AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Vetting Policy: उनकी महफ़िल में मोहब्बत की इनायत देखिए, मुझको दी आवाज और दरबां को इशारा कर दिया। यूएस से दूसरे देशों के लोगों को वहां से निकालने के लिए कुछ इसी तरह की शरारतें की जा रही हैं। पिछले दिनों वॉशिंगटन में इमिग्रेशन दस्तावेज जमा करवाने के लिए कार्यालय गई एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया था और अब वर्क परमिट रिन्यू कराने के लिए दिसंबर में भारत आए लोग भारत में ही अटक गए हैं। अमेरिका में काम करने वाले ऐसे हजारों भारतीय H-1B वीजा धारक (H-1B Visa Status) इस समय भारत में फंस गए हैं, क्योंकि अमेरिकी दूतावास (US Embassy India) ने अचानक उनकी वीजा इंटरव्यू डेट्स (Trump Immigration Rules) रद्द कर दीं। नई सोशल मीडिया जांच नीति के कारण इंटरव्यू मार्च 2026 या उससे आगे तक टाल दिए गए हैं।
ट्रंप प्रशासन ने H-1B और H-4 वीजा आवेदकों के लिए सोशल मीडिया की गहन जांच शुरू की है। ध्यान रहे कि 15 दिसंबर 2025 से यह नियम लागू हुआ, जिसमें आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स (फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन आदि) को सार्वजनिक करना पड़ता है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई आवेदक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा न हो। इस जांच के चलते दूतावासों में रोजाना कम इंटरव्यू हो पा रहे हैं, जिससे दिसंबर के सभी अपॉइंटमेंट्स रद्द हो गए।
दूतावासों ने 15 से 26 दिसंबर के बीच कई अपॉइंटमेंट्स रद्द किए। कई इमिग्रेशन वकीलों के मुताबिक, यूएस के इस तरीके से सैकड़ों से हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स प्रभावित हुए हैं। भारत अमेरिकी H-1B वीजा धारकों का सबसे बड़ा स्रोत है, जहां लगभग 71% वीजा भारतीयों को मिलते हैं। कई लोग छुट्टियां मनाने, शादी में शामिल होने या परिवार से मिलने के लिए आए थे, लेकिन अब वे वापस अमेरिका नहीं लौट पा रहे।
गूगल और एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा न करने की सलाह दी है। इन कंपनियों ने इंटरनल मेमो जारी कर कहा है कि वीजा प्रोसेसिंग में 12 महीने तक की देर हो सकती है। कर्मचारी अगर बाहर गए तो लंबे समय तक अमेरिका से बाहर रहने का जोखिम है। कई कंपनियां अब रिमोट वर्क के विकल्प तलाश कर रही हैं या कर्मचारियों को जल्द वापस बुलाने की कोशिश कर रही हैं।
यह खबर सुनकर सबसे पहले तो दुख होता है। बरसों से अमेरिका में मेहनत कर रहे हजारों भारतीय IT प्रोफेशनल्स परिवार छोड़कर, टैक्स भरकर, सिर्फ इसलिए कि उनका वीजा रिन्यू हो जाए, भारत आए और अचानक यहीं फंस गए। यह न सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर परेशानी है, बल्कि उनके करियर, कंपनियों और भारत-अमेरिका के टेक रिश्तों पर भी गहरा असर डाल रहा है।
ट्रंप प्रशासन की इस सख्त नीति को देखकर लगता है कि H-1B को "राष्ट्रीय सुरक्षा" का बहाना बना कर कुशल भारतीय टैलेंट रोकने की कोशिश हो रही है। सोशल मीडिया जांच का नाम सुन कर हंसी आती है – क्या किसी की फेसबुक पोस्ट अमेरिका के लिए खतरा बन सकती है? यह ज्यादा लगता है कि इमिग्रेशन को धीमा करने का एक नया तरीका है।
तुरंत चेक करें: क्या आपका पुराना वीजा अभी वैलिड है? अगर हां, तो जल्द से जल्द अमेरिका वापस लौटें। एक बार एयरपोर्ट पर एंट्री हो गई तो कम से कम काम जारी रख सकते हैं।
अपनी कंपनी से बात करें: HR से रिमोट वर्क की इजाजत मांगें। कई कंपनियां (Google, Apple, Microsoft) फिलहाल रिमोट की अनुमति दे रही हैं।
नया अपॉइंटमेंट बुक करें: दूतावास की वेबसाइट पर नए स्लॉट्स चेक करें, लेकिन तैयार रहें – मार्च-अप्रैल 2026 तक इंतजार हो सकता है।
इमिग्रेशन वकील से संपर्क करें: भारत या अमेरिका में अच्छे वकील से सलाह लें। वे कभी-कभी एक्सपीडाइटेड रिक्वेस्ट या अन्य विकल्प सुझा सकते हैं।
सोशल मीडिया क्लीन-अप: अपने अकाउंट्स को पब्लिक रखें और कोई विवादास्पद पोस्ट हटा दें, क्योंकि जांच में यह देखा जाएगा।
यह अमेरिका की "America First" नीति का एक और उदाहरण है।
Statista (जून 2024): 5.4 मिलियन से अधिक।
Pew Research Center (2023-2024 अपडेट): 5.2 मिलियन।
US Census Bureau अनुमान (2023-2025): 5.1 मिलियन से 5.5 मिलियन तक। यह संख्या तेजी से बढ़ रही है, और भारतीय अमेरिकी अब एशियाई मूल के दूसरे सबसे बड़े समुदाय हैं।
H-1B वीजा धारक: अमेरिका में कुल लगभग 7-8 लाख (730,000 से अधिक) H-1B वीजा धारक हैं (2025 अनुमान)।
FY 2024 में कुल H-1B पेटिशन अप्रूवल: 399,395 (ज्यादातर रिन्यूअल)।
भारत से: 71% (लगभग 283,397)।
H-4 वीजा धारक: H-4 (H-1B के डिपेंडेंट) की सटीक संख्या अलग से नहीं बताई जाती, लेकिन H-1B परिवारों में H-4 धारक कई लाख में हैं।
H-1B आवेदन: FY 2024 में कुल 399,395 अप्रूवल (कई रिन्यूअल)।
भारत से: 71% (283,397)।
H-4 आवेदन: H-4 डिपेंडेंट वीजा आवेदन H-1B के साथ जुड़े होते हैं। H-1B प्रोग्राम में भारत का दबदबा है – 70-75% आवेदन भारतीयों के होते हैं।
दिसंबर 2025 में अमेरिकी दूतावास की नई सोशल मीडिया जांच नीति के कारण हजारों H-1B/H-4 आवेदक भारत में फंस गए हैं।
दिसंबर 15-26 के बीच के अपॉइंटमेंट्स रद्द/स्थगित कर दिए गए हैं – नई डेट्स मार्च 2026 से 2027 तक मिल रही हैं।
इमिग्रेशन वकीलों वीणा विजय अजयनाथ व चार्ल्स कुक के अनुसार: हजारों लोग प्रभावित हैं।
The Washington Post रिपोर्ट: सैकड़ों, संभवतः हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स फंसे हैं।
अमेरिकी कंपनियां खुद प्रभावित : Google, Apple और Amazon जैसी कंपनियां भारतीय टेलेंट पर निर्भर हैं। अगर कर्मचारी वापस नहीं लौट पाए तो प्रोजेक्ट्स में देर होगी और उनकी लागत बढ़ेगी।
कुछ लोग कह रहे हैं कि इससे भारतीय टेक कंपनियां (TCS, Infosys, Wipro) और मजबूत होंगी, क्योंकि टैलेंट भारत में ही रहेगा। लेकिन वास्तव में यह "ब्रेन ड्रेन" को रोकने के बजाय "ब्रेन ट्रैप" जैसा लग रहा है।
सोशल मीडिया जांच के बहाने इमिग्रेशन को और सख्त किया: ट्रंप प्रशासन ने H-1B पर पहले ही $100,000 (लगभग ₹85-90 लाख) का शुल्क लगाने की बात की थी। अब सोशल मीडिया जांच के बहाने इमिग्रेशन को और सख्त किया जा रहा है।
इससे कई परिवार अलग हो गए। बच्चे स्कूल में हैं, पति-पत्नी अलग-अलग देशों में हैं। यह सिर्फ नौकरी की बात नहीं, बल्कि जीवन की बात है।
यह स्थिति भारतीय टेक वर्कर्स के लिए बड़ा झटका है और आने वाले महीनों में और भी सख्ती हो सकती है। उम्मीद है कि जल्द कोई राहत मिले, वरना हजारों लोग अनिश्चितता में फंसे रहेंगे।
अब तक की सबसे बड़ी गड़बड़ी इमिग्रेशन वकील इसे "अब तक की सबसे बड़ी गड़बड़ी" बता रहे हैं। इससे नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं और परिवार अलग हो सकते हैं। अमेरिकी दूतावास ने चेतावनी दी है कि पुरानी तारीख पर पहुंचने वालों को अंदर नहीं आने दिया जाएगा।
रिमोट वर्क: कई कंपनियां कर्मचारियों को भारत से ही काम करने की इजाजत दे रही हैं।
तुरंत वापसी: अगर वीजा स्टैंप अभी वैलिड है, तो कुछ लोग तुरंत अमेरिका लौट सकते हैं।
नया अपॉइंटमेंट: पुरानी तारीख रद्द होने पर नई बुक करनी होगी, लेकिन इसमें महीनों लग सकते हैं।
बहरहाल, यह स्थिति H-1B प्रोग्राम पर ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियों का नतीजा है। भारतीय टेक प्रोफेशनल्स के लिए यह बड़ा झटका है। स्थिति जल्द सुधरने की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल अनिश्चितता बनी हुई है।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Published on:
22 Dec 2025 01:34 pm


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