AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
AI-generated Summary, Reviewed by Patrika

विदेशों में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों की समस्याओं से जुड़ी एक गंभीर घटना में आगरा के निवासी धीरज जैन, उनकी पत्नी और छह महीने की बेटी अफ्रीका के कैमरून स्थित डौआला शहर में फंस गए हैं। धीरज जैन ने वीडियो संदेश और फोन कॉल्स के माध्यम से भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी में नौकरी करते हुए उनका कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो चुका है, मगर कंपनी प्रबंधन ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया है और उन्हें देश लौटने नहीं दिया जा रहा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि धीरज की पत्नी और छह महीने की बेटी आर्थिक संकट में हैं, और धीरज का कहना है कि अब बच्चे को दूध पिलाने तक के पैसे नहीं बचे हैं।
धीरज जैन आगरा के रहने वाले हैं और बीते एक वर्ष से कैमरून के डौआला शहर में एक निजी टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी में कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे। धीरज के अनुसार उनका एक वर्ष का कॉन्ट्रैक्ट पिछले महीने समाप्त हो गया, लेकिन कंपनी प्रबंधन ने उन्हें न तो बकाया भुगतान किया और न ही उनका पासपोर्ट लौटाया। धीरज का आरोप है कि कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है, लेकिन कंपनी वाले हमें जबरन रोककर रखे हुए हैं। पासपोर्ट छीन लिया है। हम लोग खाने तक के मोहताज हो गए हैं। बेटी को दूध तक नहीं दे पा रहे। हमारा जीवन खतरे में है, कृपया हमें वापस बुलाया जाए। उनके अनुसार कंपनी प्रबंधन बार-बार पासपोर्ट देने से इनकार कर रहा है और उन्हें कई बहानों से डराया-धमकाया जा रहा है।
स्थानिक परिस्थितियाँ भी उनके लिए बेहद कठिन हैं। धीरज ने बताया,उनके पास अब खाने-पीने के लिए पैसे नहीं बचे ।कंपनी ने रहने की सुविधा भी सीमित कर दी है,धीरज की पत्नी मानसिक तनाव से गुजर रही हैं। बच्ची के लिए आवश्यक दवाएं, दूध और अन्य जरूरतों का प्रबंध करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द मदद नहीं मिली तो हालत और गंभीर हो सकती है।
आगरा में धीरज के परिवार के सदस्यों ने स्थानीय प्रशासन और नेताओं से भी संपर्क किया है। धीरज के भाई ने बताया कि हमने विदेश मंत्रालय, भारतीय दूतावास और स्थानीय अधिकारियों को मेल और कॉल के जरिए सूचना भेजी है। लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हर दिन डर के साए में गुजर रहा है कि धीरज और उसके परिवार का क्या होगा। परिजन बार-बार अपील कर रहे हैं कि भारत सरकार तुरंत हस्तक्षेप करे और पासपोर्ट वापस दिलवाकर परिवार को भारत बुलवाए।
धीरज ने बताया कि उन्होंने कैमरून में स्थित भारतीय दूतावास से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई निश्चित सहायता नहीं मिली है। उनका कहना है कि कंपनी द्वारा पासपोर्ट रखने से पूरा परिवार कानूनी रूप से भी बंधक जैसी स्थिति में आ गया है। विदेश मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, कोई भी कंपनी बिना कानूनी आधार के कर्मचारी का पासपोर्ट जब्त नहीं कर सकती। लेकिन कई अफ्रीकी और मध्य-पूर्वी देशों में भारतीय कर्मचारियों को ऐसी समस्याओं का सामना अक्सर करना पड़ता है।
धीरज जैन ने अपनी छह महीने की बेटी की स्थिति पर विशेष चिंता जताई। उन्होंने बताया कि बच्ची का फॉर्मूला मिल्क खत्म हो चुका है। दवाइयाँ और आवश्यक सामान खरीदने के पैसे नहीं हैं। पत्नी भी तनाव में हैं और लगातार रो रही हैं।पासपोर्ट न होने की वजह से वे किसी भी एयरपोर्ट पर नहीं जा सकते। धीरज का कहना है कि अगर भारत सरकार तुरंत कदम नहीं उठाती तो उनकी बच्ची की जान को भी खतरा हो सकता है।
धीरज और उनके परिवार ने भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से निवेदन किया है कि कंपनी से पासपोर्ट वापस दिलाया जाए .इमरजेंसी ट्रैवल डॉक्यूमेंट जारी किया जाए ।उन्हें और परिवार को भारत वापस लाने के लिए त्वरित व सुरक्षित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए सरकार हमेशा तत्पर रही है, और उन्हें भी ऐसे ही संरक्षण और मदद की उम्मीद है। कॉन्ट्रैक्ट नियम और विदेशी रोजगार पर उठ रहे सवाल।
यह मामला विदेशी रोजगार और कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के साथ किए जाने वाले व्यवहार पर भी सवाल खड़ा करता है। बिना पासपोर्ट वापस किए किसी कर्मचारी को रोकना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है। कई बार भारतीय कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पढ़े बिना विदेश चले जाते हैं। कठिन परिस्थितियों में वे कंपनियों के शोषण का शिकार हो जाते हैं। रोजगार विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को ऐसे मामलों पर कड़े कदम उठाने चाहिए और कंपनियों की सख्त निगरानी होनी चाहिए।
राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

राजद के कई बड़े नेता और तेजश्री यादव की पत्नी ने कहा था कि बिहार में खेल होना अभी बाकि है। ऐसा होने के डर से ही नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के नजदीक चाणक्य होटल में रात को रुकवाया।

क्या आपको लगता है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
संबंधित विषय:
Updated on:
20 Nov 2025 01:24 pm
Published on:
20 Nov 2025 01:21 pm


यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है... यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
हाँ, ये सोचने वाली चीज़ है
दिलचस्प विचार! आइए इस पर और चर्चा करें।