AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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India Bangladesh Relations: भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक रिश्तों में एक बार फिर तल्खी (India Bangladesh Tension) आ गई है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार (Dhaka Interim Government) की ओर से शेख हसीना (Sheikh Hasina News) व देश के हालात को लेकर भारत पर लगाए गए आरोपों का विदेश मंत्रालय ने बेहद सख्त और सधे हुए शब्दों में जवाब दिया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि ढाका अपनी आंतरिक नाकामी का ठीकरा पड़ोसी देश पर न फोड़े। विदेश मंत्रालय ने उन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया (MEA Statement), जिनमें कहा गया था कि भारत अपनी भूमि का इस्तेमाल बांग्लादेश के हितों के खिलाफ कर रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान बांग्लादेश के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने दो टूक कहा कि बांग्लादेश की तरफ से आ रहे ऐसे बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, "भारत अपनी भूमि का उपयोग किसी भी पड़ोसी देश के खिलाफ गतिविधियों के लिए करने की अनुमति कभी नहीं देता।" दरअसल, बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार के कुछ सलाहकारों ने हाल ही में आरोप लगाया था कि शेख हसीना भारत में रहकर बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रही हैं। भारत ने इस दावे को पूरी तरह 'गलत और भ्रामक' बताया है।
भारत ने ढाका में मची उथल-पुथल और हालिया हिंसक घटनाओं पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को आईना दिखाते हुए कहा- 'कानून-व्यवस्था संभालना आपकी जिम्मेदारी है।' भारतीय विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखना वहां की सरकार का प्राथमिक कर्तव्य है।
प्रवक्ता ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार आंतरिक स्थिरता लाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।" भारत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और राजनीतिक हिंसा को लेकर दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है। भारत ने साफ संदेश दिया है कि ढाका अपनी अंदरूनी चुनौतियों से निपटने पर ध्यान दे, भारत पर उंगली न उठाए।
भारत ने बांग्लादेश में जल्द से जल्द शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली पर भी जोर दिया है। विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार देश में ऐसा माहौल तैयार करेगी, जिससे भविष्य में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव हो सकें। भारत ने हमेशा एक स्थिर और शांतिपूर्ण बांग्लादेश का समर्थन किया है, क्योंकि यह पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और भारत आने के बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में संवेदनशीलता बनी हुई है। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों को लेकर भारत ने कई बार चिंता जाहिर की है। वहीं, बांग्लादेश की नई सरकार बार-बार शेख हसीना के प्रत्यर्पण और उनके बयानों को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करती रही है। ताजा बयानबाजी से यह साफ है कि भारत अब रक्षात्मक मुद्रा में रहने के बजाय, तथ्यों के साथ अपनी बात मजबूती से रखने की रणनीति पर काम कर रहा है।
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Published on:
14 Dec 2025 09:27 pm


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