AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Varanasi: "गंगा की लहरों में अतीत के हजारों वर्षों की कहानियां बहती हैं। यह वो नगरी है, जहां मृत्यु भी मोक्ष का द्वार बन जाती है, दोस्तों इसका नाम है काशी... दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर, जिसे हम वाराणसी के नाम से भी जानते हैं। यह शहर सिर्फ ईंट-पत्थरों की बस्ती नहीं, बल्कि यह आत्मा की शांति और आध्यात्मिकता का केंद्र है। आज हम आपको लेकर चलेंगे इस दिव्य नगरी की एक अद्भुत यात्रा पर।"
काशी का उल्लेख वेदों, उपनिषदों, महाभारत और रामायण जैसे पवित्र ग्रंथों में मिलता है। कहते हैं, यह नगर भगवान शिव के त्रिशूल पर टिका हुआ है। स्कंद पुराण में इसे "अमृत का सागर" कहा गया है। मान्यता है कि यहां मरने वाला व्यक्ति सीधे मोक्ष को प्राप्त करता है।
इतिहासकारों के अनुसार, काशी 3000 साल से भी अधिक पुरानी है और यह दुनिया का सबसे प्राचीन सतत आबाद रहने वाला शहर है। गंगा किनारे बसी इस नगरी ने अनगिनत सभ्यताओं को बनते-बिगड़ते देखा है। यहां हर पत्थर के पीछे कोई न कोई कहानी छिपी है।
वाराणसी को "मोक्ष की नगरी" कहा जाता है। यहां स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है। गंगा घाटों पर स्नान करना और गंगा जल से आचमन करना यहां की परंपरा का हिस्सा है। दशाश्वमेध घाट पर हर शाम होने वाली गंगा आरती भक्तों को दिव्यता का अनुभव कराती है। काशी दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर है।
काशी के घाट इसकी आत्मा हैं। यहां 84 घाट हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं दशाश्वमेध घाट यहां भव्य गंगा आरती होती है। अस्सी घाट –यहां संतों और साधुओं का जमावड़ा लगा रहता है। मणिकर्णिका घाट – जिसे मोक्ष प्राप्ति का द्वार माना जाता है। हरिश्चंद्र घाट – यहां चिता की आग कभी ठंडी नहीं होती। इन घाटों पर जीवन और मृत्यु दोनों एक साथ देखे जा सकते हैं।
काशी सिर्फ आध्यात्मिक नगरी ही नहीं, बल्कि यह कला और संगीत की जन्मभूमि भी है। यह शहर बनारसी साड़ियों के लिए मशहूर है। यहां के प्रसिद्ध संगीतज्ञों में पंडित रविशंकर और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का नाम आता है। बनारसी पान यहां की शान है। कहा जाता है, "बनारस का पान, जो खाए वो बने मेहमान!"
आज भी वाराणसी ने अपनी प्राचीनता को संजोते हुए आधुनिकता को अपनाया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण से मंदिर जाने का रास्ता और भी भव्य हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। लेकिन यहां का आध्यात्मिक रस और बनारसी अंदाज अब भी वैसा ही है – मस्त और अविनाशी!
काशी वो जगह है, जहां मृत्यु भी एक उत्सव बन जाती है। यहां की गलियों में भटकने से आत्मा को शांति मिलती है और गंगा की लहरों को देखते हुए मन अनंत में खो जाता है। यह वो नगरी है,जहां हर किसी को आकर एक बार खुद को खोजने की कोशिश करनी चाहिए। "बोलो हर हर महादेव! चलिए, अगली बार जब आप काशी आएं, तो इसकी दिव्यता को अपनी आत्मा में महसूस करें।"
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Updated on:
12 Feb 2025 04:34 pm
Published on:
12 Feb 2025 04:33 pm


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