AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Russia Israel Phone Call: रूस और इजरायल के शीर्ष नेताओं ने फोन पर महत्वपूर्ण बातचीत की है।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मध्य पूर्व की ताजा स्थिति पर विस्तार से चर्चा (Russia Israel Phone Call) की। क्रेमलिन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दोनों ने क्षेत्र में हो रही घटनाओं पर विचार साझा किए। पुतिन ने दोहराया कि रूस फिलिस्तीनी मुद्दे के न्यायपूर्ण हल का समर्थन करता है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित हो। यह बातचीत वैश्विक तनावों के बीच एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। चर्चा का मुख्य फोकस गाजा पट्टी में चल रहे संघर्ष पर रहा। दोनों नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump )की '20 सूत्री योजना' पर विचार किया, जो युद्धविराम और पुनर्निर्माण का प्रस्ताव रखती है। पुतिन ने कहा कि रूस हमेशा से फिलिस्तीन समस्या के व्यापक समाधान के पक्ष में है। नेतन्याहू (Putin Netanyahu Discussion) ने भी इस योजना को गंभीरता से लिया, लेकिन विस्तृत सहमति पर अभी काम बाकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना गाजा में शांति बहाल करने का एक मौका हो सकती है, जहां हाल के हवाई हमलों में कई लोग मारे गए हैं।
बातचीत में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई। दोनों ने सहमति जताई कि ऐसे मुद्दों का हल बातचीत से ही निकाला जाना चाहिए। चाइना मीडिया ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया की स्थिरता पर भी विचार हुआ। पुतिन ने जोर दिया कि क्षेत्रीय समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना जरूरी है। नेतन्याहू ने पुतिन को जन्मदिन की बधाई दी, जबकि पुतिन ने इजरायल के सुखोत त्योहार पर शुभकामनाएं दीं।
यह फोन कॉल यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है। रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच इजरायल के साथ संबंध मजबूत करना रूस की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा लगता है। ट्रंप की योजना न केवल गाजा को प्रभावित करेगी, बल्कि यूक्रेन पर भी असर डाल सकती है। ट्रंप ने पहले ही यूक्रेन संकट पर यूरोपीय संघ को जिम्मेदारी सौंपी है और रूस पर दबाव बनाने की बात कही है। पुतिन-नेतन्याहू की चर्चा से अमेरिका-रूस के बीच अप्रत्यक्ष संवाद बढ़ सकता है, जो यूक्रेन में युद्धविराम की दिशा में मददगार साबित हो।
मध्य पूर्व में चल रहे संघर्षों ने दुनिया को चिंतित कर रखा है। गाजा में इजरायल-हमास वार्ता चल रही है, जहां बंधकों की रिहाई और कैदियों के आदान-प्रदान पर बात हो रही है। रूस का फिलिस्तीनी राज्य के समर्थन का रुख हमेशा से साफ रहा है। लेकिन यूक्रेन पर रूस का आक्रमण और गाजा में इजरायल की कार्रवाई के बीच समानांतरता साफ है। दोनों ही जगह मानवीय संकट गहरा रहा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि पुतिन की यह कूटनीति रूस को अलग-थलग पड़ने से बचाएगी।
बहरहाल यह बातचीत वैश्विक शांति के लिए एक उम्मीद जगाती है। अगर ट्रंप की योजना सफल हुई, तो गाजा में पुनर्निर्माण तेज होगा और क्षेत्र स्थिर बनेगा। यूक्रेन के लिए भी अप्रत्यक्ष फायदा हो सकता है, क्योंकि रूस की ऊर्जा पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। लेकिन चुनौतियां बाकी हैं, जैसे ईरान का परमाणु कार्यक्रम और सीरिया की अस्थिरता। रूस और इजरायल की यह पहल अन्य देशों को भी प्रेरित कर सकती है। (आईएएनएस)
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Published on:
07 Oct 2025 05:41 pm


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