AI-generated Summary, Reviewed by Patrika
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पिपलोद में ईसा मसीह के जन्म दिवस पर हुआ आयोजन, कब्रिस्तान पहुंचकर अपनों को किया याद
अटरू. अटरू के पिपलोद गांव में ईसाई समुदाय द्वारा गुरुवार को क्रिसमस का त्योहार बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया और एक दूसरे के गले मिलकर प्रेम से क्रिसमस की बधाई दी गई। अटरू कस्बे से 9 किलोमीटर दूर स्थित पिपलोद गांव में स्थित जंगल-मंगल मंडली सीएनआई चर्च में प्रभु ईसा मसीह की आराधनाओं के साथ सामूहिक विशेष प्रार्थना सभा में बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग मौजूद रहे। क्रिसमस की तैयारी को लेकर चर्च को विद्युत साज-सज्जा, फुलवारी से आकर्षक रूप से सजाया गया था। वहीँ ईसाई समुदाय के लोगों ने घरों पर आकर्षक विद्युत सजावट कर क्रिसमस ट्री सजाए।
सुबह से ही गांव में गहमागहमी
ईसाई समुदाय के लोग जंगल मंगल मंडली सीएनआई चर्च में प्रभु ईसा मसीह की आराधना के लिए प्रात: से ही रंग-बिरंगे नए परिधानों में सजदवर कर महिलाएं वह बच्चे भी पहुंचे जो चर्च पर भीड़ जमा हो गई और आराधना के लिए चर्च के हाल में कुर्सियों पर बैठकर प्रभु ईसा मसीह का संदेश सुना। क्लब के सचिव डेनिस डेनियल ने बताया कि समाज के लोग आराधना के लिए सज धज कर नए कपड़ों में चर्च पहुंचे। यहां फास्टर ऐरिक मसीह ने आराधना करवा कर बाइबल के प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि ईसा मसीह प्रेम सद्भावना आपस में भाईचारा और प्रेम से रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु का जन्म क्रिसमस के दिन हुआ था, इसलिए इसे पूरी दुनिया में क्रिसमस-डे के रूप में मनाया जाता है। आराधना के समापन के बाद प्रसाद के रूप में केक का वितरण किया और चर्च परिसर में सभी ने एक दूसरे के गले मिलकर क्रिसमस डे की बधाई देकर प्रभु यीशु को याद किया।
पूर्वजों को कब्र पर जाकर किया नमन
क्लब खजांची रैफायल जार्ज ने बताया कि चर्च से आराधना के बाद ईसाई समाज के लोग कब्रिस्तान में जाकर पूर्वजों को याद कर कर पर पुष्प अर्पित कर उनको याद करते हैं। इस गांव से बाहर रहने वाले परिवार भी इसी याद को लेकर सैकड़ो किलोमीटर दूर से यहां आते हैं और क्रिसमस डे पर अपने पूर्वजों की शांति के लिए प्रार्थना कर पुष्प अर्पित करते हैं।
दूर-दूर से आते हैं त्योहार मनाने
इस गांव से जुड़े ईसाई समाज के लोग दूर-दूर से अपनों की याद में पहुंचकर क्रिसमस डे मानते हैं। इस गांव से जुड़े लोग भारत के कई राज्य जिसमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, मुंबई, दिल्ली, बिहार सहित कई राज्यों से पहुंचे। परिवार के लोगों क्या करना है कि त्योहार पर अपनों के बीच रहने की कुछ खुशी अलग ही होती है। गांव में त्योहार पर खुशी का माहौल देखकर बहुत अच्छा लगता है। हमारी खुशियां अपनों के बीच रहकर दुगनी हो जाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर ईसाई समुदाय से नहीं बल्कि अपने लोगों से मिलकर भी बहुत बड़ी खुशी होती है। इससे आपसी भाईचारा बना रहता है।
यीशु की याद में सजाते हैं क्रिसमस ट्री
यहां पर ईसाई समाज के लोगों महिलाओं द्वारा बताया गया कि घर-घर क्रिसमस ट्री बनाकर घरों में सजावट की जाती है। उन्हें उम्मीद होती है कि प्रभु यीशु उन्हें ढेर सारी खुशियां देंगे। क्रिसमस बच्चों के लिए खास होता है। सभी घरों में केक बनाया जाता है और तरह-तरह की मिठाई बनाकर अपनों के साथ खुशी बांटते हैं।
बड़े दिन पर मेले का होता है आयोजन
पिपलोद में बड़े दिन पर दो दिवसीय मेले का आयोजन होता है। यहां 15 दिसंबर से ही चकरी झूले आदि आने लगते हैं। आसपास ग्रामीण क्षेत्र से महिलाएं यहां पहुंच कर खरीदारी करती है। और गांव में आए मेहमान भी मेले का आनंद लेते हैं।
अंग्रेजों के जमाने का बंगला पर्यटन का केंद्र
खजांची रैफायल जॉर्ज ने बताया कि पिपलोद में निर्मित आलीशान बंगला आज भी पर्यटन का केंद्र है। मिशन स्कूल उस समय का शिक्षा केंद्र था। इसकी इमारत अभी भी बनी हुई है। सीएनआई चर्च के प्रेस इंचार्ज रेव्ह ऐरिक मसीह ने बताया कि गांव के लोगों में सद्भावना, एकता का अटूट विश्वास है। दिवाली पर ङ्क्षहदुओं के घरों में मिठाइयां खाते है, वहीं ङ्क्षहदू समुदाय के लोग क्रिसमस का पकवान गूंजा हमारे यहां खाते हैं। गुरुवार को चर्च हॉल में प्रार्थना सभा में देश में खुशहाली, शांति, सौहाद्र्र की कामना की गई।
नव वर्ष तक होते हैं कार्यक्रम
क्रिसमस पर्व से नववर्ष तक कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें 24 दिसंबर बुधवार को यूथ फैलोशिप की ओर से कैरोल ङ्क्षसगिग आयोजित किया। वहीं 25 को चर्च में प्रार्थना सभा एवं आराधना, 27 को दोपहर एक बजे से नए खेल मैदान में खेलकूद प्रतियोगिता, शाम 7 बजे से चर्च हॉल में एकल व सामूहिक गान प्रतियोगिता, 28 को सुबह 10 बजे से नए खेल मैदान में नेगी दादा की स्मृति में फुटबॉल प्रतियोगिता होगी। शाम को मसीह गीतों की अंताक्षरी होगी। 29 को विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिता, 30 को शाम 7 बजे बाइबिल क्विज, 31 दिसंबर शाम 5 बजे से स्कॉट व पुरस्कार वितरण कार्यक्रम होगा। इसके बाद 1 जनवरी को नए साल की आराधना के साथ प्रभुभोज का आयोजन किया जायेगा।
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लव सोनकर
लव सोनकर - 9 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिछले 7 सालों से डिजिटल मीडिया से जुड़े हुए हैं और कई संस्थानों में अपना योगदान दि है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता ए...और पढ़ें...
Published on:
25 Dec 2025 10:48 pm


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