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दो साल से बंद रहे स्कूलों ने बिगाड़ी चाल.. अब बजट ने निकाली साइकिल की हवा

- एमपी साइकिल वितरण योजना में कोविड ने डाला रोडा* अब स्कूल खलने पर साइकिल के इंतजार में पथराई विद्यार्थी

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Schools that were closed made a bad move to cycle..Ujjain MP
Schools that were closed made a bad move to cycle..Ujjain MP

अतुल पोरवाल
उज्जैन.
ग्रामीण विद्यार्थियों में शिक्षा का अलख जगाने मप्र सरकार ने २०५-१६ में एमपी साइकिल वितरण योजना शुरू की, जिसके तहत ६ से ९वीं तक के विद्यार्थियों को निशुल्क साइकिल वितरित की जाती है। वर्ष २०१९-२० तक साइकिल अपनी चाल पर दौड़ती रही, लेकिन दो साल के कोविड समय ने साइकिल की चाल बिगाड़ दी। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते २०२०-२१ व २०२१-२२ में स्कूल बंद रहे तो एमपी साइकिल वितरण योजना पर भी दो साल के लिए ताले लगे रहे। अब २०२२-२३ के शैक्षणिक सत्र में स्कूल खुले तो बजट के अभाव ने योजना में रोडा डाल रखा है। बहरहाल जिला शिक्षा कार्यालय से योजना के तहत पात्र छात्रों का चयन होकर इनका वेरिफिकेशन चल रहा है, जिन्हें बजट आवंटन के बाद साइकिल वितरित हो सकेगी। साइकिल के इंतजार में विद्यार्थियों की आंखें पथरा गई है, जो आधा सत्र गुजरने के बाद भी उम्मीद में हैं। जिला परियोजना समन्वयक गिरीश तिवारी के अनुसार इस वर्ष ७८१६ विद्यार्थी एमपी साइकिल वितरण योजना में पात्र पाए गए, जिनमें से ६ हजार का वेरिफिकेशन हो चुका है। बता दें कि इससे पहले वर्ष २०१९-२० में जिले के ६४१२ विद्यार्थियों को साइकिल वितरित हुई थी।

अभी बजट नहीं आया
यसइकिल वितरण के लिए हमने अपनी ओर से तैयारी कर ली है। अभी बजट नहीं होने से कब वितरण होगा यह कह पाना मुश्किल है, लेकिन बजट आते ही साइकिल का वितरण हो जाएगा।
-आनंद शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी

इस उद्देश्य से शुरू हुई थी योजना
एमपी साइकिल वितरण योजना की शुरुआत वर्ष 2015-16 में की गई थी। योजना के अंतर्गत सभी विद्यार्थियों को निशुल्क साइकिल वितरण की गई, जिससे उन्हें स्कूल आने जाने के लिए सुविधा मिली और वे बगैर किसी परेशानी के स्कूल आने-जाने लगे। यह योजना मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों को लाभान्वित करने के लिए शुरू की गई है।

यह है पात्रता के मापदंड
जिला शिक्षा कार्यालय की सांख्यिकीय अधिकारी संगीत श्रीवास्तव ने बताया कि एमपी साइकिल वितरण योजना का लाभ कक्षा 6 और कक्षा 9 के छात्रों को ही मिलता है। जो छात्र ६टी में या ९वीं में प्रवेश लेते हों वे साइकिल योजना का अधिकार रखते हैं, बशर्ते वे मापदंड में आ रहे हों। मापदंड का मतलब वह बच्चे जिनके गांव में माध्यमिक और हाई स्कूल नहीं है और उन्हें शिक्षा के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है।

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टिप्पणियाँ (43)

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

राहुल शर्मा
राहुल शर्माjust now

हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है

सोनिया वर्मा
सोनिया वर्माjust now

दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।

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