AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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Trump-Class Warships:अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने नौसेना के लिए नई पीढ़ी के युद्धपोत बनाने की घोषणा की है। इन्हें ट्रंप-क्लास नाम से जाना जाएगा। ट्रंप ने कहा, ये युद्धपोत सैन्य ताकत को नई ऊंचाई देंगे और दुश्मनों में डर पैदा करेंगे
ट्रंप की यह योजना एक बड़े नौसैनिक आधुनिकीकरण अभियान गोल्डन फ्लीट का हिस्सा होगी, जिसका मकसद चीन समेत अन्य संभावित विरोधियों का मुकाबला करना है। ट्रंप ने कहा कि अमरीकी नौसेना को नए और शक्तिशाली जहाजों की सख्त जरूरत है क्योंकि मौजूदा कई जहाज पुराने और तकनीकी रूप से कमजोर हो चुके हैं। वहीं, चीन जहाज निर्माण में तेजी से आगे निकल चुका है और उसके पास अमरीका से ज्यादा युद्धपोत हैं।
ट्रंप ने दावा किया कि नए युद्धपोत अब तक बने किसी भी युद्धपोत से 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली होंगे। शुरुआत में दो युद्धपोतों के निर्माण को मंजूरी दी गई है, भविष्य में इनकी संख्या 25 तक पहुंच सकती है। पहले जहाज का नाम यूएसएस डेफिएंट रखा जाएगा। ये जहाज हाइपरसोनिक और घातक हथियारों से लैस होंगे। इनमें परमाणु हथियार ले जाने वाली समुद्री क्रूज मिसाइल भी तैनात की जा सकती है।
ट्रंप-क्लास युद्धपोतों का वजन 30,000 से 40,000 टन के बीच होगा। ये जहाज न सिर्फ लड़ाकू प्लेटफॉर्म होंगे, बल्कि कमांड और कंट्रोल सेंटर के रूप में भी काम करेंगे। ये बिना इंसान के भी काम कर सकेंगे। इन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस किया जाएगा। इनका निर्माण पूरी तरह अमरीका में बने स्टील से होगा। इसमें इंसानों के साथ-साथ रोबोट भी काम करेंगे।
अमरीका के रक्षा बजट में इस योजना को लेकर स्पष्ट फंडिंग नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि ढाई साल में ऐसे युद्धपोत बनाना लगभग असंभव है। आलोचकों का कहना है कि आधुनिक युद्धों में बड़े जहाज ड्रोन और मिसाइलों के लिए आसान लक्ष्य बन सकते हैं। फिर भी ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह फैसला भविष्य की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
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Published on:
25 Dec 2025 05:01 am


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