AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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साल 2025 कुछ दिनों में ख़त्म होने जा रहा है। दुनिया के ऐसे कई देश हैं जहां इस साल सत्ता में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिला। कहीं जन आंदोलन के चलते तो कहीं कई सैन्य तख्तापलट के चलते इस साल अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सरकारें गिर गई। आइए जानते हैं कि इस साल किन-किन देशों में राजनीतिक अस्थिरता के चलते सत्ता में बदलाव हुआ।
नेपाल के लिए यह साल राजनीतिक संकट से भरा रहा। युवाओं के आक्रोश ने देश में एक बड़ी राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर दी, जिसके चलते के पी शर्मा ओली की सरकार गिर गई। भ्रष्टाचार के विरोध में नेपाल के युवा सड़कों पर उतर आए और एक बड़े आंदोलन को अंजाम दिया। Gen-Z के इस प्रदर्शन ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया जिसके चलते नेपाल की राजनीति में एक बड़ी उथल पुथल पैदा हो गई। इस आंदोलन ने नेपाल में सरकार गिरा दी और इस देश का पिछले कई वर्षों का इतिहास बरकरार रहा क्योंकि यहां पिछले 17 वर्षों में कोई भी सरकार अपने पांच सालों का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई है।
यूरोप के प्रमुख देशों के लिए यह साल राजनीतिक उथल पुथल से भरा रहा। इस साल जर्मनी और पुर्तगाल में सरकारें अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किए बिना ही गिर गई। जर्मनी में 2021 में बनी ओलाफ शोल्ज के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार ने आंतरिक मतभेदों के चलते अपना बहुमत खो दिया जिसके बाद सरकार संसद में अपना विश्वास मत हार गई और शोल्ज को इस्तीफ़ा देना पड़ा। इसी तरह इस साल पुर्तगाल में भी सरकार गिर गई। संसद में विश्वास मत हारने ke बाद लुईस मोंटेनग्रो को इस्तीफ़ा देना पड़ा।
जापान में भी चुनावों में बहुमत नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री शिगेरु इशीबा ने इस्तीफ़ा दे दिया। जुलाई 2025 में जापान में निचले सदन के चुनाव आयोजित हुए जिसमें इशीबा की पार्टी एलडीपी को बहुमत नहीं मिला। सत्तारुढ़ दल की इस हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए इशीबा ने अपना पद छोड़ दिया जिसके बाद साने ताकाइची देश की नई प्रधानमंत्री बनी। इसी के साथ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष ताकाइची ने नया इतिहास भी रच दिया क्योंकि वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुनी गई है।
पश्चिम अफ्रीकी देश बेनिन में भी इस साल सत्ता में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिला। यहां लोकतंत्र को एक बड़ा झटका तब लगा जब दिसंबर में सेना ने तख्तापलट करके सरकार गिरा दी। राष्ट्रपति पैट्रिस टैलोन को मिलिट्री कमेटी फॉर रिफाउंडेशन ने हटा दिया और सत्ता अपने हाथों में ले ली। सेना ने लाइव टीवी पर आकर सरकार भंग करने की घोषणा की और देश की कमान अपने हाथों में ले ली।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

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Updated on:
22 Dec 2025 09:18 pm
Published on:
22 Dec 2025 09:17 pm


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