करौली. जिला मुख्यालय स्थित रियासतकालीन तीन दरवाजा तालाब की पाल (सुरक्षा दीवार) का अब शीघ्र निर्माण शुरू होगा। करीब पांच माह से बंद कार्य को शुरू कराने के लिए परिषद ने कार्रवाई शुरू की है।
तीन दिन पहले राजस्थान पत्रिका में तीन दरवाजे को फिर भूली परिषद, बारिश थमने के दो माह बाद भी शुरू नहीं हुआ कार्य शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद परिषद अधिकारियों ने इस दिशा में अब कवायद शुरू की है।
मंगलवार को सभापति नीतू गुप्ता के निर्देश पर नगरपरिषद के कनिष्ठ अभियंता नगर परिषद दिनेश चांदा व अन्य कार्मिक तीन दरवाजा पहुंचे। इस दौरान सभापति प्रतिनिधि जीतू गुप्ता सहित समाजसेवी बबलू शुक्ला, पार्षद आकाश कुशवाह संजय शर्मा, बच्चन माली, भगवान सिंह, पार्षद प्रतिनिधि दीपक शर्मा, अनूप, बनवारी सैन, नरेश लोधा सहित स्थानीय निवासी आलोक शर्मा, रॉबी, बृजेश पाल आदि भी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने कनिष्ठ अभियंता को वस्तुस्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यदि अभी कार्य शीघ्र प्रारंभ करा दिया जाएगा, तो आगामी बारिश से पहले कार्य पूर्ण होने से बारिश में लोगों को जलभराव की समस्या से राहत मिल सकेगी।
गौरतलब है कि करीब पांच माह पहले परिषद ने सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य शुरू कराया था, लेकिन बारिश के कारण कुछ दिन बाद ही कार्य रोकना पड़ा। बारिश का दौर थमे करीब दो माह का समय बीतने के बाद भी परिषद ने फिर से कार्य ही शुरू नहीं कराया। इसे लेकर तीन दिन पहले राजस्थान पत्रिका में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई।
इधर परिषद के कनिष्ठ अभियंता दिनेश चांदा ने बताया कि मंगलवार को तीन दरवाजे का जायजा लिया। वहां कुछ कीचड़ व पानी भरा है। दो-तीन दिन में सफाई कराकर व मड पम्प से पानी को निकलवाकर संवेदक से कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
निर्माण पूर्ण होने पर मिलेगी राहत
रियासतकाल के दौरान निर्मित तीन दरवाजा तालाब जुलाई 2016 में हुई अतिवृष्टि के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया। सुरक्षा दीवार टूटने से पानी एक साथ बहकर शहर के कई निचले इलाकों में पहुंच गया और जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई। इसके बाद जब भी अधिक बारिश का दौर चला, तभी ही जलभराव की समस्या उभरने लगी। इसके बाद 9 वर्ष तक इसकी मरम्मत की सुध ही नहीं ली गई। जून माह में पूर्व सभापति डॉ. राजरानी शर्मा ने इसकी मरम्मत के लिए कार्रवाई कराकर संवेदक से कार्य शुरू कराया था।
लोगों का कहना है कि सुरक्षा दीवार का निर्माण पूर्ण होने पर काफी हद तक शहर के निचले इलाकों में जलभराव की समस्या से राहत मिल सकेगी।