AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Russia spying on Europe oil tankers: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के तेवर देख पूरा यूरोप खौफ में है। पुतिन ने साफ कर दिया है कि वह यूक्रेन के साथ युद्ध में पीछे नहीं हटेंगे। यदि कूटनीति विफल रहती है, तो रूस पूर्वी यूक्रेन के बाकी हिस्सों पर भी कब्जा कर लेगा। पुतिन का यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी झटका है, जो लगातार दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिश में लगे हैं।
व्लादिमीर पुतिन शांति प्रस्ताव पर यूक्रेन और यूरोप के रवैये से नाराज हैं। इसके अलावा, NATO चीफ के बयान से भी उनका पारा हाई है। इस बीच, रूस के यूरोपीय देशों पर नजर रखने को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रूस की सेना और सिक्योरिटी सर्विस से जुड़े अधिकारी ऑयल टैंकरों में छिपकर यूरोप की जासूसी कर रहे हैं। ये अधिकारी दूसरे देशों में रजिस्टर्ड जहाजों पर सवार होकर यूरोप पर नजर रखते हैं, ताकि किसी को शक न हो।
यूक्रेनी इंटेलिजेंस ने भी बताया है कि हाल के दिनों में दूसरे देशों में रजिस्टर्ड कुछ ऐसे जहाजों के बारे में बात चला है, जिनके पोर्ट छोड़ने से पहले ही अतिरिक्त क्रू मेम्बर देखे गए। रूस बेहद चालाकी से ऑयल टैंकरों में अपने जासूस भेज रहा है। चालक दल के अधिकांश सदस्य दूसरे देशों के होते हैं, जिनके बीच में एक-दो रूसी रखे जाते हैं। सीएनएन ने अपनी पड़ताल में पाया है कि मोरन सिक्योरिटी नामक सीक्रेट रूसी कंपनी के जरिए इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। जहाजों पर सवार लोगों में कुछ किराए के सैनिक भी हैं, जो पहले रूस के वैगनर ग्रुप के लिए काम कर चुके हैं। इसलिए यह यूरोप के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है।
वेस्टर्न इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, मोरन एक प्राइवेट सिक्योरिटी फर्म है, जिसके रूसी मिलिट्री और इंटेलिजेंस से गहरे संबंध हैं। इस फर्म पर 2024 में US ट्रेजरी ने रूसी सरकारी कंपनियों को आर्म्ड सिक्योरिटी सर्विस देने के लिए बैन लगाया था। यह बात भी सामने आई है कि जहाज पर सवार मोरन के लोगों ने यूरोपियन मिलिट्री ठिकानों की तस्वीरें ली थीं। इन खबरों ने यूरोप की चिंता बढ़ा दी है। एक्स्पर्ट्स का कहना है कि मिलिट्री बैकग्राउंड वाले रूसी लोगों की जहाजों पर मौजूदगी रूस की हाइब्रिड वॉरफेयर टेक्नीक को दर्शाती है, जिससे यूरोप में बड़ी गड़बड़ी को अंजाम दिया जा सकता है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, 20 सितंबर को दो रूसी नागरिक बाल्टिक सी पोर्ट से एक जहाज पर चढ़े। क्रू के रोस्टर में उन्हें टेक्नीशियन बताया गया। जहाज पर केवल यही दो रूसी हैं, बाकी सदस्य चीन, म्यांमार और बांग्लादेश के नागरिक थे। इनमें से एक पूर्व पुलिस ऑफिसर है और रशियन प्राइवेट मिलिट्री कंपनी वैगनर के लिए काम कर चुका है। इसी तरह, जुलाई में भी Boracay नामक ऑयल टैंकर पर रूस की स्पेशल पुलिस रेजीमेंट के एक अधिकारी के होने की खबर सामने आई थी।
बड़े पैमाने पर जहाज बाल्टिक सागर से गुजरते हैं, जो डेनमार्क और स्वीडन सहित कई NATO देशों की सीमा से लगा एक अहम समुद्री चोकपॉइंट है। ऐसे में जहाजों में रूसियों की मौजूदगी यूरोप के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकती है। ब्रिटेन पहले ही यह आशंका जता चुका है कि रूस समुद्र के नीचे मौजूद महत्वपूर्ण केबल नष्ट कर उसे बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकता है। ब्रिटेन ने तो रूस के संभावित खतरे को देखते हुए अपने नागरिकों से युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है।
रूस खुद को पूरी तरह से तैयार कर रहा है। यूक्रेन के साथ हालात बिगड़ने पर उसने पूरे यूरोप को दबाव में लाने की रणनीति बनाई है और ऑयल टैंकरों से जासूसी इसी का हिस्सा है। 2022 में यूक्रेन पर बड़े हमले के बाद से रूस ने सैकड़ों टैंकरों का एक तथाकथित शैडो फ्लीट बनाया है। ये जहाज पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बावजूद बाल्टिक और ब्लैक-सी पोर्ट से रूसी ऑयल ले जाते हैं। इससे क्रेमलिन को हर साल करोड़ों डॉलर की कमाई होती है। अब इन शैडो फ्लीट का मूवमेंट काफी अधिक हो गया है। इनमें हथियारों के साथ रूसी नागरिकों को भी देखा गया है।
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Updated on:
19 Dec 2025 11:26 am
Published on:
19 Dec 2025 11:19 am


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