Patrika Logo
Switch to English
होम

होम

वीडियो

वीडियो

प्लस

प्लस

ई-पेपर

ई-पेपर

प्रोफाइल

प्रोफाइल

नमक के दाने से भी छोटा रोबोट लाएगा इलाज में क्रांति, वैज्ञानिकों की बड़ी खोज

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट बनाया है जो नमक के दाने से भी छोटा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह रोबोट इलाज में क्रांति ला सकता है।

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

🌟 AI से सारांश

AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

पूरी खबर सुनें
  • 170 से अधिक देशों पर नई टैरिफ दरें लागू
  • चीन पर सर्वाधिक 34% टैरिफ
  • भारत पर 27% पार्सलट्रिक टैरिफ
पूरी खबर सुनें
Robot smaller than grain of salt
Robot smaller than grain of salt (Photo - Washington Post)

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसा रोबोट (Robot) बनाया है, जो नमक के एक दाने (Grain of Salt) से भी छोटा है। यह रोबोट खुद महसूस कर सकता है, सोच सकता है और काम कर सकता है। यह खोज 40 साल पुरानी एक मुश्किल समस्या को हल करती है। पहले इतने छोटे रोबोट में कंप्यूटर, सेंसर और मोटर एक साथ फिट करना नामुमकिन-सा लगता था, लेकिन अब टेक्नोलॉजी काफी बदल चुकी है और इस वजह से ऐसा करना संभव है।

इस तरह का पहला रोबोट

वैज्ञानिकों के अनुसार यह इस तरह का पहला छोटा रोबोट है, जो इतनी छोटी साइज़ का होकर भी खुद सोचकर फैसला ले सकता है। यह रोबोट पुराने रोबोट्स से 100 गुना छोटा है, लेकिन ज़्यादा असरदार है। फिलहाल यह रोबोट सिर्फ लैब में काम करता है। इसे इंसानी शरीर के लिए सुरक्षित बनाना अभी बाकी है। अभी यह मीठे पानी में तैर सकता है, लेकिन नमकीन पानी या ज़मीन पर चलने लायक नहीं है। हालांकि अच्छी बात यह है कि इसे चलाना आसान है।

रोबोट में लगा है 55 नैनोमीटर का छोटा कंप्यूटर

अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार यह रोबोट एक मिलीमीटर से भी छोटी साइज़ का है। इसमें 55 नैनोमीटर का एक छोटा कंप्यूटर लगा है। साथ ही तापमान महसूस करने वाले सेंसर हैं जो 0.3 डिग्री तक सही काम करते हैं। यह रोबोट सूरज की रोशनी से चलता है क्योंकि इसमें सोलर सेल लगे हैं। बाहर से एक कांच जैसी परत इसे बचाती है। वैज्ञानिकों ने इसे 55 नैनोमीटर टेक्नोलॉजी से बनाया है जिससे बिजली की खपत कम हो।

इलाज में ला सकता है क्रांति

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह रोबोट इलाज में क्रांति ला सकता है। छोटे रोबोट शरीर की नसों में घुसकर सही जगह दवा पहुंचा सकते हैं। ब्लॉक हुई नसों को ठीक कर सकते हैं। सेल्स पर नज़र रख सकते हैं। इससे सर्जरी की ज़रूरत कम हो जाएगी। एक रिसर्चर ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि 10 साल में इसका असली इस्तेमाल शुरू हो सकता है। अभी यह लैब में है लेकिन जल्दी ही शरीर के अंदर काम करने लायक बन जाएगा, जिससे इलाज करना काफी आसान हो सकता है।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

अभी चर्चा में
(35 कमेंट्स)

अभी चर्चा में (35 कमेंट्स)

User Avatar

आपकी राय

आपकी राय

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?


ट्रेंडिंग वीडियो

टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

User Avatar