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Nagaur patrika news…पालीटेक्निक महाविद्यालय व जड़ा तालाब क्षेत्र में बनाया अघोषित कचरा डिपो…VIDEO

नगर परिषद की लापरवाही ने नागौर के बालवा रोड स्थित पालीटेक्निक महाविद्यालय और जड़ा तालाब क्षेत्र को कचरे का डंपिंग ज़ोन बना दिया है। विशेषकर जड़ा तालाब का यह इलाका अब शहर के मध्य में स्थित होने के बावजूद कचरे से घिर चुका है, जिससे इलाके के निवासियों की मुश्किलें बढऩे लगी है। इस क्षेत्र के आसपास कचरे के ढेर और गंदगी ने यहां के पर्यावरण को भी संकट में डाल दिया है।

नागौर. नगर परिषद की लापरवाही ने नागौर के बालवा रोड स्थित पालीटेक्निक महाविद्यालय और जड़ा तालाब क्षेत्र को कचरे का डंपिंग ज़ोन बना दिया है। विशेषकर जड़ा तालाब का यह इलाका अब शहर के मध्य में स्थित होने के बावजूद कचरे से घिर चुका है, जिससे इलाके के निवासियों की मुश्किलें बढऩे लगी है। इस क्षेत्र के आसपास कचरे के ढेर और गंदगी ने यहां के पर्यावरण को भी संकट में डाल दिया है। खास बात यह है कि नगर परिषद ने अब तक इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं किया है। इन इलाकों में डंप किए गए कचरे का न तो समय पर उठाव किया जा रहा है, और न ही कोई स्थायी व्यवस्था की गई है। जिससे स्थिति और विकट होती जा रही है।

शहर के मध्य में स्थित जड़ा तालाब की ओर जाने पर सडक़ के दोनों ओर कचरे के ढेर डालने का काम लंबे समय से चल रहा है। इसकी वजह से दोनों ओर गंदगी के पहाड़ खड़े होने लगे हैं। यही स्थिति पालीटेक्निक महाविद्यालय के आसपास के क्षेत्रों की भी है। यहां पर भी इसी तरह से कचरा डाले जाने का काम तेजी से किया जा रहा है। खुले में पड़े कचरे के कारण मच्छर, मक्खियां और अन्य कीड़े-बखरे बढ़ रहे हैं, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। इसके अलावा, खुले में पड़े प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट से पर्यावरणीय असंतुलन पैदा हो रहा है, जिससे इलाके के प्राकृतिक संसाधनों को भी नुकसान हो रहा है। यह स्थिति तब है, जबकि जड़ा पार्क यह जगह शहरी क्षेत्र के मध्य स्थित है और सिटी पार्क के पास होने के कारण लोगों का आना-जाना बना रहता है। इसी तरह से पालीटेक्निक महाविद्यालय, जो एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है। इसके आसपास भी गंदगी का साम्राज्य कायम है। इसके मुख्य मार्ग, आसपास की सडक़ों और खाली भूखंडों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं।
कचरा पड़ा रहने से पर्यावरणीय संकट और स्वास्थ्य समस्याएं
विशेषज्ञों की माने तो जब कचरा खुले में पड़ा रहता है, तो उसकी सडऩ के कारण वातावरण में तीव्र दुर्गन्ध फैलती है, जो न केवल असहनीय होती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। यह दुर्गन्ध हवा में घुलकर विभिन्न संक्रमणों और श्वसन समस्याओं को जन्म देती है। इसके अलावा, खुले में पड़ा कचरा जमीन को खराब कर देता है, जिससे भूमि की उर्वरता कम हो जाती है और उसके अंदर के प्राकृतिक संसाधन प्रभावित होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, पर्यावरणीय असंतुलन पैदा होता है और जीव-जंतुओं का जीवन भी संकट में पड़ जाता है। इस तरह की स्थिति को रोकने के लिए कचरे का उचित निस्तारण और पर्यावरण संरक्षण बेहद जरूरी है।
मेरी जानकारी में नहीं है
पालीटेक्निक महाविद्यालय एवं जड़ा तालाब के आसपास कचरा डाले जाने की जानकारी नहीं है।अनुबंधित एजेंसी को कचरा डिपो के अंदर कचरा परिवहन कर डाले जाने के निर्देश हैं। इसकी स्थिति देखवा ली जाएगी।
गोविंद सिंह भींचर, आयुक्त नगरपरिषद नागौर