी भी हो रही है।
राष्ट्रीय शालेय फुटबॉल प्रतियोगिता के शुभारंभ के दौरान आयोजक मंडल की मनमानी से भाजपा नेताओं में भारी नाराजगी देखी गई। बाद में कलेक्टर की पहल पर भाजपा नेता माने तब जाकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। दरअसल आयोजक मंडल के ऊपर पूर्व से ही पक्षपात और भाजपा नेताओं की उपेक्षा करने के आरोप लगते रहे हैं। भाजपा मीडिया प्रभारी की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि 1 दिसंबर को राष्ट्रीय शालेय फुटबॉल प्रतियोगिता का शुभारंभ किया जाना था, इस दौरान जब भाजपा नेता अमर सहित स्टेडियम पहुंचे तब उन्हें उतना सम्मान और तवज्जो नहीं दी गई। इसके बाद भाजपा नेता कार्यक्रम स्थल से निकल गए। कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन आगे आकर नेताओं से बातचीत की तब नेतागण वापस मंच पर लौटे। भाजपा के वरिष्ठ नेता मिथलेश पयासी ने बताया कि अक्टूबर में राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता के दौरान भी आयोजक मंडल द्वारा भाजपा नेताओं की उपेक्षा की गई थी। राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल प्रतियोगिता में भी भाजपा के किसी बड़े नेता या मंत्री को नहीं बुलाया गया जबकि यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर का है। वहीं जिले में दोनों विधायक और सांसद भाजपा पार्टी से हैं।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
03 Dec 2025 03:57 pm


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