सुबह से ही दरबार में श्रीदादाजी महाराज की समाधि के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ रही। रात 8 बजे हुई बड़ी आरती बरसी की मुख्य आकर्षण रही। बड़ी आरती के दौरान पूरा परिसर दादाजी महाराज की जय के जयघोष से गूंज उठा। आरती के समय उपस्थित भीड़ से परिसर पूरी तरह खचाखच भर गया था। श्रीदादाजी महाराज की समाधि पर मत्था टेककर श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया। इसके पश्चात छोेटे दादाजी महाराज के दर्शन कर श्रद्धालु धुनी में आहुति डाली।
सप्ताहभर से बरसी पर्व की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी। इसी दौरान महाराष्ट्र सहित विभिन्न प्रांतों से भक्तों के आने का सिलसिला लगातार जारी रहा। बरसी के मुख्य दिवस पर स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ पांढूर्ना, बेतूल, छिंदवाड़ा, इंदौर, सौसर, भेंसदेही और गुजरात से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ, जिससे पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति रंग में सराबोर हो गया। श्रीदादाजी ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया। पांच हजार भक्तों के लिए नुक्ती, सब्जी व पुड़ी प्रसाद की व्यवस्था की गई थी।