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कौन है उस्मान हादी? जिसकी मौत से बांग्लादेश में भारत के खिलाफ मचा है भारी बवाल, अखबारों के दफ्तर तक नहीं बचे

उसके मुताबिक बांग्लादेश में इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद चट्टोग्राम में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने बवाल काटा। उन्होंने हादी की हत्या और अवामी लीग के खिलाफ, साथ ही भारत विरोधी नारे लगाए।

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Osman Hadi
उस्मान हादी को लेकर बांग्लादेश में मचा बवाल। (फोटो- X/AdityaRajKaul)

बांग्लादेश में इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत की खबर के बाद प्रदर्शनकारियों ने चट्टोग्राम में भारतीय दूतावास के बाहर गुरुवार को रात भर बवाल काटा है।

प्रदर्शनकारी गुरुवार रात करीब 11 बजे दूतावास के बाहर जमा हुए। प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने किसी तरह से बवाल मचाने रहे लोगों को काबू में किया।

भारतीय सहायक उच्चायोग के सामने जमा हुए लोगों ने हादी की हत्या के विरोध में जमकर नारे लगाए। साथ ही अवामी लीग और भारत विरोधी नारे भी लगाए। बाद में पुलिस अधिकारियों ने दखल दिया और प्रदर्शनकारियों को परिसर से पीछे धकेल दिया।

कौन है हादी?

हादी बांग्लादेश में जुलाई विद्रोह और अवामी लीग पर बैन लगाने की मांग वाले आंदोलन के दौरान चर्चा में आया था। उसने ढाका-8 निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर संसदीय चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।

पिछले शुक्रवार को बिजोयनगर में चुनाव प्रचार के दौरान उस पर हमला हुआ था। एक चलती मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे हमलावर ने हादी को गोली मार दी। गोली उसके सिर में लगी।

गंभीर रूप से घायल हादी को तुरंत ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी सर्जरी हुई। जिसके बाद उसी रात उसे राजधानी के एवरकेयर अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया।

सोमवार दोपहर को उसे बेहतर इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया। गुरुवार रात एक वीडियो संदेश में कहा गया कि सिंगापुर जनरल अस्पताल में हादी की मौत हो गई है।

कैसे शुरू हुआ बवाल?

इंकलाब मंच के फेसबुक पेज पर शेयर किए गए एक पोस्ट में कहा गया कि हादी तथाकथित भारतीय वर्चस्व के खिलाफ संघर्ष में शहीद हो गए हैं। यह खबर सुनते ही हादी को चाहने वाले लोग सड़कों पर उतर गए और बवाल शुरू कर दिया।

नॉर्थ ईस्ट को हादी ने बताया था बांग्लादेश का हिस्सा

उस्मान हादी पिछले कुछ दिनों में भारत विरोधी बयानबाजी के लिए बांग्लादेश में मशहूर हो गया था। वह इंकलाब मंच नाम के छात्र संगठन का प्रवक्ता भी था। उसने शेख हसीना सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था।

हादी ने कुछ ही दिनों पहले भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश के नक्शे में शामिल दिखाने वाला एक विवादित पोस्ट साझा किया था, जिसे भारत विरोधी उकसावेबाजी के तौर पर देखा गया। इस पोस्ट को लेकर जमकर बवाल मचा था।

क्या है बांग्लादेशी में स्थिति?

अब ढाका और बांग्लादेश के कई अन्य शहरों में भारी अशांति के बाद अब तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। भीड़ ने मीडिया हाउस, राजनीतिक कार्यालयों, सांस्कृतिक संस्थानों और निजी घरों पर हमला किया है, जिससे बड़े पैमाने पर क्षति हुई है।

मीडिया हाउस पर प्रदर्शनकारियों ने बोला हमला

कारवां बाजार में अंग्रेजी अखबार द डेली स्टार और बांग्ला दैनिक प्रोथोम आलो के कार्यालयों पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया।

एक पत्रकार के अनुसार, द डेली स्टार के न्यूज रूम के कर्मचारियों को एक फोन कॉल से अलर्ट किया गया कि भीड़ प्रोथोम आलो कार्यालय में तोड़फोड़ करने के बाद उनकी इमारत की ओर बढ़ रही है।

जैसे ही कर्मचारियों ने बाहर निकलने की कोशिश की, भीड़ ग्राउंड फ्लोर पर पहुंच गई थी, उन्होंने इमारत में तोड़फोड़ करने के बाद उसमें आग लगा दी।

घना धुआं तेजी से परिसर में भर गया, जिससे पत्रकारों को नीचे उतरने की कोशिश छोड़नी पड़ी। एक समूह 10वीं मंजिल पर छत पर भाग गया, जहां 28 लोग फंस गए।

पत्रकार ने क्या कहा?

पत्रकार ने बताया कि एक कैंटीन कर्मचारी ने बाहरी फायर-एग्जिट सीढ़ी का उपयोग करके भागने की कोशिश की, लेकिन नीचे पहुंचने पर भीड़ ने उसे पकड़ लिया और पीटा। यह देखने के बाद, किसी और ने नीचे उतरने की हिम्मत नहीं की।

बाद में फायर सर्विस कर्मियों ने निचली मंजिलों पर आग बुझाई और चार अग्निशामक फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए छत पर चढ़ गए।

हमलावरों द्वारा नीचे इमारत में तोड़फोड़ जारी रखने के कारण कर्मचारियों ने नीचे आने से इनकार कर दिया और छत का दरवाजा बंद कर दिया।

कैसे लोगों को बचाया गया?

अग्निशामकों ने अंदर फंसे लोगों को यह कहकर आश्वस्त करने की कोशिश की कि नीचे सेना के जवान मौजूद हैं। बाद में, सेना के जवानों ने रणनीतिक रूप से सीढ़ियों का एक तरफ का रास्ता खोल दिया। हमलावर उस रास्ते से ऊपर चढ़ गए और तोड़फोड़ और लूटपाट फिर से शुरू कर दी।

आखिरकार, द डेली स्टार के कर्मचारी जो छत पर और बिल्डिंग के अंदर फंसे हुए थे, उन्हें फायर-एग्जिट सीढ़ियों से निकाला गया और बिल्डिंग के पीछे से बाहर ले जाया गया। बचाव अभियान सुबह करीब 3:45 बजे तक चला।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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