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जयपुर

जेके लोन अस्पताल के वार्ड में शॉर्ट सर्किट से लगी आग

अफरातफरी और चीख पुकार, आग-धुएं से घुटने लगा दम...शुक्र है बच गए 47 बच्चे    

जयपुर . जेके लोन अस्पताल की तीसरी मंजिल स्थित प्रीफेब वार्ड के एसी में शॉर्ट सर्किट से सोमवार देर रात आग लग गई। जिससे वहां भर्ती बच्चों की जान पर संकट आ गया। चीख पुकार मचते ही जैसे-तैसे अस्पताल में मौजूद स्टाफ और बच्चों के परिजन ने 47 बच्चों को वहां से निकाला और दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया। दूसरे वार्ड में ले जाने से पहले बच्चों को करीब एक से डेढ़ घंटे तक इमरजेंसी में रखा गया। शॉर्ट सर्किट से एसी जलकर राख हो गया और धुआं पूरे वार्ड में फैल गया।

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धुएं की वजह से बच्चों का दम घुटने लगा, जिससे कई बच्चे रोने लग गए। उनके परिजन में भी चीख पुकार व अफरा-तफरी मच गई। कई बच्चों को ड्रिप चढ़ रही थी तो कुछ बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर भी थे। यहां अमूमन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीज ही भर्ती थे। आग की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन, डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी तुंरत वार्ड में पहुंच गए। उन्होंने दमकल को सूचना दी और तुरंत वार्ड से बच्चों को शिफ्ट करने में जुट गए। धुएं को निकालने के लिए शीशे भी तोड़े गए। कुछ देर बाद तीन दमकल पहुंची और आग पर काबू पाया।

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देर रात तीन बजे अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली। जहां शॉर्ट सर्किट हुआ, उसके नीचे तीन बेड लगे हुए थे। जिन पर बच्चे सो रहे थे। यह वार्ड आठ महीने पहले ही बनकर तैयार हुआ और चार महीने पहले ही शुरू किया गया था। प्रारंभिक पड़ताल में इसके निर्माण में कुछ खामियां पाई गई हैं, जिसकी विस्तृत जांच के आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने दिए हैं।

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हर कोई जिंदगी बचाने में जुटा रहा

हर कोई अपनी जान की बाजी लगाकर बच्चों की जिंदगी बचाने में जुटा नजर आया। बच्चों के परिजन ही नहीं डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मी, फार्मासिस्ट, गार्ड हर किसी के हाथ में बच्चे थे। यहां तक कि दमकल कर्मी भी बच्चों को बचाने में जुटे रहे। करीब 15 से 20 मिनट तक यह माहौल रहा। इस दौरान एक नर्सिंग कर्मी बेहोश भी हो गया। उसे भी आईसीयू में भर्ती करना पड़ा।